कुरुक्षेत्र/हरियाणा : इस साल का अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ऐतिहासिक होने जा रहा है। पहली बार 51 देशों में एक साथ गीता के संदेश की गूंज सुनाई देगी। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 15 नवंबर से शुरू होकर यह महामहोत्सव पूरे 21 दिन तक चलेगा यानी तीन सप्ताह तक कुरुक्षेत्र आध्यात्मिकता, संस्कृति और सनातन परंपरा का संगमस्थल बनेगा। इस बार महोत्सव का स्टेट पार्टनर मध्य प्रदेश रहेगा और विदेश मंत्रालय ने खुद इसे वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने की पहल की है।
51 देशों में एक साथ ‘गीता महोत्सव’ के रंग :
गौरतलब है कि इस बार भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया गीता के दिव्य संदेश में डूबेगी। इंग्लैंड, अमेरिका, जर्मनी, जापान, ऑस्ट्रेलिया, रूस, थाईलैंड, मेक्सिको, भूटान, बांग्लादेश, फिजी, कनाडा, न्यूजीलैंड, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे 51 देशों में एक साथ गीता महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। विदेश मंत्रालय की ओर से सभी देशों में लाइव प्रसारण और स्थानीय स्तर पर कार्यक्रमों की विशेष व्यवस्था की जा रही है।
कुरुक्षेत्र में दिखेगा ‘गीता का विराट स्वरूप’ :
आपको बता दें कि 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव की धूम रहेगी। इस बार महोत्सव की अवधि को 18 से बढ़ाकर 21 दिन किया गया है। मुख्य कार्यक्रम 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक होंगे इसी दौरान कुरुक्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने की भी प्रबल संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी 24 नवंबर को NH-44 पर उमरी गांव के पास महोत्सव का उद्घाटन कर सकते हैं। वहीं सीएम नायब सैनी ने बताया कि “ज्योतिसर अनुभव केंद्र” अब पूरी तरह तैयार है और इसका उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री करेंगे।
15 देशों के विद्वान, 7 देशों के कलाकार :
विदित है कि इस बार 15 देशों के 25 विद्वान गीता पर अपने शोध और व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा 20 देशों के राजदूत भी इस समारोह में शामिल होंगे। 7 देशों के शिल्पकार अपनी पारंपरिक कलाओं से “विश्व-गीता” की भावना को साकार करेंगे।
सांस्कृतिक झलक और गीता क्विज से शुरुआत :
गौरतलब है कि 4 से 14 नवंबर तक ऑनलाइन गीता क्विज आयोजित होगी, जबकि 16 नवंबर को गीता रन (दौड़) से वातावरण भक्तिमय बनाया जाएगा। 15 नवंबर से 5 दिसंबर तक शिल्प और सरस मेला चलेगा, जिसमें देश के 19 राज्यों के लोक कलाकार भाग लेंगे। जम्मू-कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र, असम, ओडिशा, गुजरात और उत्तर प्रदेश तक के कलाकार अपनी लोकसंस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। हर शाम पुरुषोत्तमपुरा बाग में भजन संध्या और महाआरती का आयोजन होगा।
25-26 नवंबर: कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में ‘गीता सेमिनार’ :
आपको बता दें कि 25 नवंबर से कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय गीता सेमिनार होगा। यहां ज्योतिसर और सन्निहित सरोवर पर गीता कथा का आयोजन भी होगा। 28 से 30 नवंबर के बीच गीता श्लोक उच्चारण, वाद-विवाद, पेंटिंग, रंगोली, मेहंदी, निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताएं होंगी ताकि युवा पीढ़ी भी गीता के संदेश से जुड़ सके।
पिछले साल सितारों ने बढ़ाया था रंग :
विदित है कि पिछले साल के गीता महोत्सव में बॉलीवुड एक्ट्रेस मीनाक्षी शेषाद्रि, एक्टर आशुतोष राणा, गायक हंसराज हंस और कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी प्रस्तुति से मंच पर चार चांद लगाए थे। इस बार भी बड़े कलाकारों के आने की संभावना है।
कुरुक्षेत्र बनेगा विश्व-आस्था का केंद्र :
गौरतलब है कि 51 देशों में एक साथ मनाया जाने वाला यह गीता महोत्सव भारत की सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural Diplomacy) की सबसे बड़ी मिसाल माना जा रहा है। गीता का संदेश “विश्वबंधुत्व और आत्म-ज्ञान” अब पूरे विश्व तक पहुंचाने की तैयारी है।
सच में कुरुक्षेत्र एक बार फिर धर्म, दर्शन और दिव्यता का केंद्र बनने जा रहा है। गीता के श्लोकों से आसमान गूंजेगा, और भारत का अध्यात्म पूरी दुनिया में छा जाएगा।