हेल्थ केयर: दिवाली का त्योहार बीत चुका है। चारों ओर रोशनी, खुशियाँ, पटाखे और पकवानों की महक अब धीमी पड़ चुकी है, लेकिन शरीर पर उसका असर अभी भी बना हुआ है। कई दिनों तक लगातार मिठाइयाँ, तले-भुने पकवान और भारी भोजन करने के बाद अब वक्त है अपने शरीर को टॉक्सिन-फ्री और हल्का महसूस कराने का। डॉक्टरों के मुताबिक “पोस्ट-दिवाली डिटॉक्स” सिर्फ एक ट्रेंड नहीं बल्कि हमारी सेहत के लिए ज़रूरी कदम है।
शरीर पर त्योहारों का असर
त्योहारों के दौरान हम रोज़ाना अपनी सामान्य डाइट से करीब 500–700 कैलोरी ज़्यादा ले लेते हैं। इससे लिवर पर दबाव, पाचन तंत्र की सुस्ती, ब्लोटिंग, थकान, और ब्लड शुगर बढ़ना जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं।
AIIMS और Indian Dietetic Association की रिपोर्ट बताती है कि लगातार मिठाई और तले भोजन का सेवन शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ाता है, जिससे त्वचा dull दिखने लगती है और मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है।
डॉक्टरों की राय, क्यों जरूरी है डिटॉक्स?
नई दिल्ली के न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंशुल गुप्ता बताते हैं “त्योहारों के बाद बॉडी को तुरंत डाइटिंग या फास्टिंग पर नहीं ले जाना चाहिए। बल्कि हाइड्रेशन, हल्का भोजन और योग के ज़रिए धीरे-धीरे शरीर को बैलेंस करना ही असली डिटॉक्स है।”
डॉक्टरों के अनुसार डिटॉक्स का मतलब भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर के पाचन और उत्सर्जन सिस्टम को फिर से सक्रिय करना है।
डिटॉक्स की शुरुआत ऐसे करें
सुबह उठते ही गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर पिएँ, इससे लिवर एक्टिव होता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। दिनभर खूब पानी पिएँ, कम से कम 8–9 गिलास।
भोजन में फल, हरी सब्जियाँ, दाल, ओट्स, और सलाद को शामिल करें। तला-भुना, मीठा या पैक्ड फूड कुछ दिन बंद रखें। रात को हल्का खाना खाएँ, जैसे सूप या मूंग की दाल। पाचन को बेहतर करने के लिए डिनर और नींद के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर रखें।
प्राकृतिक पेय जो शरीर को शुद्ध करें
डिटॉक्स ड्रिंक को अपने दिनचर्या में शामिल करें। सुबह या शाम को:
जीरा-धनिया-सौंफ का पानी: पेट की गैस और भारीपन कम करता है।
खीरा और पुदीना वाला पानी: ठंडक देता है और टॉक्सिन बाहर निकालता है।
हल्दी-अदरक की चाय: इम्यूनिटी बढ़ाती है और सूजन घटाती है।
ग्रीन टी या तुलसी चाय: लिवर को साफ करती है और मेटाबॉलिज्म तेज़ करती है।
सिर्फ डाइट नहीं, मूवमेंट भी जरूरी:
डिटॉक्स तभी सफल होगा जब शरीर एक्टिव रहेगा। हर दिन 20–25 मिनट की तेज़ वॉक करें। सुबह अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे प्राणायाम करें। ये पाचन में सुधार और तनाव कम करने में मदद करते हैं। रात को 7–8 घंटे की नींद ज़रूरी है, क्योंकि नींद के दौरान शरीर खुद को रिपेयर करता है।
आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय:
आयुर्वेद के अनुसार त्योहारों के बाद शरीर को “आम” (टॉक्सिन) से मुक्त करने के लिए कुछ आसान उपाय कारगर हैं:
रात में गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण लें, यह आंतों की सफाई करता है।
सुबह नीम या पुदीना पानी पिएँ यह त्वचा और लिवर दोनों के लिए फायदेमंद है।
भोजन के बाद थोड़ा अजवाइन पानी या हींग मिश्रित पानी लें, इससे गैस और भारीपन दूर होता है।
(स्रोत: AYUSH मंत्रालय, आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. स्मिता सिंह)
मिथक बनाम सच्चाई:
कई लोग मानते हैं कि डिटॉक्स का मतलब जूस पर रहना है लेकिन डॉक्टर कहते हैं, यह गलत है। डिटॉक्स का मतलब है हल्का और पौष्टिक भोजन के साथ शरीर को रिहाइड्रेट करना। ग्रीन टी या नींबू पानी का अति-सेवन भी नुकसानदेह हो सकता है, सीमित मात्रा में ही लें और याद रखें, डिटॉक्स से वजन झट से नहीं घटता, बल्कि शरीर धीरे-धीरे स्वस्थ अवस्था में लौटता है।
अंत में “फिटनेस ही असली फेस्टिवल”
दिवाली की मिठास अब खत्म हो चुकी है, लेकिन अगर आप अपने शरीर का ख्याल रखेंगे तो आने वाले हर त्योहार की चमक बनी रहेगी। अब वक्त है खुद से एक छोटा वादा करने का “अब हर फेस्टिवल के बाद नहीं, बल्कि हर दिन अपने शरीर को सेलिब्रेट करूँगा।”