जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी का बड़ा बयान!: बोले यूपी-बिहार में पिछड़ों को 'सम्मान' और ‘हक’ दिलाना हमारा लक्ष्य...जातिगत जनगणना से बदलेगा भविष्य
जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी का बड़ा बयान!

नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना और पिछड़े वर्गों को सत्ता में भागीदारी को लेकर एक बड़ा और सुनियोजित हमला बोला है। उनका कहना है कि अब केवल सांकेतिक प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि पिछड़े, दलित और आदिवासी समाज को वास्तविक सत्ता और सम्मान दिलाना कांग्रेस का लक्ष्य है। राहुल गांधी ने कहा कि — "उत्तर प्रदेश और बिहार में पिछड़े समाज को उसका हक और सम्मान मिलना चाहिए। सत्ता में उनकी हिस्सेदारी उसी अनुपात में होनी चाहिए जितनी उनकी आबादी है।"

जातिगत जनगणना: “सामाजिक न्याय की पहली सीढ़ी” :

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने बार-बार इस बात को दोहराया कि देश में जातिगत जनगणना अब सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से ये साफ होगा कि किस समाज को कितना प्रतिनिधित्व मिल रहा है। OBC, दलित, आदिवासी समाज को सरकारी सेवाओं, न्यायपालिका, सेना, मीडिया, और कॉर्पोरेट में कितना हिस्सा मिला है। साथ ही कहा कि आज इन वर्गों को उनकी आबादी के मुकाबले बहुत कम जगह मिली है जो अन्याय है।

“सिर्फ नाम का विधायक नहीं, असली सत्ता चाहिए!” :

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह लड़ाई केवल विधायक या मंत्री बनने तक सीमित नहीं होनी चाहिए - "यह सिर्फ एक चेहरा दिखाने की बात नहीं है, यह असल सत्ता में भागीदारी की लड़ाई है। जैसे आज़ादी की लड़ाई में हमने अधूरी आज़ादी को नहीं माना, वैसे ही अब सांकेतिक प्रतिनिधित्व भी मंजूर नहीं!"

कांग्रेस देगी OBC, दलित और आदिवासी नेताओं को कमान :

राहुल गांधी ने कहा कि अब कांग्रेस पार्टी के अंदर भी OBC, दलित और आदिवासी समुदायों को नेतृत्व सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा: “हम चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी खुद इन समुदायों का हथियार बने, वे खुद अपनी आवाज़ बनें, अपनी लड़ाई खुद लड़ें" गुजरात में यह प्रक्रिया जिला स्तर से शुरू हो गई है। आने वाले समय में इसे यूपी, बिहार और अन्य राज्यों में लागू किया जाएगा

जातीय गणना = असल लोकतंत्र! :

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने ये भी कहा — “अगर आपकी 50% आबादी है और सत्ता में आपका प्रतिनिधित्व 5% है, तो यह कैसा लोकतंत्र है?” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा-आरएसएस पिछड़ों की जड़ों को कमजोर कर रहे हैं, और कांग्रेस उन्हें फिर से खड़ा करना चाहती है।

राहुल गांधी का आर्थिक हमला: “गरीबों से सपने देखने का हक भी छीन लिया!” :

राहुल गांधी ने महंगाई और घरों की कीमतों पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा: “आज गरीब अपने घर का सपना भी नहीं देख सकता। GDP के आंकड़े दिखाकर हकीकत नहीं बदली जा सकती।” उन्होंने कहा कि अगली बार जब कोई आपको GDP का डाटा बताए, तो उसे अपनी थाली और किराए की रसीद दिखाइए।

राहुल गांधी की यह पूरी रणनीति साफ संकेत देती है कि 2029 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस अब OBC, दलित और आदिवासी समाज को सिर्फ वोट बैंक नहीं, असली भागीदारी देने की बात कर रही है। "अब नाम के नेता नहीं चाहिए, सत्ता में हिस्सा चाहिए!" साथ ही उनकी उनके संख्या के अनुपात में भागीदारी प्रदान की जाएगी। कांग्रेस का यह जातिगत गणना और सम्मान आधारित प्रतिनिधित्व वाला एजेंडा बीजेपी की सबका साथ-सबका विकास लाइन को सीधी चुनौती देता है। क्या यह राहुल गांधी की 'मिशन 2.0' की शुरुआत है? आने वाला वक्त इसका जवाब देगा।

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