नोएडा/ग्रेटर नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लाखों लोगों के लिए एक जबरदस्त राहत की खबर आने वाली है। नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (NMRC) की दो बड़ी परियोजनाएं अब मंजूरी मिल सकती है। कुल 2670 करोड़ रुपये की लागत वाली ये दोनों परियोजनाएं न सिर्फ ट्रैफिक जाम का स्थायी समाधान साबित होंगी, बल्कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा की इकोनॉमी और प्रॉपर्टी मार्केट में भी जान फूंक देंगी।
प्रस्ताव केंद्र सरकार की मेज़ पर:
गौरतलब है कि NMRC के एमडी लोकेश एम अगले हफ्ते इन परियोजनाओं को लेकर आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के समक्ष विस्तृत प्रेजेंटेशन देने जा रहे हैं। इससे पहले मंत्रालय ने कई तकनीकी और वित्तीय सवाल पूछे थे, जिनका विस्तृत जवाब NMRC ने दे दिया है। अब माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद दोनों प्रोजेक्ट्स को अंतिम मंजूरी मिल सकती है, और अगले 2-3 महीनों में निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा।
परियोजना 1: बॉटेनिकल गार्डन से सेक्टर-142 तक मेट्रो का विस्तार:
आपको बता दें इस परियोजना की लम्बाई 11.56 किलोमीटर होनें वाली है। इसकी कुल लागत 2254 करोड़ रुपये होनें का अनुमान है।
जानकारी के अनुसार इस रास्ते में - बॉटेनिकल गार्डन, सेक्टर-44, नोएडा ऑफिस, सेक्टर-97, 105, 108, 93, पंचशील बालक इंटर कॉलेज, और सेक्टर-142 ; स्टेशन रहेंगें।
इसकी निर्माण अवधि 5 वर्ष रहेगी।
इस परियोजना के पूर्ण होने के उपरांत रोज़ाना 1 से 1.25 लाख यात्रियों की उम्मीद है।
इस रूट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यह कॉर्पोरेट हब, स्कूलों, ऑफिसों और रिहायशी इलाकों को सीधे जोड़ देगा। इससे नोएडा की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा, और ईको-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना 2: ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक एलिवेटेड ट्रैक का विस्तार :
गौरतलब है कि इस परियोजना की लंबाई 2.6 किलोमीटर (एलिवेटेड ट्रैक) रहगी। जिसकी लागत 416 करोड़ ₹ होने का अनुमान है।
इसके मध्य स्टेशन जुनपत और बोड़ाकी होंगे।
इसकी निर्माण अवधि लगभग 3 साल रहेगी।
बोड़ाकी में बनेगा NCR का नया 'सुपर स्टेशन'-मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब:
आपको बता दें कि बोड़ाकी में निम्नलिखित सुविधाओं का अनावरण होनें वाला है -
●मेट्रो स्टेशन
●रेलवे जंक्शन
●इंटरस्टेट बस टर्मिनल (ISBT)
●होटल, ऑफिस, और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स
●लोकल ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी
इस रूट की सबसे बड़ी ताकत इसका लो बजट और हाई इम्पैक्ट है। कम लागत के कारण इसे कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं, जिससे इसे सीधे मंत्रालय स्तर पर ही हरी झंडी मिल सकती है।
आगे क्या होने की सम्भवना?
आपको बता दें कि जैसे ही प्रेजेंटेशन के बाद केंद्र से अनुमति मिलती है उसके तुरन्त बाद डिज़ाइन कंसल्टेंट की नियुक्ति होगी, उसके बाद टेंडर जारी किया जाएगा जिससे अगले 2-3 महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की पूरी उम्मीद हो जाएगी।
क्या बदलेगा इन परियोजनाओं से:
1. यातायात सुगमता: सड़क पर वाहनों का दबाव घटेगा
2. प्रॉपर्टी रेट बढेंगें: मेट्रो से जुड़े सेक्टरों में प्रॉपर्टी रेट में 20-30% की तेजी संभव
3. रोज़गार के अवसर: निर्माण, ऑपरेशन और कमर्शियल हब्स से हज़ारों नौकरियां
4. पर्यावरणीय सुधार: ईंधन आधारित वाहनों की जगह क्लीन ट्रांसपोर्ट
5. ग्रेटर नोएडा वेस्ट से कनेक्टिविटी का रास्ता साफ
इन परियोजना के शुरू होने पे स्थानीय निवासियों का कहना है कि - "हर रोज ऑफिस जाते वक्त जो जाम लगता है, अब उसकी छुट्टी हो जाएगी। मेट्रो का ये नया रूट हमारे जैसे हजारों लोगों की ज़िंदगी बदल देगा।