नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली अब ट्रैफिक की समस्या से आज़ाद होने की ओर बढ़ रही है। हर रोज लाखों वाहन, मरीजों से भरी एंबुलेंस, दफ्तर जाने वाले लोग और स्कूल बसें जिन सड़कों पर घंटों जाम में फंसी रहती थीं अब उन्हीं रास्तों पर सुनियोजित ट्रैफिक मूवमेंट की शुरुआत हो चुकी है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और PWD की संयुक्त मुहिम में 12 मेगा कॉरिडोर पर युद्धस्तर पर काम चल रहा है, जिसका सबसे प्रमुख हिस्सा है – सफदरजंग से धौला कुआं तक रिंग रोड सेक्शन।
जमीनी स्तर पर शुरू हुआ बदलाव का युद्ध :
गौरतलब है कि DCP ट्रैफिक, नई दिल्ली रेंज राजीव कुमार के नेतृत्व में ट्रैफिक पुलिस और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने 18 अप्रैल को इस हाई-प्रेशर कॉरिडोर का निरीक्षण किया। यहां जो खामियां सामने आईं, वो चौंकाने वाली थीं –
सड़कें टूटी हुई, साइनेज गायब, बस स्टॉप अव्यवस्थित, जल निकासी की बदहाली और सड़क पार करते लोगों का दुर्घटना में शिकार होना आम बात हो गया था, लेकिन अब हालात बदलने वाले हैं।
इन खामियों पर शुरू होगा काम:
प्राप्त जानकारी के अनुसार जल्द ही निम्नलिखित खामियों पर काम शुरू किया जाएगा।
●AIIMS लूप पर रोड को चौड़ा किया जाएगा,इसके लिए सड़क के किनारे पड़ी 6 फीट ज़मीन को मुख्य सड़क में शामिल किया जाएगा।
◆सफदरजंग अस्पताल के सामने लोग बीच सड़क से दौड़ते हैं ,अब यह बंद होगा। यहां लोहे की रेलिंग और फेंसिंग लगेगी।
●INA और बारापुला पर साइनबोर्ड लगेंगें।
यात्रियों और बस ड्राइवरों के लिए स्पष्ट संकेत बोर्ड लगाए जाएंगे। कोई बस अब जहां-तहां नहीं रुकेगी।
●CNG पंप पर सर्विस रोड व्यवस्था होगी, लाइन लगने से मुख्य सड़क ब्लॉक होती है। अब CNG गाड़ियां सिर्फ सर्विस रोड से चलेंगी साथ ही उनकी बोर्डिंग अनिवार्य होगी।
●फ्लाईओवर 'नोज पॉइंट्स' का रीडिज़ाइन होगा, इसमें हयात और राज नगर फ्लाईओवर के दोनों छोर अब इंजीनियरिंग सुधार करके ट्रैफिक सुधार हेतु प्रयोग में लाये जा रहे हैं।
इन समस्याओं का भी होगा समाधान:
आपको बता दें कि इस दौरान :
●सड़क चिन्हों की वापसी की जा रही ,ज़ेब्रा क्रॉसिंग और स्टॉप लाइन जैसी रोड मार्किंग दोबारा पेंट की जा रही हैं।
●दुर्गाबाई स्टेशन के पास सड़क मरम्मत कार्य चालू किया गया है, साथ ही दिल्ली जल बोर्ड की खुदाई से बर्बाद सड़क अब इमरजेंसी मरम्मत से ठीक की जा रही है।
● मोती बाग, हयात फ्लाईओवर की चौड़ाई कम है अब यहां ढांचागत परिवर्तन होंगे।
●जलभराव से मुक्ति होगी जिससे मानसून में दिक्कत न हो। अब जल निकासी सिस्टम को ठीक किया जाएगा।
●सेंट्रल वर्ज रेलिंग की मरम्मत का भी कार्य चालू किया गया है,दुर्गाबाई मेट्रो के पास रेलिंग गायब हो गयी थी जिससे लोग जान जोखिम में डाल रहे थे। इस पर नई रेलिंग का काम जारी है।
● इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण कार्य AIIMS से धौला कुआं तक 'एम्बुलेंस कॉरिडोर' बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इस रूट पर हर रोज़ सैकड़ों एंबुलेंस दौड़ती हैं। अब इनका मूवमेंट तेज़ और बिना बाधा के होगा।
राजधानी के 12 कॉरिडोर भी होंगे जाम मुक्त:
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार और ट्रैफिक विभाग ने 12 कॉरिडोर की पहचान की है, जो राजधानी के जाम के सबसे बड़े अड्डे हैं। इन पर एक-एक कर इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार, ट्रैफिक इंटेलिजेंस सिस्टम और ऑटोमैटिक निगरानी लागू की जा रही है। इसमें प्रमुख रूट हैं:
●मंकी ब्रिज से मजनू का टीला
●आजादपुर से लिबासपुर
●आनंद विहार से पुश्ता रोड
●आईआईटी फ्लाईओवर से मोदी मिल
●जखीरा से द्वारका मोड़
●एनएच-48 (राव तुलाराम मार्ग से शिव मूर्ति)
पुलिस कमिश्नर की खास निगरानी में होगा शुरू:
आपको बता दें कि राजीव कुमार (डीसीपी ट्रैफिक, नई दिल्ली रेंज) ने कहा कि:
“इस सड़क पर न सिर्फ आम नागरिक, बल्कि हर रोज एम्स और सफदरजंग अस्पताल जाने वाली एंबुलेंस भी फंसती थी। अब इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ट्रैफिक बिहेवियर भी बदलेगा।”
ट्रैफिक जाम अब दिल्लीवालों की नियति नहीं रहेगी। अगर यह योजना समय पर लागू हुई तो सफदरजंग से धौला कुआं ही नहीं, पूरी दिल्ली एक स्मार्ट और ऑर्गेनाइज़्ड ट्रैफिक सिटी बन सकती है।