हाई BP से भी ज़्यादा ख़तरनाक है लो BP!: एक झटके में जा सकती है जान, जानिए कैसे करें पहचान और बचाव
हाई BP से भी ज़्यादा ख़तरनाक है लो BP!

हेल्थ : जब भी ब्लड प्रेशर (BP) की बात होती है, ज़्यादातर लोगों का ध्यान केवल हाई BP यानी उच्च रक्तचाप की तरफ जाता है। लेकिन डॉक्टरों की ताज़ा चेतावनी कहती है कि अब वक्त आ गया है लो बीपी को भी गंभीरता से लेने का! क्योंकि यह उतना ही नहीं, बल्कि उससे कहीं ज़्यादा जानलेवा हो सकता है।

क्या है लो ब्लड प्रेशर? कब होता है जान का ख़तरा?

आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति का BP लगातार 90/60 mmHg से नीचे बना रहता है, तो इसे हाइपोटेंशन (Low BP) कहा जाता है। यह स्थिति शरीर के दिल, दिमाग, किडनी जैसे प्रमुख अंगों तक पर्याप्त खून नहीं पहुंचने देती, जिससे इनका काम रुक सकता है और यही स्थिति मौत तक का कारण बन सकती है। सिर्फ हाई BP से स्ट्रोक नहीं होता, लो BP में भी बेहोशी, ब्रेन डैमेज और हार्ट फेलियर तक का खतरा है।

कार्डियोलॉजिस्ट की चौंकाने वाली रिपोर्ट :

गौरतलब है कि जिन लोगों का सिस्टोलिक बीपी (ऊपरी संख्या) 90 mmHg से नीचे होता है, उनमें मृत्यु दर सबसे ज़्यादा देखी गई। लो बीपी वालों को अक्सर इमरजेंसी मेडिकल सपोर्ट की जरूरत पड़ती है, लेकिन लोग इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

लो बीपी से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?

 1. दिमाग में ऑक्सीजन की कमी - चक्कर, धुंधलापन, बेहोशी, स्ट्रोक का खतरा

 2. किडनी फेलियर का रिस्क - कम रक्त प्रवाह से किडनी डैमेज

3. दिल की धड़कन रुक सकती है : पर्याप्त खून न मिलने पर हार्ट स्टॉप।

4. गर्भपात का खतरा - गर्भवती महिलाओं में भ्रूण तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित।

5. थकान, ठंडे हाथ-पैर, और कमजोरी : शरीर का हर हिस्सा प्रभावित।

क्या है लो बीपी के लक्षण? :

●बार-बार चक्कर आना या बेहोशी
●धुंधला दिखाई देना
●थकान और कमजोरी बनी रहना
●हाथ-पैरों में ठंडापन
●सांस लेने में दिक्कत

कैसे करें बचाव? अपनाएं ये उपाय :

●डॉक्टर की सलाह से थोड़ा अधिक नमक लें
●शरीर को हाइड्रेटेड रखें, खूब पानी पिएं
●बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाएं
●तेज़ उठने या अचानक खड़े होने से बचें
●नियमित रूप से ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें

अगर आपको लगता है कि चक्कर आना या थकावट सिर्फ काम की वजह से है तो ध्यान दें, ये लो बीपी की गंभीर चेतावनी हो सकती है।

ब्लड प्रेशर का लो होना उतना ही खतरनाक है जितना इसका हाई होना। फर्क सिर्फ इतना है कि हाई बीपी को तो लोग पहचानते हैं, लेकिन लो बीपी को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं और यही लापरवाही जानलेवा बन जाती है। अगर बार-बार थकान, चक्कर या बेहोशी महसूस हो रही है, तो इसे मामूली न समझें। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। क्योंकि लो बीपी एक 'साइलेंट किलर' है, जो एक दिन बिना आवाज़ किए जान ले सकता है!

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