ग्रेटर नोएडा DMIC इंडस्ट्रियल टाउनशिप: राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर की इन नामी कंपनियों ने किया करोड़ों का निवेश, मिलेगा हजारों लोगों को रोजगार; रेलवे उपकरण से लेकर ट्रैक्टर निर्माण...
ग्रेटर नोएडा DMIC इंडस्ट्रियल टाउनशिप

 ग्रेटर नोएडा:  दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की धरती अब सिर्फ आवासीय या शैक्षणिक पहचान तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि देश के औद्योगिक नक्शे पर एक नया मुकाम गढ़ने जा रही है। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) के अंतर्गत विकसित हो रही इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप ग्रेटर नोएडा लिमिटेड (IITGNL) अब हाईटेक इंडस्ट्रीज और भारी निवेश का केंद्र बनती जा रही है।

अब तक 29 कम्पनियों को जमीन आवंटित:

आपको बता दें कि इस औद्योगिक टाउनशिप में रेलवे के आधुनिक उपकरणों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, डाटा केबल, ई-ट्रैक्टर और मोबाइल पार्ट्स तक का उत्पादन किया जाएगा। अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की 29 कंपनियों को जमीन आवंटित की जा चुकी है। कुल 42 प्लॉटों में से ये 29 भूखंड 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का संकेत दे रहे हैं, जो आने वाले समय में 25,000 से अधिक लोगों को रोजगार देने जा रहे हैं।

इंडस्ट्रियल हब में रेलवे और कृषि उपकरण बनेंगे :

गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने एएनडी हाईटेक इंडस्ट्रीज को 5.28 एकड़ जमीन आवंटित की है, जहां रेलवे उपकरण बनाए जाएंगे।

सोनालिका ट्रैक्टर्स को 25.68 एकड़ जमीन मिली है, जो टाउनशिप में अनुसंधान व विकास केंद्र स्थापित करेगा और ई-ट्रैक्टर व अन्य कृषि उपकरणों की दिशा में काम करेगा।

श्रीजी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जे बनाएगी, जबकि कोरियन कंपनी GKS डिजिटल इंडिया डेटा केबल निर्माण में उतरेगी।

विदेशी कंपनियों की रुचि, जापान-सिंगापुर से डेलिगेशन पहुंचे:

विदित है कि टाउनशिप में हायर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर 4 विदेशी कंपनियों ने निर्माण शुरू कर दिया है। वहीं सिंगापुर के साथ जापान से आए  प्रतिनिधि लोगो के मंडल ने टाउनशिप का दौरा कर निवेश की रुचि दिखाई है। भविष्य में यहां जापानी और सिंगापुर की तकनीक और पूंजी का मेल दिख सकता है।

पांच माह में मिली जबरदस्त रफ्तार: कौन-कौन सी कंपनियों को मिला प्लॉट?  -

जानकारी के अनुसार 2025 के केवल जनवरी से मई के बीच सोनालिका इंटरनैशनल ट्रैक्टर्स, नोवामैक्स इंडस्ट्रीज एलएलपी, एएनडी हाईटेक इंडस्ट्रीज, GKS डिजिटल, DS एनएक्सट जेन, श्रीजी डीएलएम, नेपच्यून एनर्जी जैसी कंपनियों को जमीन आवंटित की गई है।

अगले 1 साल में 13 कंपनियों में शुरू होगा उत्पादन:

आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि अगले एक साल में 13 और कंपनियां उत्पादन शुरू करेंगी। बची हुई 13 औद्योगिक प्लॉटों को आवंटित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

सिर्फ फैक्ट्री नहीं, साथ में मिलेगा रिहायशी वातावरण:

यह टाउनशिप केवल उद्योगों तक सीमित नहीं है। यहां रिहायशी परिसर, सड़क, जल आपूर्ति, बिजली, सीवरेज, हरित पट्टी जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं एक ही कंपाउंड में विकसित की जा रही हैं। यानी उद्योगपति से लेकर श्रमिक तक, सबके लिए यहां जीवन और व्यवसाय का संतुलन मिलेगा।

ग्रेटर नोएडा बनेगा भारत का अगला इंडस्ट्रियल सुपरपावर:

गौरतलब है कि इस रफ्तार से तो यही लगता है कि ग्रेटर नोएडा न केवल दिल्ली-एनसीआर का बल्कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा औद्योगिक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। अगर योजनाएं इसी गति से लागू होती रहीं तो यह टाउनशिप मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियानों की रीढ़ बन सकती है।

यह सिर्फ एक औद्योगिक विकास नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए एक नई औद्योगिक क्रांति है।

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