नई दिल्ली/नोएडा : अक्टूबर का महीना फिर से दिल्ली-एनसीआर की सेहत के लिए खतरे की घंटी बजा चुका है। हेल्थ डिपार्टमेंट को दीवाली, भाई-दूज की छुट्टियों के दौरान डेंगू के 27 नए केस मिले हैं। बारिश, नमी और जगह-जगह जमा पानी ने डेंगू-मलेरिया जैसी मच्छरजनित बीमारियों को नए सिरे से फैला दिया है। डॉक्टरों ने साफ चेतावनी दी है — “डेंगू अब सिर्फ बुखार नहीं रहा, ये शरीर के लिवर, किडनी और दिल तक को फेल कर सकता है।”
दिल्ली-एनसीआर में डेंगू का विस्फोट :
स्वास्थ्य विभाग की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि नोएडा में डेंगू के मरीजों की संख्या 539 तक पहुंच चुकी है, जबकि मलेरिया के 200 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। सिर्फ पिछले 5 दिन में 27 नए डेंगू के मामले सामने आने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार, अगस्त-सितंबर में हुई बेमौसम बारिश और कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति ने मच्छरों के प्रजनन को तेज़ कर दिया, जिससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
डेंगू बना जानलेवा — अधिकारी की मौत से मचा हड़कंप :
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते की शुरुआत में नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी की डेंगू के बाद मल्टी-ऑर्गन फेलियर से मौत हो गई।
उन्हें तेज़ बुखार और थकान की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, इलाज के दौरान उनके शरीर के कई महत्वपूर्ण अंग, लिवर और किडनी ने काम करना बंद कर दिया। इस घटना के बाद पूरे दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट पर है। डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि “डेंगू को सामान्य बुखार समझने की गलती न करें।”
कैसे हमला करता है डेंगू वायरस?
आपको बता दें कि डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) नामक मच्छर से फैलता है जो दिन के समय काटता है।
यह वायरस शरीर में प्रवेश कर ब्लड सेल्स और इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। पहले मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर लाल दाने दिखने लगते हैं। अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह संक्रमण ब्लड प्लेटलेट्स को तेजी से गिरा देता है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव (bleeding) शुरू हो सकता है। यही स्थिति डेंगू हेमोरेजिक फीवर या डेंगू शॉक सिंड्रोम कहलाती है, जो सीधा मल्टी ऑर्गन फेलियर तक पहुंचा सकती है।
जब डेंगू फेल कर देता है शरीर के अंग!
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, गंभीर डेंगू में रक्त वाहिकाओं से प्लाज्मा लीक होने लगता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसका असर सीधे लिवर, किडनी, हृदय और मस्तिष्क पर पड़ता है।
इसके लक्षणों में शामिल हैं —
● मानसिक स्थिति में बदलाव (confusion या बेहोशी),
● सांस लेने में दिक्कत,
● लो ब्लड प्रेशर (hypotension),
● यूरिन की मात्रा में कमी,
● और पीलिया या पेट में सूजन।
कई मामलों में डेंगू शॉक सिंड्रोम की वजह से मरीजों की मौत भी दर्ज हुई है।
वैज्ञानिक अध्ययन ने खोली आंखें :
आपको बता दें कि “जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन” में प्रकाशित एक हालिया शोध में भी यही चेतावनी दी गई है कि डेंगू सिर्फ अस्थायी बुखार नहीं बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम बन चुका है। इस अध्ययन में सिंगापुर के 11,707 डेंगू और 12 लाख से अधिक कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की 300 दिनों तक निगरानी की गई। नतीजों में पाया गया कि गंभीर डेंगू वाले मरीजों में लिवर डैमेज, मायोकार्डिटिस (हृदय की सूजन) और तंत्रिका संबंधी विकार तक देखे गए।
डॉक्टरों की चेतावनी :
गौरतलब है कि डॉक्टरों ने कहा कि "डेंगू के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना सबसे बड़ी भूल है।
अगर बुखार के साथ प्लेटलेट्स घटने लगें, तो मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करें। क्योंकि वायरस एक बार ब्लड से आगे बढ़ जाए तो यह शरीर के अंगों को भी निष्क्रिय कर सकता है।”
बचाव ही सबसे बड़ी दवा :
आपको बता दें कि डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी दोनों मानते हैं कि डेंगू से बचाव इलाज से कहीं ज्यादा आसान है।
इन सावधानियों का पालन करें:
● घर और आस-पास पानी न जमा होने दें।
● पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
● मच्छर भगाने वाली क्रीम और कॉइल का इस्तेमाल करें।
● बुखार या कमजोरी महसूस होने पर तुरंत जांच कराएं।
● घर में पानी की टंकियों, गमलों और कूलरों को नियमित रूप से साफ करें।
डेंगू का वायरस अब पहले जैसा “साधारण” नहीं रहा। यह धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों को फेल कर देने वाला खतरनाक संक्रमण बन चुका है। सरकार और डॉक्टर दोनों बार-बार चेतावनी दे रहे हैं —
''डेंगू के लक्षण दिखें, तो खुद इलाज न करें, तुरंत मेडिकल जांच कराएं… क्योंकि हल्के बुखार के पीछे मौत छिपी हो सकती है।''
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट मेडिकल रिसर्च और जनरल जानकारी पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की राय ज़रूर लें। NCR पत्रिका इसकी सटीकता या व्यक्तिगत असर की जिम्मेदारी नहीं लेती।