सावधान; ये कफ-सिरप बच्चों के लिए हो सकते हैं जहर साबित!: जानें क्या हैं WHO की चेतावनी और भारत सरकार की कार्रवाई...वही जानें कौन-से सिरप हैं सुरक्षित, ऐसे पहचानें असली-नकली?
सावधान; ये कफ-सिरप बच्चों के लिए हो सकते हैं जहर साबित!

स्वास्थ्य: देशभर में कफ-सिरप से जुड़ा एक नया खतरा सामने आया है। हाल ही में मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के कुछ मामलों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन कफ-सिरप Coldrif, Respifresh TR और ReLife को विषाक्त (Toxic) घोषित कर दिया है। इन दवाओं में Diethylene Glycol (DEG) नामक जहरीला रसायन पाया गया, जो गुर्दे और तंत्रिका तंत्र को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।

यह मामला इतना गंभीर हो गया कि भारत सरकार ने तत्काल जांच बिठाई और सभी राज्यों को कफ-सिरप की क्वालिटी टेस्टिंग के सख्त आदेश दिए हैं।

क्यों बढ़ रहा है खतरा:

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में कई मेडिकल स्टोर्स पर बिना प्रिस्क्रिप्शन के सिरप की बिक्री की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ-सिरप देना पूरी तरह से असुरक्षित है।
AIIMS दिल्ली के डॉ. पंकज हरी बताते हैं “खाँसी शरीर की एक प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। सिरप का अंधाधुंध इस्तेमाल उसे दबा देता है। इससे बच्चे के फेफड़ों में संक्रमण बढ़ सकता है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।”

सरकार की बड़ी कार्रवाई:

  1. DCGI (Drug Controller General of India) ने सभी दवा कंपनियों से 7 दिन के भीतर अपने कफ-सिरप की क्वालिटी रिपोर्ट जमा करने को कहा है।

  2. सभी राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे फार्मेसी स्टोर्स, अस्पतालों और थोक दवा विक्रेताओं से सैंपल कलेक्शन और जांच तेज करें।

  3. कोलकाता स्थित सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (CDL) में इन सिरपों की विशेष टेस्टिंग कराई जा रही है।

  4. सरकार अब बच्चों के लिए बनी दवाओं पर “Not for infants below 2 years” लिखना अनिवार्य करने पर विचार कर रही है।

  5. WHO ने भारत को पत्र लिखकर सख्त निगरानी और उत्पादन-मानकों की समीक्षा की सिफारिश की है।

WHO की अंतरराष्ट्रीय चेतावनी:

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि पिछले दो वर्षों में 13 देशों में 300 से अधिक बच्चों की मौतें मिलावटी सिरपों के कारण हुई हैं।
2022 में गाम्बिया और उज़्बेकिस्तान में DEG मिलावटी सिरप के कारण दर्जनों बच्चों ने जान गंवाई थी और अब वही खतरा भारत में दोहराया जा रहा है। WHO ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी दवा में DEG या Ethylene Glycol की मात्रा 0.1% से अधिक नहीं होनी चाहिए।

विशेषज्ञों की राय:

डॉक्टरों के अनुसार, हर सिरप खतरनाक नहीं होता, परंतु सिर्फ वही लें जो डॉक्टर की सलाह और असली ब्रांड (जैसे Benadryl, Ascoril, Corex DX) के हों।

घर पर बच्चे को सिरप देने से पहले उसकी उम्र, वजन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखें। गलत खुराक से लीवर, किडनी, और ब्रेन डैमेज तक का खतरा होता है।

एक वास्तविक मामला:

ग्वालियर में 3 साल की बच्ची ने बुखार और खांसी के लिए पास की मेडिकल दुकान से खरीदा सिरप पीने के बाद उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाए। जांच में पता चला कि सिरप नकली पैकेजिंग में बेचा गया था और उसमें DEG की मात्रा सीमा से कई गुना अधिक थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने जिले के सभी मेडिकल स्टोर्स से सिरप के सैंपल इकट्ठा किए हैं।

आप कैसे पहचानें सेफ कफ-सिरप:

• ब्रांड और निर्माता कंपनी देखें। किसी भी अज्ञात ब्रांड या बिना लाइसेंस नंबर वाले सिरप से बचें।
• एक्सपायरी डेट और बैच नंबर ज़रूर चेक करें।
• सील टूटी हुई बोतल कभी न लें।
• "GMP-Certified" या "WHO-GMP" का निशान पैकिंग पर देखें।
• सिरप का रंग, गंध या स्वाद असामान्य लगे तो तुरंत फेंक दें और रिपोर्ट करें।

कहाँ करें शिकायत:

अगर आपको किसी सिरप की गुणवत्ता या साइड-इफेक्ट पर संदेह है तो https://www.cdsco.gov.in पर “Report Adverse Drug Reaction” सेक्शन में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या अपने जिला दवा नियंत्रण अधिकारी (Drug Inspector) को सूचित करें।

सुरक्षित विकल्प और घरेलू उपाय:

हल्की खांसी या जुकाम में दवा लेने से पहले ये प्राकृतिक तरीके अपनाएँ:

• गर्म पानी और भाप लें।
• अदरक-शहद का सेवन करें।
• गले की खराश के लिए नमक के गुनगुने पानी से गरारे करें।
• बच्चों को पर्याप्त पानी पिलाएँ और रेस्ट दें।

अंत में, एक छोटी सी सावधानी, बड़ी सुरक्षा:

यह खबर सिर्फ जानकारी नहीं, एक चेतावनी है। बच्चे की छोटी-सी खांसी में अगर आप गलत सिरप दे दें तो वह जानलेवा साबित हो सकता है।
डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न खरीदें और हर पैक की जाँच खुद करें। सुरक्षित भारत, स्वस्थ बच्चे, यही असली दवा है।

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