प्रदेश के 28 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को, दिवाली की बड़ी सौगात!: महंगाई भत्ते (DA) में 3 फीसदी की वृद्धि , इस तारीख से होगा लागू वही प्रभाव..
प्रदेश के 28 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को, दिवाली की बड़ी सौगात!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिवाली से पहले अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को एक बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता (Dearness Allowance - DA) और महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) की दर 55% से बढ़ाकर 58% करने का ऐलान किया है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी और इससे 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को लाभ मिलेगा।

कौन-कौन लाभार्थी होंगे?

• इस फैसले से 16.35 लाख सक्रिय कर्मचारियों और 11.52 लाख पेंशनरों को फायदा मिलेगा।
• इसमें राज्य सरकार के सामान्य विभागों के कर्मचारी, शिक्षण संस्थान, सहायक निकाय, शहरी स्थानीय निकाय, और विश्वविद्यालयों से जुड़े कर्मचारी शामिल हैं।
• DR प्रणाली के अंतर्गत आने वाले रिटायरिज़ और पारिवारिक पेंशन भोगी भी इस बढ़ोतरी के दायरे में आएंगे।

वित्तीय दबाव, लेकिन प्राथमिकता कर्मचारियों की:

योगी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के हित में 3% महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाने का निर्णय लिया है। हालांकि, इस कदम से सरकार के खजाने पर महत्वपूर्ण वित्तीय दबाव भी पड़ेगा। आइए इसे विस्तार से समझें:

 राज्य सरकार पर कुल आर्थिक बोझ

इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर अनुमानित ₹1,960 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
यह राशि कर्मचारियों और पेंशनरों को नए DA/DR दर के तहत भुगतान करने के लिए आवश्यक है।
इसमें न केवल वर्तमान कर्मचारियों का वेतन शामिल है, बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी अतिरिक्त भुगतान शामिल है।

बकाया राशि (Arrears)

बढ़ी हुई DA दर 1 जुलाई 2025 से लागू मानी जाएगी, लेकिन बकाया राशि की भरपाई के लिए ₹795 करोड़ का भुगतान नवंबर 2025 में किया जाएगा।
इसका मतलब है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई-सितंबर 2025 के बकाया DA के रूप में यह राशि मिलेगी।
इस भुगतान का समयबद्ध होना सरकार के लिए चुनौती हो सकती है, खासकर विभिन्न विभागों और पेंशन योजनाओं में।

 मासिक अतिरिक्त व्यय

दिसंबर 2025 से लागू होने वाली नई दर के अनुसार, सरकार को प्रत्येक माह लगभग ₹245 करोड़ अतिरिक्त व्यय करना होगा।
इसका असर राज्य की वार्षिक बजट योजना पर भी पड़ेगा।
इस राशि में वेतन वृद्धि, पेंशन भुगतान और अन्य संबद्ध भत्ते शामिल हैं।

 पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के तहत असर

पेंशन पाने वाले कर्मचारी, जो Old Pension Scheme (OPS) के तहत हैं, उनके लिए सरकार को घाटे की पूर्ति पर भी विचार करना पड़ सकता है।
OPS के तहत पेंशनभोगियों की पेमेंट फिक्स्ड होती है और इसमें DA की बढ़ोतरी सीधे जुड़ती है।
पुराने पेंशनभोगियों के लिए इस बढ़ोतरी का अतिरिक्त बोझ वित्तीय रूप से अधिक संवेदनशील है क्योंकि उन्हें पुराने नियमों के हिसाब से भुगतान किया जाता है।
अलग-अलग पेंशन योजनाओं के दायरे और नियम भिन्न हैं, इसलिए सरकार को सटीक गणना और बजटीय प्रावधान करना आवश्यक है।

राज्य बजट पर समग्र असर

कुल मिलाकर यह बढ़ोतरी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए लाभकारी है, लेकिन राज्य के वित्तीय संतुलन पर दबाव बढ़ाएगी।
वित्त विभाग को अन्य विकास योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों में खर्च को संतुलित करना होगा।
समय पर बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करना और मासिक अतिरिक्त व्यय का हिसाब रखना वित्तीय समन्वय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

शुरुआत, भुगतान और प्रभाव

नए DA/DR की दर 1 जुलाई 2025 से लागू मानी जाएगी, अक्टूबर 2025 से इस बढ़ी हुई दर को मासिक वेतन/पेंशन में शामिल किया जाएगा। जुलाई से सितंबर 2025 के बकाया हिस्से का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों और पेंशनरों को समय से सभी भुगतानों का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी का बयान & राजनीतिक पृष्ठभूमि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “संतोष, सुरक्षा और समृद्धि का दीप” जलाने वाला निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य सरकार की कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है।
यह निर्णय केंद्रीय सरकार द्वारा हाल ही में DA/DR में बढ़ोतरी किए जाने के कुछ समय बाद आया है, ताकि राज्य में भी समान आर्थिक समायोजन हो सके। दिवाली से पहले समयानुकूल यह फैसला राजनीतिक संदेश और कर्मचारियों के प्रति समर्थन दोनों का प्रतीक माना जा रहा है।

तुलना: केंद्र और अन्य राज्यों में DA बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने भी इसी अवधि के लिए 3% DA/DR बढ़ाने का आदेश दिया है। अन्य राज्य जैसे राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि ने भी दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए बोनस या DA बढ़ोतरी की घोषणाएँ की हैं।
यह कदम एक सामान्य रुझान दर्शाता है, जिसमें राज्य सरकारें मुद्रास्फीति (inflation) के दबाव को देखते हुए कर्मचारियों की क्रय शक्ति बचाने का प्रयास कर रही हैं।

पलटा असर & चुनौतियाँ

इस कदम से कर्मचारियों व पेंशनरों की निवल आय (take-home income) बढ़ेगी और महंगाई की मार कुछ कम होगी। राज्य सरकार को वित्तीय बोझ का सामना करना होगा, अन्य विकास योजनाओं, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और राजस्व संग्रह पर दबाव बढ़ सकता है।
नियमित और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण होगा, विशेष रूप से दूरदराज़ इलाकों में, तथा विभागों के बीच समान्वय आवश्यक होगा।
यदि अगले DA/DR की बढ़ोतरी भी होनी है, तो समीक्षा और बजटीय तैयारी समय रहते करनी होगी। पेंशनरों और कर्मचारियों को यह ध्यान रखना होगा कि बकाया राशि (arrears) किस तरह टैक्स अधिनियमों के अंतर्गत सम्मिलित होगी।

कुल निष्कर्ष, दीर्घकालीन महत्व

यह घोषणा सिर्फ एक “दिवाली तोहफा” नहीं है यह राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है कि वह अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई की चुनौतियों के बीच समर्थन देने को प्राथमिकता देती है।
28 लाख लोगों की संख्या दर्शाती है कि यह पॉलिसी केवल कुछ लोगों को नहीं बल्कि एक बड़े वर्ग को सीधे प्रभावित करेगी। इस फैसले की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि बकाया भुगतान समय से हो, नई दर लागू हो जाए, और इसका राज्य आर्थिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव न्यूनतम रहे।

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