रोशनी बनाम अंधकार: सवाल इस बार दो तारीख़ों का:
दीपों का पर्व दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। यह सिर्फ रोशनी का त्योहार नहीं बल्कि अंधकार पर प्रकाश की, और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत का प्रतीक है। लेकिन इस बार लोगों में उलझन है, क्या दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाए या 21 अक्टूबर को? ज्योतिषाचार्यों के मत से आइए जानते हैं कौन-सी तारीख़ है सबसे शुभ और क्यों।
दो दिनों में फैली अमावस्या तिथि:
असली भ्रम की वजह यह है कि कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 03:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 05:50 बजे समाप्त होगी। यानी तिथि दो दिनों में पड़ रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है जब तिथि दो दिन रहे तो दीपावली कौन-से दिन मनाना उत्तम रहेगा?
ज्योतिषाचार्यों का मत, “20 अक्टूबर सबसे शुभ”
लाइव हिन्दुस्तान के मुताबिक ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय व पं. गणेश मिश्र का कहना है कि दीपावली रात्रि का पर्व है, और पूजा उसी दिन करनी चाहिए जब अमावस्या तिथि प्रदोष काल और निशीथ काल (रात का मध्य भाग) में हो।
2025 में यह संयोग 20 अक्टूबर की रात बन रहा है, इसलिए इसी दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन श्रेष्ठ रहेगा।
लक्ष्मी-गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त:
तिथि: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
प्रदोष काल: शाम 05:46 से रात 08:18 बजे तक
वृषभ काल (मुख्य पूजा): शाम 07:08 से रात 09:03 बजे तक
शुभ मुहूर्त: 07:08 PM – 08:18 PM
इस दिवाली क्यों बन रहा है शुभ योग:
इस बार दीपावली पर शुभ पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है, ज्योतिष के अनुसार यह योग धन-लाभ, निवेश, नए व्यवसाय की शुरुआत और गृह-प्रवेश के लिए विशेष रूप से मंगलकारी है। साथ ही शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में और बृहस्पति वृषभ में रहेंगे, जो आर्थिक वृद्धि के संकेत देते हैं।
पूजा-विधि और घर सजाने की परंपरा:
घर की उत्तर-पूर्व दिशा को साफ करें और पूजा स्थान पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएँ।
गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और गंगाजल से अभिषेक करें।
रोली, हल्दी, सिंदूर, चावल, पुष्प, मिठाई और फल अर्पित करें।
आरती के बाद घर के प्रत्येक कोने में दीप जलाएँ।
मुख्य द्वार पर 11 दीपक, तुलसी के पास 1 दीपक और दक्षिण दिशा की ओर 1 दीपक अवश्य जलाएँ (पितरों की शांति हेतु)।
लक्ष्मी-गणेश पूजन का महत्व:
गणेश जी: बुद्धि, विवेक और बाधा-निवारण के देवता हैं।
माँ लक्ष्मी: धन-संपन्नता और स्थायी समृद्धि का प्रतीक।
इन दोनों की संयुक्त पूजा से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
क्या न करें दिवाली की रात:
• दीपक बुझाकर न छोड़ें, विशेषकर मंदिर का दीपक।
• कर्ज देना या लेना अशुभ माना गया है।
• झगड़ा, अपशब्द या किसी का अपमान न करें।
• उत्तर दिशा की ओर दीपक न रखें, यह वास्तु के अनुसार हानि-कारक होता है।
पूरा त्योहार-कैलेंडर 2025:
| पर्व | तिथि | दिन |
|---|---|---|
| धनतेरस | 17 अक्टूबर | शुक्रवार |
| रूप चतुर्दशी (छोटी दिवाली) | 18 अक्टूबर | शनिवार |
| मुख्य दिवाली | 20 अक्टूबर | सोमवार |
| गोवर्धन पूजा | 21 अक्टूबर | मंगलवार |
| भैया दूज | 22 अक्टूबर | बुधवार |
निष्कर्ष:
इस वर्ष दीपावली 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाना सबसे शुभ रहेगा। इस दिन प्रदोष काल और निशीथ काल का संयोग होने से माँ लक्ष्मी की आराधना का फल अनेक गुना बढ़ जाता है। तो इस बार “21 नहीं, 20 अक्टूबर की रात” जगमगाएँ अपने दीप, और करें अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव।