भारत-पाक तनाव के बीच ₹5 लाख करोड़ स्वाहा!: शेयर बाजार में आया भूचाल, सेंसेक्स लुढ़का 880 अंक तो? जानें बाजार के लड़खड़ाने की 5 बड़ी वजह और आगे की राह
भारत-पाक तनाव के बीच ₹5 लाख करोड़ स्वाहा!

 नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का पहला बड़ा आर्थिक झटका आज घरेलू शेयर बाजार को लगा और वो भी ऐसा कि निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये चंद घंटों में जलकर राख हो गए! गुरुवार की रात जम्मू में हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शुक्रवार को जैसे ही बाजार खुला, निवेशकों के चेहरों का रंग उड़ गया। सेंसेक्स एक वक्त पर 1,000 अंकों से ज्यादा टूट गया और दिन के अंत तक 880.34 अंक लुढ़क कर 79,454.47 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी भी 265.80 अंक की गिरावट के साथ 24,008 पर आ गया।

क्यों गिरीं कंपनियों की वैल्यू?

बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप अब घटकर 413.55 लाख करोड़ रुपये रह गया है। यानी एक दिन में निवेशकों को करीब ₹4.95 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। सिर्फ शेयर नहीं गिरे, बल्कि लोगों की उम्मीदें, निवेशकों का भरोसा और बाजार की स्थिरता भी दरक गई।

Inside Story: क्यों हिल गया बाजार?

जाने क्या कारण रहें कि आज शेयर बाजार में इतनी गिरावट रही।

1. सीमा पर तनाव, निवेशकों के दिल में डर:

गौरतलब है कि पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में दो दिन लगातार ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। सेना के मुताबिक सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिशें की गईं। भारत की ओर से इसका सख्त जवाब दिया गया, लेकिन बाजार को जो चाहिए वो है स्थिरता। युद्ध जैसे हालात की खबरें आते ही निवेशक अपने पैसे बचाने की दौड़ में लग गए।

 एक सीनियर ट्रेडर के मुताबिक - "सुबह 9:15 बजे तक माहौल बिल्कुल पैनिक वाला हो गया था। पाकिस्तान की हरकत ने बाजार को हिला कर रख दिया।"

2. FII ने बदली चाल, डर के मारे लगा ब्रेक:

आपको बता दें कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बीते 16 दिनों में ₹50,000 करोड़ की रेकॉर्ड खरीदारी की थी। लेकिन अब वे किनारे हो चुके हैं। युद्ध की आहट और अनिश्चितता ने ग्लोबल निवेशकों को सतर्क कर दिया है। अफवाहें हैं कि कुछ FII अपने पोर्टफोलियो से पैसा निकालने की तैयारी में हैं।

3. हर सेक्टर में कोहराम, मिडकैप-स्मॉलकैप की सांस टूटी:

गौरतलब है कि निफ्टी बैंक, FMCG, मेटल, मीडिया, रियल्टी कोई नहीं बचा! सब लाल निशान में। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी जबरदस्त बिकवाली हुई। निफ्टी VIX (डर का पैमाना) 6% से बढ़कर 22.27 तक पहुंच गया, जो बताता है कि बाजार में डर का माहौल हावी है।

4. निफ्टी 5 दिन से नीचे पर बंद, अब बाजार के पास सहारा नहीं:

आपको बता दें कि Nifty 5 दिन के EMA से नीचे बंद हुआ है, जो शॉर्ट टर्म में कमजोरी का संकेत है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर 23,800 का लेवल टूटता है तो बाजार में और बड़ी गिरावट आ सकती है।

5. दिग्गज स्टॉक भी घुटने टेक गए

गौरतलब है कि Reliance, HDFC Bank, ICICI Bank, Infosys और Bharti Airtel जैसे दिग्गज स्टॉक्स ने कुल मिलाकर सेंसेक्स की गिरावट में 670 अंकों का योगदान दिया। यानी जब टाइटन्स ही घुटने टेक दें, तो बाकी का बाजार तो थरथराएगा ही।

क्या आगे और गिर सकता है बाजार?

इस सवाल का जवाब शायद सीमा पर तैनात तोपों से मिलेगा। अगर भारत-पाक तनाव और गहराता है तो बाजार की लहूलुहान हालत और बदतर हो सकती है। वहीं अगर जल्द शांति का संकेत आता है, तो बाजार राहत की सांस ले सकता है।

एक रणनीतिक विश्लेषक का कहना है - "बाजार सिर्फ आंकड़ों से नहीं चलता, डर से चलता है। अभी डर की गूंज ज्यादा है।"

क्या निवेशकों को डरना चाहिए या मौके तलाशने चाहिए?

आपको बता दें कि वर्तमान हालात में सतर्क रहना ज़रूरी है। बाजार गिरा है, लेकिन गिरावट के बाद ही उभार आता है। पर यह उभार तभी संभव है जब सरहद पर शांति लौटे। वरना सेंसेक्स के आँसू और गहरे हो सकते हैं।

मौजूदा हालत को देखते हुएं लग रहा कि जंग केवल बॉर्डर पर नहीं निवेशकों की जेब पर भी लड़ी जा रही है।

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