दिवाली पर पटाखे जलाने से पहले हो जाएं सावधान!: एक चिंगारी भी बन सकती हैं जानलेवा, अपनाए सुरक्षा के ये जरूरी टिप्स?
दिवाली पर पटाखे जलाने से पहले हो जाएं सावधान!

लाइफस्टाइल/सुरक्षा : दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है। लेकिन हर साल इस खुशियों भरी रात में सैकड़ों घरों में पटाखों की एक चिंगारी मातम में बदल जाती है। जलते कपड़े, झुलसे हाथ, और अस्पतालों में कराहते बच्चे... यह वह सच्चाई है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ 2023 में दिवाली के दिन 208 जगहों पर आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट बताती है कि 2002 से 2010 के बीच दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर पटाखों से जुड़े हादसों में लगातार बढ़ोतरी हुई। इन 8 सालों में दिवाली के तीन दिनों के दौरान 1,373 लोग घायल हुए, जिनमें से 73% की उम्र 5 से 30 साल के बीच थी। यानी साफ है कि थोड़ी-सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।

आतिशबाजी हो सकती खतरनाक :
डॉ. रोहित शर्मा, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर बताते हैं कि “पटाखों से निकलने वाली चिंगारी कपड़ों में आग लगा सकती है। तेज आवाज कानों पर असर डालती है, जबकि धुआं लंग्स को खराब करता है। अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए यह बेहद खतरनाक है।

मुख्य खतरे:

◼️ कपड़ों या पर्दों में आग लगना
◼️ आंखों में जलन या चोट
◼️ कानों पर तेज आवाज का असर
◼️ लंग्स और सांस की बीमारी
◼️ दिल के मरीजों पर स्ट्रेस

“छोटी सी गलती और बड़ा हादसा”
गौरतलब है कि रामराजा यादव, चीफ फायर ऑफिसर, बदायूं, यूपी बताते हैं कि “पटाखे मजे के लिए हैं, लेकिन लापरवाही से ये आग और जान दोनों ले सकते हैं।” आम असावधानियों में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं।

◼️ बंद कमरे में पटाखे जलाना — दम घुटने और आग का खतरा
◼️ सिंथेटिक कपड़ों में पटाखे जलाना — तुरंत आग पकड़ लेते हैं
◼️ बालकनी या वाहनों के पास फोड़ना — आसपास के लोगों को खतरा
◼️ बच्चों को बिना निगरानी पटाखे देना — गंभीर जलन का जोखिम
◼️ हाथ में पकड़कर जलाना — धमाके से चेहरे या हाथ का झुलसना
◼️ अल्कोहल या परफ्यूम के पास फोड़ना — विस्फोट का खतरा
◼️ पुराने पटाखे जलाना — अनियंत्रित फट सकते हैं

सेफ्टी के 12 जरूरी टिप्स

  1. पटाखे हमेशा खुले मैदान में और बड़ों की निगरानी में जलाएं।

  2. ढीले या सिंथेटिक कपड़े न पहनें।

  3. माचिस या लाइटर की जगह लंबी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें।

  4. एक पटाखा जलने के बाद तुरंत उसके पास न जाएं।

  5. बुझाने के लिए बाल्टी में पानी जरूर रखें।

  6. इस्तेमाल किए पटाखे को दोबारा जलाने की कोशिश न करें।

  7. भीड़भाड़ या सड़कों पर पटाखे न जलाएं।

  8. बच्चों को अकेले आतिशबाजी न करने दें।

  9. आसपास दिये या सजावटी लाइट्स से दूरी रखें।

  10. पटाखों को सूखी जगह पर और बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

  11. अगर कपड़े में आग लग जाए तो रुकें, लेटें और लुढ़कें (STOP, DROP & ROLL)।

  12. फर्स्ट एड किट हमेशा तैयार रखें।

अगर पटाखे से जल जाएं तो तुरंत क्या करें
विदित है कि डॉ. शर्मा सलाह देते हैं कि अगर पटाखे से जल जाएं तो तुरंत ही -

● जले हिस्से को 10 मिनट तक सामान्य ठंडे पानी में रखें।
● बर्फ या टूथपेस्ट कभी न लगाएं।
● घाव को सूखने न दें, एलोवेरा जेल या मॉइश्चराइजर लगाएं।
● साफ कपड़े से ढककर डॉक्टर के पास जाएं।
● गंभीर बर्न की स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प लें।

वहीं अगर आंख में चोट लगी हो तो -
● आंख को धीरे-धीरे साफ पानी से धोएं।
● किसी भी चीज से रगड़ें नहीं।
● दर्द या सूजन बढ़े तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ के पास जाएं।

घर में रखें ये जरूरी फर्स्ट एड सामान :

● बर्न क्रीम (जैसे सिल्वर सल्फाडियाजीन)
● एलोवेरा जेल
● एंटीसेप्टिक लोशन
● स्टेराइल गॉज़ और पट्टियां
● पेन रिलीफ स्प्रे
● एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट
● कॉटन, कैंची, ग्लव्स
● डॉक्टर का नंबर और नजदीकी हॉस्पिटल की लिस्ट
● अस्थमा, हार्ट या बीपी मरीजों के लिए सलाह
● पटाखों से निकलने वाले धुएं से दूर रहें।
● घर की खिड़कियां बंद रखें, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
● बाहर जाना जरूरी हो तो N95 मास्क पहनें।

दिवाली की असली चमक दीयों और मुस्कानों से होती है, पटाखों के धमाकों से नहीं। सुरक्षित रहें, सतर्क रहें क्योंकि एक चिंगारी पूरे घर को अंधेरे में बदल सकती है।

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