वृंदावन (मथुरा): धनतेरस के मौके पर ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर का 54 साल बाद खोला गया रहस्यमयी खजाना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। शनिवार को जब प्रशासन और मंदिर समिति ने तोषखाना (खजाना कक्ष) की सील तोड़ी, तो सबकी सांसें थम गईं। जिस खजाने में सोना-चांदी और और कीमती जवाहरात मिलने की उम्मीद थी, वहां सिर्फ खाली बक्से, पुराने पत्र, तीन कलश और धूल से भरे तहखाने मिले।
पहली बार खुला 160 साल पुराना रहस्य :
आपको बता दें कि बताया जाता है कि बांके बिहारी मंदिर का यह तोषखाना करीब 160 साल पुराना है। शनिवार को जब खजाने के कमरे का दरवाजा ग्राइंडर से काटकर खोला गया, तो अफसरों और पुजारियों की टीम को भीतर लोहे और लकड़ी के दो बड़े बक्से और तीन कलश मिले। लकड़ी के बक्से में ज्वेलरी के कई छोटे-छोटे खाली डिब्बे, कुछ पुराने ताले, 2 फरवरी 1970 का पत्र, और एक चांदी का छोटा छत्र मिला। कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी के मुताबिक, “अंदर इतनी मिट्टी और धूल थी जैसे किसी ने जानबूझकर भरी हो। हवा तक नहीं थी, दम घुटने लगा, इसलिए हमें बाहर आना पड़ा।”
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरी प्रक्रिया :
गौरतलब है कि खजाने को खोलने की यह पूरी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की निगरानी में हुई। कमेटी में सिविल जज, सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी, सीओ वृंदावन, सीओ सदर और चारों गोस्वामी परिवारों के प्रतिनिधि मौजूद थे। अंदर जाते समय सभी ने मास्क पहन रखे थे, जबकि वन विभाग की टीम भी साथ थी क्योंकि अंदर सांप-बिच्छू होने की आशंका थी। सर्चिंग के दौरान सचमुच दो छोटे सांप भी मिले।
अब तक क्या मिला?
● दो बक्से — एक लोहे का, एक लकड़ी का
● तीन कलश
● आभूषणों के खाली डिब्बे
● चार से पांच पुराने ताले
● 1970 का एक पत्र
● चांदी का छोटा छत्र
अधिकारियों के अनुसार, अंदर जो भी सामग्री मिली है, उसे वीडियोग्राफी के साथ रिकॉर्ड कर लिया गया है और फिलहाल वहीं सुरक्षित रखा गया है।
क्या असली खजाना बैंक लॉकर में है?
मंदिर के सेवायतों का कहना है कि 1971 में जब पिछली बार तोषखाना खोला गया था, तब ठाकुर जी के कीमती आभूषणों और सोने-चांदी के सामान की सूची बनाकर उन्हें भूतेश्वर स्थित SBI बैंक लॉकर में रख दिया गया था। अब जबकि तोषखाना खाली मिला है, यह दावा और मजबूत होता दिख रहा है।
अखिलेश यादव का तंज: “मंदिरों के खजाने तो छोड़ दो…”
आपको बता दें कि खजाना खुलने की खबर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि “भाजपा सरकार से करबद्ध आग्रह… कम-से-कम मंदिरों के खजाने तो छोड़ दे… इतना भी लालच अच्छा नहीं। दुर्भाग्यपूर्ण!”
आज फिर खुलेगा तोषखाना
शनिवार की सर्चिंग के बाद अब रविवार को दोबारा तोषखाना खोला जाएगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि तहखाने के नीचे कोई और कक्ष या सीढ़ियां मिल सकती हैं। CO सदर संदीप कुमार सिंह ने बताया “जो कुछ मिला है, उसकी लिस्टिंग हो चुकी है। आगे की प्रक्रिया रविवार को तय की जाएगी।”
बांके बिहारी मंदिर की ऐतिहासिक झलक :
बांके बिहारी मंदिर देश के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। स्वामी हरिदास जी ने इसका निर्माण 1864 में कराया था। कहा जाता है कि उन्हें स्वयं राधा-कृष्ण ने बांके बिहारी रूप में दर्शन दिए थे।
अब सबकी निगाहें उस “बंद लॉकर” पर हैं, जिसमें ठाकुर जी के असली आभूषण रखे बताए जाते हैं। क्या अगली बार खजाने का “सोने वाला सच” सामने आएगा या फिर रहस्य और गहरा जाएगा?