लखनऊ/नई दिल्ली : लखनऊ की सियासत में रविवार को एक बड़ा और निर्णायक अध्याय जुड़ गया। महाराजगंज से सात बार के लोकसभा सांसद और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। सबसे खास बात यह चुनाव निर्विरोध हुआ। यानी, पार्टी के भीतर पूरी सहमति और एकजुटता के साथ नाम तय किया गया। डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में हुए भव्य आयोजन में केंद्रीय चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पंकज चौधरी के नाम का औपचारिक ऐलान किया। इसके साथ ही पंकज चौधरी 1980 में भाजपा के गठन के बाद यूपी के 17वें प्रदेश अध्यक्ष बन गए।
नाम की घोषणा, शंख-डमरू की गूंज और सत्ता का संदेश :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जैसे ही मंच से पंकज चौधरी के नाम की घोषणा हुई, सभागार में शंख और डमरू की ध्वनि गूंज उठी। माहौल पूरी तरह राजनीतिक से ज्यादा सांस्कृतिक और भावनात्मक हो गया। घोषणा के बाद पंकज चौधरी ने मंच पर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, जिसे सत्ता और संगठन के बीच मजबूत तालमेल का साफ संकेत माना जा रहा है। इतना ही नहीं, मंच पर भूपेंद्र सिंह चौधरी और पंकज चौधरी की कुर्सी बदली, जो यह बताने के लिए काफी था कि अब पार्टी की कमान औपचारिक रूप से नए हाथों में है।
किसी ने नहीं भरा नामांकन, इसलिए निर्विरोध जीत :
गौरतलब है कि शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया हुई, लेकिन पंकज चौधरी के खिलाफ किसी ने भी पर्चा नहीं भरा। यही वजह रही कि रविवार को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। भाजपा संगठन पर्व के तहत यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की निगरानी में पूरी हुई।
120 राष्ट्रीय परिषद सदस्य भी घोषित :
गौरतलब है कि इस मौके पर भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के 120 सदस्यों के नामों की भी घोषणा की गई। इनमें पार्टी और सरकार के लगभग सभी बड़े चेहरे शामिल हैं जैसे कि :
● प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
● रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
● उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक
● स्मृति ईरानी
● महेंद्र नाथ पांडेय
● स्वतंत्र देव सिंह
● सूर्य प्रताप शाही
● डॉ. रमापति राम त्रिपाठी
यही राष्ट्रीय परिषद आगे चलकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करती है।
तीन दिन में बदला खेल, आखिरी वक्त तक बना रहा सस्पेंस :
विदित है कि प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर अंतिम समय तक रहस्य बना रहा। सुबह से पार्टी कार्यालय में हलचल रही। कई नामों पर अटकलें लगी रही। साध्वी निरंजन ज्योति से लेकर अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में रहे। यहां तक कि पंकज चौधरी के नामांकन के बाद भी चर्चाएं थमी नहीं थीं। लेकिन जैसे ही यह साफ हुआ कि नए अध्यक्ष सात बार सांसद रहे हैं और संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं।
कुर्मी समीकरण भी साधा :
गौरतलब हैं कि पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी से चौथे प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। उनसे पहले विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह, स्वतंत्र देव सिंह इस समाज से अध्यक्ष रह चुके हैं। माना जा रहा है कि यह फैसला सामाजिक संतुलन और 2027 की रणनीति से भी जुड़ा है।
पूर्वांचल और गोरखपुर बना सत्ता का केंद्र :
पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही पूर्वांचल का कद और बढ़ गया है। एक तरफ सरकार की कमान योगी आदित्यनाथ के पास और दूसरी तरफ भाजपा संगठन की कमान पंकज चौधरी के हाथ आ गयी है। इससे गोरखपुर क्षेत्र सत्ता और संगठन दोनों का केंद्र बनकर उभर आया है।
भाजपा का संदेश साफ :
पीयूष गोयल ने मंच से कहा कि भाजपा जिस लोकतांत्रिक और व्यवस्थित तरीके से संगठनात्मक चुनाव करती है, वह देश की राजनीति में मिसाल है। पंकज चौधरी का सर्वसम्मति से चुना जाना, कार्यकर्ताओं की एकजुटता का प्रमाण है।
पंकज चौधरी का यूपी भाजपा अध्यक्ष बनना सिर्फ एक नियुक्ति नहीं, बल्कि 2027 के चुनावी रण का शुरुआती शंखनाद है। यह निर्णय सत्ता और संगठन के बीच मजबूत सेतु का कार्य करेगी और पूर्वांचल को बड़ा राजनीतिक कद मिला है। अब निगाहें इस पर हैं कि नया अध्यक्ष संगठन में क्या बदलाव लाते हैं और किस तरह 2027 की जमीन तैयार करते हैं।