यूपी में आधी रात बड़ा प्रसाशनिक फेरबदल!: 127 SDM का हुआ ट्रांसफर, प्रीति जैन को सुल्तानपुर तो वहीं लखनऊ.... देखें महत्वपूर्ण लिस्ट?
यूपी में आधी रात बड़ा प्रसाशनिक फेरबदल!

 लखनऊ : रविवार की रात जब पूरा उत्तर प्रदेश गहरी नींद में डूबा था, तब योगी सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर दिया। सरकार ने 127 उपजिलाधिकारियों (SDM) के तबादले कर प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। इसमें से कुछ अफसर 3 साल से एक जगह पर ही ठीके थे।

कौन कहां गया? जानिए कुछ बड़े नाम :

●शशि भूषण पाठक – विशेष कार्याधिकारी, LDA से बने अमरोहा के नए SDM
●प्रीति जैन – सुल्तानपुर की नई SDM, महिला नेतृत्व को मिला अहम मौका
●कुमार चंद्रबाबू – सीतापुर से ट्रांसफर होकर बने बदायूं SDM
●संगीता राघव – सहारनपुर से सीधे LDA की OSD, मिला अहम शहरी प्राधिकरण
●श्वेता (मथुरा) – बनीं प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी की सहायक निदेशक
●अजय आनंद वर्मा – लखनऊ मेट्रो OSD से पहुंचे SDM औरैया।

और भी रहे महत्वपूर्ण नाम :

आपको बता दें कि इसके अलावा जितेन्द्र कुमार को SDM, महराजगंज, आशुतोष कुमार – SDM, रामपुर, राहुल – SDM, मुजफ्फरनगर, अजय उपाध्याय – SDM, जौनपुर, देश दीपक – SDM, कानपुर देहात, कौशल कुमार – SDM, अयोध्या, संजय – SDM, आजमगढ़, राजेन्द्र बहादुर – SDM, इटावा मलखान सिंह को SDM, गोरखपुर बनाया गया है।

क्या है ट्रांसफर का राजनीतिक और प्रशासनिक गणित? :

गौरतलब है कि तीन साल से एक ही जिले में जमे अधिकारियों को हटाया गया  चुनाव की तैयारियों के लिहाज से एक्टिव और रिस्पॉन्सिव अफसरों को प्रमुख जिलों में भेजा गया। कुछ अफसरों को प्रशिक्षण और नीति निर्माण से जुड़े संस्थानों में नई जिम्मेदारी दी गई

ट्रांसफर नहीं, प्रशासनिक रिऑर्गनाज़ है यह :

आपको बता दें कि यह एक सामान्य फेरबदल नहीं, बल्कि ब्यूरोक्रेसी को री-ऑर्गनाइज़ करने की रणनीति है।
सरकार चाहती है कि जनता से जुड़ाव रखने वाले, डिजिटल समझ रखने वाले और पारदर्शी अफसर ही फील्ड में रहें। यही कारण है कि प्रत्येक SDM के कामकाज की तिमाही समीक्षा अब अनिवार्य की जा रही है।

चुनाव की दस्तक – क्यों अभी हुआ ट्रांसफर? :

जानकारी के अनुसार राज्य में अगले कुछ महीनों में पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारी है। ऐसे में प्रशासनिक ढांचा चुस्त-दुरुस्त होना जरूरी है। शासन चाहती है कि कहीं कोई लापरवाही, भ्रष्टाचार या जन असंतोष की गुंजाइश न बचे। इन तबादलों और प्रशिक्षणों को सरकार की 'चुनावी तैयारी' से जोड़कर देखा जा रहा है।

नए अफसरों को सख्त हिदायत – जनता से जुड़िये :

आपको बता दें कि शासन ने आदेश के साथ निर्देश भी दिया गया है कि जनसुनवाई को प्राथमिकता दी जाए, डिजिटल गवर्नेंस अपनाएं, समयबद्ध समाधान दें, फील्ड विजिट नियमित करें, साथ ही जनता से संवाद बढ़ाएं।

क्या आने वाली है एक और लिस्ट? :

सूत्रों के मुताबिक, यह प्रशासनिक बदलाव की पहली किश्त है। आने वाले चुनाव को देखते हुए आगामी दिनों में DM, CDO और वरिष्ठ PCS अधिकारियों की नई सूची आ सकती है। 

अब हर तीन महीने पर ऑफिसर्स की समीक्षा होगी ,लापरवाही होने पर तबादले की तलवार भी चल सकती है। उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में यह बदलाव एक बड़ा रिफॉर्म माना जा रहा है, जो आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन सकता है।

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