स्वास्थ्य: साल 2019 की बात है जब चीन के जिआंग्सू प्रांत में एक बुजुर्ग व्यक्ति भरी दोपहरी में अपने खेत में काम कर रहे थे। तेज गर्मी में वहां का पारा भी लगभग 42 डिग्री पार कर चुका था। हालांकि जब वह घर से निकले थे तो उन्हें थोड़े चक्कर आए थे, लेकिन उन्हें लगा कि मौसम के कारण ऐसा हुआ होगा। लेकिन दोपहर होते-होते वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े।
दरअसल उन्हें हार्ट अटैक आया था और हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
आपको बता दें कि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल के अनुसार चीन के जिआंग्सू प्रांत में महज 5 साल में ही 2 लाख से अधिक हार्ट अटैक के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर मौतें तो हीट वेव तथा एयर पॉल्यूशन के कारण हुई थीं।
भारत में भी बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा!
गौरतलब है कि यह स्टडी भले सिर्फ चीन की है, लेकिन बढ़ती गर्मी से हार्ट अटैक का खतरा भारत में भी लगातार बढ़ रहा है। दरअसल भारत के कई शहरों में गर्मियों के समय टेम्परेचर 45 डिग्री तक भी पहुंच रहा है। भारतीय मौसम विभाग के द्वारा कई शहरों में हीटवेव का अलर्ट जारी कर दिया गया है।
बता दें कि ज्यादा गर्मी में हार्ट अटैक का जोखिम और भी अधिक बढ़ जाता है। इसलिए आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर एक्सट्रीम हीट में हार्ट अटैक का खतरा कितना अधिक बढ़ सकता है और क्या हम लगातार बढ़ती गर्मी में कुछ उपाय करके हार्ट अटैक जैसे खतरों से बच सकते हैं? साथ ही कुछ प्रश्नों के जवाब भी जाएंगे जैसे:
* गर्मियों में ही हार्ट अटैक क्यों होते हैं?
* गर्मियों में किन लोगों को हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा होता है?
* हार्ट अटैक से बचने के लिए हमें क्या उपाय करने चाहिए?
गर्मी से करीब 233% तक बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा:
गौरतलब है कि मेडिकल जर्नल सर्कुलेशन में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार अमेरिका में अधिक गर्मी की वजह से हार्ट अटैक से हुई मौतें इस सदी के बीच तक करीब 162 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
वहीं अगर ग्रीन हाउस गैसों (GHG) को कम करने के लिए जल्द ही बड़े कदम नहीं उठाए गए, तो एक यह अनुमान भी है कि साल 2036 से लेकर साल 2065 के बीच में ज्यादा गर्मी की वजह से हार्ट अटैक से हो रही मौतों में लगभग 233% तक की बढ़ोत्तरी भी हो सकती है।
आइए जानते हैं कि आखिर गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा!
दरअसल गर्मियों के दिनों में शरीर खुद को ठंडा रखने के लगातार कोशिश करता है और इसके लिए शरीर अपना टेम्परेचर कंट्रोल करने हेतु ज्यादा पसीना बहाता है। अतः ज्यादा पसीना आने से शरीर में डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। इसके लिए हमारी स्किन को ज्यादा खून चाहिए होता है अर्थात ब्लड सप्लाई अधिक होनी जरूरी है जिसके लिए ब्लड फ्लो को बढ़ाना पड़ता है। जिस वजह से हार्ट को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और दवाब बढ़ जाता हैं।
किन लोगों को हो सकता है सबसे ज्यादा खतरा?
डॉ. अवधेश शर्मा के अनुसार ज्यादा गर्मी अर्थात हीटवेव के दौरान शरीर पर स्ट्रेस भी बढ़ता है, जिससे दिल को सामान्य से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए इसका सबसे ज्यादा खतरा इन लोगों को हो सकता है:
* जिन्हें कार्डियोवस्कुलर डिजीज है, अर्थात अगर किसी को कोरोनरी आर्टरी डिजीज अथवा कभी हार्ट फेल्योर हुआ है।
* जो हाई ब्लड प्रेशर अथवा डायबिटीज के पेशेंट्स हैं, क्योंकि इन लोगों की ब्लड वेसल्स पहले से ही बेहद संवेदनशील होती हैं।
* बुजुर्ग व्यक्ति यानि जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है। इन लोगों की थर्मोरेगुलेशन क्षमता काफी कमजोर हो जाती है।
* प्रेग्नेंट महिलाएं, क्योंकि इनके शरीर पर दोहरी जिम्मेदारी होती है, जिस वजह से दिल पर बोझ काफी दिख बढ़ जाता है।
* शहरी गर्म इलाकों में रहने वाले लोग को भी अधिक खतरा होता है, खास कर जिनके पास आमतौर पर पर्याप्त कूलिंग की सुविधाएं भी नहीं होती हैं।
* बहुत मेहनत करने वाले मजदूर और खुले में काम करने वाले लोग। खासतौर पर वह लोग जो कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं, डिलीवरी मैन हैं अथवा धूप में काम करते हैं।
आइए जानें कि कैसे बचें हार्ट अटैक से?
दरअसल जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ हमारे पर्यावरण का मुद्दा ही नहीं है, बल्कि हेल्थ इक्विटी का भी एक बड़ा सवाल बन गया है। इससे सबसे ज्यादा खतरा तो गरीब और बुजुर्ग लोगों को होता हैै। वहीं आने वाले सालों में एक्सट्रीम हीट की वजह से कार्डियक हेल्थ सबसे बड़ी चुनौती बन कर सामने आ सकती है। हालांकि इससे बचने के कुछ आसान उपाय भी मौजूद हैं-
* अपने हाइड्रेशन का भरपूर ख्याल रखें
इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर ड्रिंक्स पिएं। ताकि हमारे शरीर में पानी एवं मिनरल्स की कमी न हो पाए। साथ ही नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी जैसे देसी पेय भी काफी मददगार हैं।
* तेज धूप से बचने की करें पूरी कोशिश
इसके लिए सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 4 बजे तक अपने घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। क्योंकि यह समय सबसे अधिक तापमान वाला होता है।
* हल्के और ढीले कपड़ा पहनें:
आपको हल्के रंग के, सूती तथा पसीना सोखने वाले कपड़े पहनने चलिए। साथ ही अपने शरीर को खुला एवं ठंडा रखें।
* हार्ट पेशेंट्स नियमित रूप से लें दवा
अगर आप पहले से ब्लड प्रेशर अथवा दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो अपनी दवाएं समय पर लें तथा डॉक्टर की सलाह के बिना डोज़ में कोई भी बदलाव न करें।
* कैफीन और शराब से रहे दूर!
गर्मियों में चाय, कॉफी तथा शराब से दूर रहें क्योंकि यह आपके शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं तथा दिल पर दबाव डालते हैं। इसलिए इनका सेवन सीमित अथवा न के बराबर करें।
* खान-पान में बरतें ये सावधानीयां
इस मौसम में तला-भुना, मसालेदार तथा भारी खाना आपके दिल पर ज़्यादा लोड डालता है। इसलिए हल्का, सुपाच्य एवं फाइबरयुक्त आहार ही लें।
* वॉक अथवा वर्कआउट सुबह-शाम करें
अगर आप एक्सरसाइज करते हैं, तो उसे गर्मी के पीक टाइम पर बिल्कुल न करें। सुबह जल्दी अथवा शाम को हल्की वॉक करना शरीर के लिए बेहतर होगा।
* AC और कूलर से निकलते वक्त बरतें ये सावधानी
यदि आप बहुत ठंडे कमरे में हैं, तो वहां से सीधे बाहर गर्मी में न निकलें। अपने शरीर को कमरे के तापमान से धीरे-धीरे सामंजस्य बनाने दें।