वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ऐसा ऐलान किया, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं। चीन के साथ रेयर अर्थ मेटल्स को लेकर बहुचर्चित डील के तुरंत बाद ट्रंप ने कहा – “अब भारत के साथ बहुत बड़ी डील होने जा रही है।”
"भारत से बड़ी डील सम्भव" - ट्रंप का वादा :
आपको बता दें कि ट्रम्प ने बिग ब्यूटीफुल बिल इवेंट में कहा कि : "हमने चीन के साथ डील कर ली है, और अब भारत हमारी अगली बड़ी डील का केंद्र है।" उन्होंने इशारों में यह भी बताया कि अमेरिका भारत के लिए दरवाजे खोलने जा रहा है ऐसी चीजें जो पहले कभी नहीं हो सकीं, अब हकीकत बनने वाली हैं।
क्या है ‘बड़ी डील’ का मतलब? :
सूत्रों की मानें तो ये डील इंटरिम ट्रेड एग्रीमेंट हो सकती है, जिस पर भारत और अमेरिका 9 जुलाई से पहले हस्ताक्षर कर सकते हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत सोयाबीन, मक्का, शराब, कारों पर आयात शुल्क कम करे, जबकि भारत मांग कर रहा है कि अमेरिका 26% अतिरिक्त टैरिफ पूरी तरह से हटाए।
चीन से डील, अब भारत की बारी! :
ट्रंप के मुताबिक, अमेरिका और चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स की आपूर्ति, ऑटो और रक्षा सेक्टर में सप्लाई को लेकर समझौता किया है। इस डील से अमेरिका की तकनीकी और रक्षा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब ट्रंप चाहते हैं कि भारत जैसे तेजी से उभरते देश से भी उसी तरह का रणनीतिक और व्यापारिक सहयोग हो।
मोदी की चाल: ‘चीन हटाओ, भारत लाओ’ नीति :
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी पहले ही अमेरिका को भारत में मेक इन इंडिया, डिफेंस, एनर्जी, और टेक सेक्टर में निवेश के लिए न्योता दे चुके हैं। वे चाहते हैं कि Apple जैसी बड़ी कंपनियां चीन छोड़कर भारत में उत्पादन करें। भारत ने बदले में बादाम, अखरोट और पिस्ता पर शुल्क में छूट की पेशकश की है और अमेरिकी तेल-गैस कंपनियों को प्राथमिकता देने की इच्छा भी जताई है।
कितना बड़ा है भारत-अमेरिका व्यापार? :
गौरतलब है कि भारत-अमेरिका के बीच 2024 में कुल व्यापार 191 अरब डॉलर रहा जिसे 2030 तक 500 अरब डॉलर ले जानें का लक्ष्य है। आपको बता दें कि दोनों देशों के मध्य फरवरी में डील हुई हैं कि 2025 तक फेज-1 ट्रेड डील पूरा करना है।
टैरिफ वॉर का असर कितना? :
विदित है कि अमेरिका ने भारत से आयात पर 26% अतिरिक्त टैरिफ की बात की थी, जिसे 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है। लेकिन भारत के अधिकारी आश्वस्त हैं कि अगर डील न भी हो तो भारत इसका झटका सहने को तैयार है। अप्रैल–मई में अमेरिका को भारत का निर्यात 17.25 अरब डॉलर पहुंच चुका है। 2023 में यही आंकड़ा 14.17 अरब डॉलर था। अब सवाल ये है कि क्या अमेरिका भारत से फेवरिट ट्रेड नेशन जैसा व्यवहार करेगा? क्या चीन से दूरी बनाकर ट्रंप भारत को स्ट्रैटेजिक पार्टनर बना रहे हैं? क्या मोदी-ट्रंप की दोस्ती अब 500 अरब डॉलर की डील में बदलेगी?
चीन के बाद भारत, और ट्रंप का अगला दांव "भारत के लिए दरवाजे खोल रहे हैं!" ये सिर्फ शब्द नहीं, भारत-अमेरिका संबंधों में ऐतिहासिक बदलाव की आहट है। अब सबकी नजरें 9 जुलाई पर टिकी हैं कि दोनों देशों के मध्य क्या अब तक की सबसे बड़ी डील हो पाएगी।