यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 में अब तक की सबसे कड़ी सख्ती!: फर्जी छात्रों पर लगेगी लगाम, 10वीं-12वीं के एग्जाम में एडमिट कार्ड के साथ ये डॉक्यूमेंट हुआ अनिवार्य?
यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 में अब तक की सबसे कड़ी सख्ती!

लखनऊ : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं इस बार पूरी तरह हाई-टेक और नकलमुक्त माहौल में होंगी। बोर्ड ने डिजिटल सिक्योरिटी को नई ऊंचाई देते हुए ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिससे किसी और के नाम से परीक्षा देने वाले साल्वर अब केंद्र के गेट तक भी नहीं पहुंच सकेंगे।

पहली बार; एडमिट कार्ड व आधार कार्ड दोनों अनिवार्य :

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि बोर्ड अब हर परीक्षार्थी के एडमिट कार्ड और फोटो-युक्त आधार कार्ड के मिलान के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश देगा। एग्जाम हॉल में घुसते ही आधार आधारित वेरिफिकेशन होगा। चेहरा, फोटो, नाम सभी डिजिटल तरीके से मैच किए जाएंगे। कोई mismatch होने पर एंट्री तत्काल रद्द कर दी जाएगी।

यूपी बोर्ड एग्जाम कब?

गौरतलब है कि 18 फरवरी से 12 मार्च तक यूपी बोर्ड की 10वीं-12वीं की परीक्षाएं चलेंगी। केवल अलीगढ़ जिले में ही बात करें तो 136 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित हैं जिसमें हाईस्कूल 51,480 विद्यार्थी हैं। और इंटर में 49,146 विद्यार्थी रजिस्टर्ड है।

बोर्ड का मिशन; “Zero नकल, Zero फर्जी परीक्षार्थी”

आपकी जानकारी के लिये बता दें कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि हर साल बड़ी संख्या में फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाते हैं। फिरोजाबाद समेत कई जिलों में साल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया गया। ये लोग नकली एडमिट कार्ड लगाकर गैंग पैसे लेकर परीक्षा दिलाते थे। अब आधार लिंकिंग से यह गैंग चल नहीं पाएगा।

CCTV और जियो-टैगिंग से केंद्र बने डिजिटल वॉर रूम :

विदित है कि बोर्ड इस बार सिर्फ सख्त नहीं, सुपर मॉनिटरिंग मोड में है। सभी प्रमुख परीक्षा केंद्रों में 360° CCTV कवरेज किया गया है। जिला मुख्यालय से रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। हर परीक्षा केंद्र की जियो-टैगिंग की जाएगी। उत्तर पुस्तिकाओं में भी सुरक्षा संबंधी बदलाव किया गया है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी है।

स्टाफ पर भी कसेंगे शिकंजा; QR कोड वाला ID कार्ड :

विदित है कि परीक्षा केंद्र पर तैनात केंद्र व्यवस्थापक, निरीक्षक, कक्ष निरीक्षक, परीक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ सभी को क्यूआर कोड युक्त डिजिटल ID जारी होगा। अयोग्य शिक्षक और बाहरी लोग केंद्र पर ड्यूटी नहीं लगा पाएंगे।

पुराने तरीके से प्रवेश अब नामुमकिन :

विदित है कि सालों से चली आ रही जुगाड़ अब खत्म होने जा रही है। फर्जी एडमिट कार्ड, फोटो बदलकर एंट्री, साल्वर के नाम से रोल नंबर जोड़ना ये सब तकनीकी फिल्टर में पकड़े जाएंगे। जो भी छात्र गेट पर आएगा, आधार और एडमिट कार्ड मैच होना अनिवार्य है।

बोर्ड अधिकारियों का दावा :

आपको बता दें कि हर परीक्षार्थी की पहले से UP-ID है, जो आधार से लिंक है। इसलिए सिस्टम लागू करना आसान है। इस साल तकनीकी दिक्कत न आई तो पूरा राज्य आधार-वेरिफाइड परीक्षा देगा।

इस बार यूपी बोर्ड का एग्जाम ‘टाइट सिक्योरिटी जोन’ जैसा होगा। नकलबाजों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साल्वर गैंग का खेल खत्म कर दिया गया है। तकनीकी सुरक्षा सबसे मजबूत किया गया है। और परीक्षार्थियों के लिए पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।

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