लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा है कि इस बार राज्य में पराली जलाने की एक भी घटना सामने आई तो जिम्मेदार अधिकारी को सीधे कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि पराली जलाना पर्यावरण और जनस्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा है। इससे हवा में जहरीले तत्व फैलते हैं, सांस की बीमारियाँ बढ़ती हैं और प्रदूषण नियंत्रण पर सरकार के प्रयास कमजोर पड़ते हैं। इसलिए इसे हर हाल में “शून्य” पर लाना होगा।
किसानों को दिया वैकल्पिक समाधान का रास्ता :
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को यह समझाया जाए कि फसल अवशेष जलाना समस्या का हल नहीं, बल्कि नई समस्या की जड़ है। प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) के वैकल्पिक उपायों जैसे–
●बायो डी-कंपोज़र,
●हैप्पी सीडर मशीन,
●मल्चर और रोटावेटर
का उपयोग बढ़ाया जाए।
योगी ने कहा, “किसानों को सजा देने से पहले उन्हें समझाना जरूरी है कि पराली अब बर्बादी नहीं, बल्कि खाद और उर्वरक में बदल सकती है।”
सेटेलाइट से होगी खेतों पर नजर!
गौरतलब है कि योगी सरकार ने आदेश दिया है कि हर जिले में सेटेलाइट से लगातार निगरानी की जाएगी। जिन खेतों में धुआं उठेगा, उनकी लोकेशन तुरंत चिन्हित की जाएगी और वहां के नोडल अधिकारी व डीएम (जिलाधिकारी) से जवाब मांगा जाएगा। संवेदनशील जिलों में विशेष टीमें बनाई जा रही हैं जो ड्रोन और जियो-मैपिंग के ज़रिए “हॉटस्पॉट क्षेत्र” चिन्हित करेंगी।
पराली जलाने पर अब भारी जुर्माना
विदित है कि सरकार ने पराली जलाने पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति (Environmental Compensation) भी तय कर दी है।
●दो एकड़ से कम पराली जलाने पर ₹2,500 जुर्माना
●दो से पाँच एकड़ तक ₹5,000 जुर्माना
●पाँच एकड़ से अधिक पर ₹15,000 जुर्माना
सीएम ने कहा कि अगर कोई किसान इन नियमों का उल्लंघन करता है तो कानूनी कार्रवाई के साथ पर्यावरण जुर्माना वसूला जाएगा।
हर 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी :
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक 50 से 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।
इन नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि –
●अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोका जाए,
●किसानों को वैकल्पिक तरीके बताए जाएँ,
●और सेटेलाइट मॉनिटरिंग के जरिए रिपोर्ट जिला प्रशासन को दी जाए।
अफसरों पर सख्त नजर, ढिलाई पर गाज तय :
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर किसी जिले में पराली जलाने की घटना हुई, तो केवल किसान नहीं बल्कि स्थानीय अधिकारी भी जिम्मेदार माने जाएंगे। सीएम का साफ संदेश है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिम्मेदार अफसर के खिलाफ तत्काल निलंबन और दंडात्मक कार्रवाई तय है।”
पराली जलाना सिर्फ खेत में आग नहीं, बल्कि हवा में ज़हर छोड़ने जैसा अपराध है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि इस साल उत्तर प्रदेश में एक भी पराली जलाने की घटना न हो। इसके लिए प्रशासन, पुलिस, कृषि विभाग, ग्राम विकास और पंचायती राज सभी विभागों को एक साथ काम करने का निर्देश दिया गया है।