लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कैबिनेट बैठक में ऐसे फैसले लिए हैं जिनका असर सीधे लोगों की जेब और रोज़मर्रा पर पड़ेगा। पेंशन के नियम से लेकर किरायानामा (रेंट एग्रीमेंट) की स्टाम्प फीस, छोटे व्यवसायों के रजिस्ट्रेशन, लेखपाल भर्ती नियम और किसानों के लिए गन्ना मूल्य तक; हर जगह बदलाव हुआ है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि क्या हुआ बदलाव
1) बिना अप्लाई; पेंशन सीधे खाते में :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब उम्र पूरी होने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए अलग फार्म भरने की ज़रूरत नहीं रहेगी। सरकार की ‘Family ID एक परिवार, एक पहचान’ प्रणाली से जो लोग पात्र हैं, उनका स्वतः चिन्हांकन होगा। 60 वर्ष की आयु अगले 90 दिनों में पूरी होने वाले लोगों की सूची आटोमैटिक बनेगी, फिर डिजिटल (SMS/WhatsApp/कॉल) या जरूरत पड़ी तो फील्ड कर्मचारी से सहमति लेकर पेंशन मंजूर कर दी जाएगी यानी घर बैठे पेंशन मिलने लगेगी। यह कदम उन लाखों बुज़ुर्गों के लिए खास है जो दफ्तरों तक नहीं पहुँच पाते।
2) किरायानामा पर भारी राहत; स्टाम्प फीस में कटौती :
गौरतलब है कि किरायेदारों और मकानमालिकों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। साल तक के मानक किरायानामों को बढ़ावा देने और 10 साल तक के रेंट एग्रीमेंट पर स्टाम्प शुल्क/रजिस्ट्रेशन फीस में छूट देने की घोषणा की गई है। औसत वार्षिक किराया 10 लाख रुपये तक वाले समझौतों के लिए यह छूट लागू होगी। इसका मकसद यह है कि लोग किरायानामा लिखित कराने लगें, विवाद कम हों और रजिस्ट्री बढ़े। ध्यान रहे टोल पट्टे और खनन पट्टे इस छूट से बाहर रखे गए हैं ताकि राजस्व प्रभावित न हो।
3) छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत; 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन अब नहीं अनिवार्य :
विदित है कि श्रम कानूनों में बड़ा बदलाव किया गया है अब जिन प्रतिष्ठानों में 20 से कम कर्मचारी हैं, उनके लिए पंजीयन अनिवार्य नहीं होगा। इसका मतलब है कि छोटे दुकान-कारोबार, क्लीनिक, सलाहकार कार्यालय वगैरह को अब कम नियामकीय बोझ और त्वरित कारोबार की छूट मिलेगी। साथ में Shops & Commercial Establishments Act का दायरा पूरे प्रदेश तक बढ़ाकर कई छोटे व्यवसायों को कानूनी सुरक्षा देने पर भी सहमति हुई है। इससे रोज़गार और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
4) लेखपाल बनने का नया रास्ता; चैनमैन को प्रमोशन मिल सकेगा :
आपको बता दें कि कैबिनेट के नए फैसले के अनुसार इन दिनों जिन लेखपाल पदों पर कमी है, उन्हें भरने के लिए अब चैनमैनों को प्रमोशन के जरिए लेखपाल बनाया जा सकेगा। नियमावली (लेखपाल सेवा नियमावली, पंचम संशोधन 2025) में यह संशोधन मंजूर हुआ है कुल पदों में से 2% तक पद योग्य चैनमैनों को पदोन्नति के माध्यम से भरा जा सकेगा। इससे अनुभवी फील्ड स्टाफ को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय जमीन पर काम तेज होगा।
5) गन्ना व किसानों के लिए भी खबर; कीमतों में वृद्धि मंजूर :
राज्य सरकार ने गन्ना मूल्य बढ़ाने का प्रस्ताव भी हरी झंडी दी है। अलग-अलग प्रजातियों के लिए नई दरें तय की गई हैं ताकि किसानों को बेहतर भाव मिले और मिल-गन्ना संबंधी व्यवस्थाओं में पारदर्शिता बनी रहे। इससे चीनी उद्योग और किसानों दोनों के बीच समन्वयन बेहतर होगा।
6) कृषि व ऊर्जा; सोलर पंपों का बड़ा प्रोग्राम :
सरकार ने PM-KUSUM के तहत 2025-26 में लगभग 40,521 सोलर पंप लगाने की मंजूरी दी है। इससे डीजल की बचत, बिजली की बचत और सिंचाई की क्षमता में इजाफा होगा; खासकर छोटे व मध्यम किसानों के लिए यह राहत होगी।
7) इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री को भी बल: प्लेज पार्क, एलओसी और सब्सिडी :
गौरतलब है कि अब मुख्य सड़क से 2.5 किमी अंदर भी प्लेज पार्क बनाए जा सकेंगे (शर्तें लागू)। सरकार सड़क, भूमि और जरूरी सहूलियतें देगी। अशोक लीलैंड के EV प्लांट में अतिरिक्त निवेश के लिए संशोधित एलओसी की मंजूरी दी गई, इससे निवेश और सब्सिडी दोनों बढ़ेंगे।
ये कदम निजी निवेश को प्रोत्साहित करने तथा MSME/इंडस्ट्री को जमीन देने की नीति का हिस्सा हैं।
8) न्यायिक अधिकारियों के लिए वाहन एडवांस और कई प्रशासनिक सुव्यवस्थाएँ :
गौरतलब है कि न्यायिक सेवा के अधिकारियों को अब कार खरीदने के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये तक एडवांस दिया जा सकेगा (पहले 8 लाख था)। कुछ विभागीय नियमावली और भर्ती-पोस्टिंग में छोटे-छोटे सुधार भी मंजूर हुए हैं, ताकि सरकारी कामकाज तेज और पारदर्शी बने।
इस फैसले का असर किन लोगों पर सबसे ज़्यादा पड़ेगा?
●बुजुर्ग — बिना फार्म पड़े पेंशन मिलने से घर-घर राहत।
●किरायेदार / मकानमालिक — सस्ता और रजिस्टर्ड किरायानामा, कानूनी सुरक्षा बढी़।
●छोटे व्यवसायी — पंजीकरण का बोझ घटेगा, कारोबार सुगम होगा।
●किसान (गन्ना) — कीमतों में बढ़ोतरी से फायदा मिलने की उम्मीद।
यह कैबिनेट बैठक दिखाती है कि सरकार ने लाभार्थियों तक सीधा लाभ पहुँचाने, छोटे कारोबार को राहत देने, और निवेश व इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की रणनीति चुनी है। कुछ फैसले तत्काल जनहित में हैं (पेंशन, किरायानामा), कुछ दीर्घकालिक असर देंगे (प्लेज पार्क, निवेश और सोलर पंप)। अगले कुछ महीनों में इन नीतियों का धरातलीय असर खासकर बुजुर्गों और छोटे व्यापारियों पर साफ दिखेगा।