350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा राजस्थान!: 37 लाख करोड़ का निवेश, पर्यटन से लेकर ऑटोमोबाइल हर सेक्टर....जानें कैसे बदलेगी राजस्थान की तस्वीर
350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा राजस्थान!

 जयपुर: राजस्थान अब केवल रेगिस्तान, किले और महलों के लिए नहीं जाना जाएगा, यह राज्य अब 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ी से दौड़ रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में "राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट" के तहत 37 लाख करोड़ रुपए के ऐतिहासिक एमओयू साइन किए गए हैं, जिनमें से 3 लाख करोड़ रुपए के निवेश पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं। यह न केवल राज्य के आर्थिक भविष्य की तस्वीर बदलने वाला कदम है, बल्कि देश के निवेश नक्शे पर राजस्थान को सबसे ऊपर लाने की निर्णायक पहल भी है।

350 बिलियन डॉलर का सपना, 2030 की डेडलाइन:

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा राजस्थान को 2030 तक 350 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई खोखला सपना नहीं, बल्कि धरातल पर उतरती योजनाओं और निवेश परियोजनाओं के बल पर हासिल किया जाने वाला मजबूत लक्ष्य है।

पर्यटन से लेकर टेक्सटाइल तक, हर सेक्टर में छलांग:

गौरतलब है कि पर्यटन, मेडिकल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ऑटोमोबाइल और हेल्थकेयर, राजस्थान सरकार हर सेक्टर में निवेश को धरातल पर उतारने में जुट गई है। मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में बताया गया कि नए मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, टेक्सटाइल हब्स और ई-व्हीकल प्लांट्स की प्लानिंग शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को जमीन आवंटन में देरी न करने की कड़ी चेतावनी दी है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल और मेडिकल सेक्टर में सुनहरी क्रांति:

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-व्हीकल सेक्टर राजस्थान के लिए भविष्य है। ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ हुए एमओयू से हजारों करोड़ का निवेश आ रहा है। वहीं मेडिकल सेक्टर में गांव-ढाणी तक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने और नए मेडिकल कॉलेज खोलने की योजनाएं युवाओं के लिए रोजगार के बड़े द्वार खोलेंगी।

निवेशकों की सुविधा के लिए सिंगल विंडो और ऐप लॉन्च:

जानकारी के अनुसार राजस्थान सरकार ने एक ऑनलाइन इन्वेस्टर इंटरफेस मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे निवेशक अपने प्रस्ताव की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं और अफसरों से सीधे संवाद कर सकते हैं। डायरेक्ट लैंड एलॉटमेंट पॉलिसी को 30 अप्रैल तक के सभी एमओयू धारकों पर लागू कर दिया गया है। ये सभी निवेशक अब बिना देरी के औद्योगिक ज़मीन के मालिक बन सकेंगे।

सरकारी-निजी क्षेत्र में 10 लाख रोजगार:

विदित है कि मुख्यमंत्री ने एलान किया कि आगामी पांच वर्षों में सरकारी क्षेत्र में 4 लाख और निजी क्षेत्र में 6 लाख रोजगार सृजित किए जाएंगे। साथ ही डेढ़ लाख युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने का लक्ष्य तय किया गया है, जिससे राजस्थान का युवा न केवल राज्य में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकेगा।

18 नए औद्योगिक क्षेत्र, राजस्थान फाउंडेशन के 14 नए चैप्टर्स:

आपको बता दें कि सरकार 18 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना करने जा रही है, जो विभिन्न सेक्टरों की ज़रूरत के मुताबिक डिज़ाइन किए गए हैं। साथ ही राजस्थान फाउंडेशन के दुबई, टोक्यो, नैरोबी, म्यूनिख, सिंगापुर जैसे वैश्विक शहरों में 14 नए चैप्टर्स खोलने की भी घोषणा हुई, जो एनआरआई और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करेंगे।

‘विकसित राजस्थान 2047’: मोदी के विजन को राज्य में उतारने की तैयारी:

गौरतलब है कि सीएम शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' विजन को राजस्थान में 'विकसित राजस्थान 2047' में बदलने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, यह हर युवा के हाथ में नौकरी, हर किसान की जेब में समृद्धि और हर उद्यमी के पास अवसर की कुंजी है।"

तीन नीतियों का विमोचन: लॉजिस्टिक, डाटा सेंटर और वस्त्र नीति:

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले ही राजस्थान लॉजिस्टिक नीति-2025, डाटा सेंटर नीति-2025, और वस्त्र एवं परिधान नीति-2025 का भी लोकार्पण किया। इन नीतियों से राजस्थान में निवेश के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा और कारोबारी माहौल तैयार किया जा रहा है।राजस्थान में 3 लाख करोड़ का निवेश कोई छोटी बात नहीं। यह बताता है कि अब यह राज्य केवल "पर्यटन की भूमि" नहीं, बल्कि उद्योग, नवाचार और रोजगार की भूमि भी बन रहा है। यदि यह रफ्तार बनी रही, तो 2030 तक राजस्थान न केवल 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, बल्कि देश की आर्थिक रीढ़ साबित होगा।

 

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