लाइफस्टाइल : क्या आपने कभी आईने में झांकते हुए सोचा है कि "ये मेरे बाल इतने कम कैसे हो गए?" पोनीटेल पहले जैसी घनी नहीं रही, मांग अब साफ चौड़ी दिखने लगी और कनपट्टी पर सफेदी की पहली लकीर नज़र आने लगी। ये सब अचानक नहीं होता, बल्कि ये शरीर के भीतर सालों से चल रहे बदलाव का नतीजा है।
हार्मोनल बदलाव ही नहीं, तनाव भी है दुश्मन :
आपको जानकारी के लिए ब्रा दें कि विशेषज्ञ बताते हैं कि 40 की उम्र पार करते ही शरीर में एस्ट्रोजन और ग्रोथ हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। यही हार्मोन बालों के ग्रोथ साइकिल को लंबा बनाए रखते हैं। जब इनकी कमी होती है तो बाल समय से पहले गिरने लगते हैं और सफेद होने लगते हैं। इसके साथ ही नींद की कमी, लगातार तनाव, थायरॉइड और पोषण की कमी इस प्रक्रिया को और तेज़ कर देते हैं।
सही खानपान से बदल सकती है तस्वीर :
गौरतलब है कि बालों की जड़ें मजबूत करने के लिए बाहर से तेल मालिश से ज्यादा असर अंदर से मिलने वाले पोषण का होता है। हर मील में प्रोटीन जरूर लें यानी पनीर, दाल, अंडा या स्प्राउट्स। साथ ही आयरन और विटामिन C को साथ खाएं जिसमें पालक पर नींबू निचोड़ें या अमरूद खा सकते हैं। रोजाना दो चम्मच कद्दू के बीज या भुना चना जिंक और बायोटिन के लिए पर्याप्त हैं। साथ ही ओमेगा-3 के लिए अलसी या अखरोट लें। कॉपर के लिए राजमा और काजू कारगर हैं। अगर ब्लड टेस्ट में फेरिटिन या विटामिन D की कमी सामने आए, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लेना जरूरी है।
लाइफस्टाइल के छोटे बदलाव, बड़े फायदे :
विदित है कि बालों को बचाने के लिए खानपान के साथ लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देना जरूरी है। रोज 7 घंटे की गहरी नींद लें, क्योंकि रात में निकलने वाला ग्रोथ हार्मोन बालों की ग्रोथ बढ़ाता है। दिनभर में कम से कम 2 लीटर पानी पीना जरूरी है। साथ ही स्ट्रेस कंट्रोल के लिए बॉक्स ब्रीदिंग जैसी आसान तकनीक अपनाएं। हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें, जिससे हार्मोन एक्टिव होकर बालों की जड़ों को मोटा बनाते हैं।
योग और एक्सरसाइज से सिर तक पहुंचेगा ब्लड फ्लो :
आपको बता दें कि 6 मिनट का छोटा-सा योग और सर्कुलेशन रूटीन बालों तक ज्यादा पोषण और ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसमें अधोमुख स्वानासन, सर्वांगासन, उष्ट्रासन और स्कैल्प टैपिंग जैसी तकनीकें शामिल हैं। इनसे जड़ों तक खून का बहाव बढ़ता है और फॉलिकल्स एक्टिव रहते हैं।
जानें ऑयलिंग कितनी कारगर?
गौरतलब है कि 2022 की एक स्टडी में सामने आया कि हफ्ते में दो बार नारियल या तिल के तेल की मालिश से बाल टूटने में 30% तक कमी आई। हालांकि ओवरनाइट ऑयलिंग ज्यादा असर नहीं करती, बस तकिए को गंदा करती है।
हेयरफॉल से जुड़े फैक्ट्स :
गौरतलब है कि बालों से जुड़े कई फैक्ट हैं जिन्हें जानना बहुत जरूरी है।
●बाल काटने से उनकी ग्रोथ नहीं बढ़ती, सिर्फ सिरे साफ दिखते हैं।
●सफेद बाल उखाड़ने से और नहीं आते, लेकिन बार-बार प्लक करने से जड़ कमजोर हो जाती है।
●गंजापन सिर्फ जेनेटिक नहीं, बल्कि तनाव और गलत खानपान भी बड़ी वजह है।
●सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि 50 की उम्र तक 40% महिलाएं भी बाल पतले होने की समस्या से जूझती हैं।
बालों का झड़ना अब सिर्फ "किस्मत" या "परिवारिक जेनेटिक विरासत" की कहानी नहीं है। ये हमारी आदतों, जीवनशैली और खानपान का भी आईना है। अच्छी खबर यह है कि इन बदलावों को अपनाकर सिर्फ 90 दिनों में आप फर्क देख सकते हैं। यानी हेयरफॉल से लड़ाई हारनी नहीं है, बस थोड़ी समझदारी और हेल्दी चॉइसेज की जरूरत है।