थकान, बेचैनी, नींद न आना...कहीं ये डिप्रेशन का सिग्नल तो नहीं!: 8 में से 1 भारतीय को मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम, वक्त रहते पहचाने लक्षण और बरते ये सावधानियां?
थकान, बेचैनी, नींद न आना...कहीं ये डिप्रेशन का सिग्नल तो नहीं!

समाज: दुनिया भर में आज वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day 2025) मनाया जा रहा है।
यह दिन हर साल 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में इसके प्रति मौजूद चुप्पी और शर्म को तोड़ने के लिए मनाया जाता है। इस साल का विषय है “Access to Services- Mental Health in Catastrophes and Emergencies” यानी संकट या आपदा के समय मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना।

मानसिक स्वास्थ्य: शरीर नहीं, मन का संतुलन भी ज़रूरी:

हममें से कई लोग दिनभर थकान, बेचैनी या अनजाना डर महसूस करते हैं पर इसे सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। दरअसल यह डिप्रेशन (Depression) या एंग्ज़ाइटी (Anxiety) जैसे मानसिक विकारों की शुरुआती निशानियाँ हो सकती हैं।

WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, भारत में हर 8 में से 1 व्यक्ति किसी न किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित है।
NIMHANS (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज़) के सर्वे में यह भी सामने आया कि देश की लगभग 14% आबादी किसी स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य समस्या झेल रही है।

ये हैं संकेत कि आपका मन मदद मांग रहा है:

अगर आपको निम्न बातें महसूस होती हैं तो यह चेतावनी संकेत हो सकते हैं:

• बिना वजह थकान या कमजोरी महसूस होना
• हाथ या शरीर काँपना
• नींद का पैटर्न बदल जाना या तो बहुत सोना या बिल्कुल नींद न आना
• चिड़चिड़ापन, गुस्सा या अचानक रो पड़ना
• पहले जिन चीज़ों में रुचि थी, अब उनमें मन न लगना
• दोस्तों और परिवार से दूरी बनाना
• ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

अगर आप इन लक्षणों को लगातार महसूस कर रहे हैं तो यह समय है कि आप अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान दें।

सिर्फ 2 मिनट में करें आत्म-जांच (Self Check):

अपने आप से ये 5 सवाल पूछिए:
क्या आप पिछले कुछ हफ़्तों से उदास या बेचैन महसूस कर रहे हैं?
क्या आपको हर चीज़ बेकार या निरर्थक लगती है?
 क्या नींद या भूख में बदलाव महसूस हुआ है?
क्या आपको रोज़मर्रा के काम बोझ लगते हैं?
क्या आप लोगों से दूर रहने की कोशिश करते हैं?

अगर इन 5 में से 3 या अधिक का उत्तर “हाँ” है तो यह संकेत है कि आपको मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से बात करनी चाहिए।

भारत और दुनिया में बढ़ती चिंता:

WHO के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में करीब 28 करोड़ लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। भारत में महिलाओं में एंग्ज़ाइटी और पुरुषों में आत्महत्या की प्रवृत्ति ज़्यादा देखी जाती है।

AIIMS दिल्ली की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड महामारी के बाद देश में मानसिक बीमारियों के मामले 35% तक बढ़े हैं जिनमें से सबसे अधिक प्रभावित युवा वर्ग है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में 1,600 से ज़्यादा छात्रों पर हुए सर्वे में पाया गया कि 70% छात्रों को एंग्ज़ाइटी और 60% को डिप्रेशन के लक्षण हैं।

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बढ़ रही पहलें:

Apple ने इस बार World Mental Health Day पर “Mindfulness Award” की शुरुआत की है, जिसमें रोज़ाना 10 मिनट मेडिटेशन करने वाले यूज़र्स को डिजिटल बैज दिया जा रहा है।

भारत सरकार ने Tele-MANAS हेल्पलाइन (1800-599-0019) शुरू की है जहाँ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मुफ्त में बात की जा सकती है।

Live Love Laugh Foundation (दीपिका पादुकोण की पहल), MindPeers, Wysa, और YourDOST जैसे ऐप्स लोगों को ऑनलाइन थेरेपी और काउंसलिंग सेवाएँ दे रहे हैं।

कई विश्वविद्यालयों जैसे IIT, IIM, और DU में अब ‘मेंटल हेल्थ सेल्स’ खोले गए हैं ताकि छात्र तनाव-मुक्त रह सकें।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है #ItsOkayToNotBeOkay

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर सोशल मीडिया पर #MentalHealthAwarenessDay और #ItsOkayToNotBeOkay जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
लोग अपने अनुभव साझा कर रहे हैं ताकि दूसरों को यह एहसास हो कि “मदद माँगना कमजोरी नहीं, समझदारी है।”
दीपिका पादुकोण, वरुण धवन और श्रद्धा कपूर जैसे सेलिब्रिटी भी खुलकर बता चुके हैं कि उन्होंने डिप्रेशन के दौर से कैसे बाहर निकलकर खुद को संभाला।

मन को स्वस्थ रखने के आसान उपाय:

 दिन में कम से कम 20 मिनट पैदल चलें या योग करें।
 8 घंटे की नींद पूरी करें और नियमित दिनचर्या रखें।
 सोशल मीडिया से कुछ समय का डिटॉक्स लें।
 अपने किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवारजन से खुलकर बात करें।
ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर या काउंसलर से सलाह लेने में हिचकिचाएँ नहीं।

मदद के लिए कहाँ संपर्क करें:

Tele-MANAS Helpline (भारत सरकार):  1800-599-0019

AASRA (24×7 हेल्पलाइन):  91-9820466726

Vandrevala Foundation Mental Health Helpline:  1860 266 2345

Lifeline Foundation (कोलकाता): 033 2474 4704

याद रखें मानसिक स्वास्थ्य समस्या कोई शर्म की बात नहीं है। मदद माँगना साहस की निशानी है।

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