यूपी जमीन व्यवस्था में होगा ऐतिहासिक बदलाव!: अब सैटेलाइट GPS से नपेगी हर इंच जमीन, ऑनलाइन दिखेगा हर गाटा, सीधी पहुंच होगी आसान वही जमीन विवाद...
यूपी जमीन व्यवस्था में होगा ऐतिहासिक बदलाव!

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार अब चकबंदी प्रणाली को पूरी तरह हाई-टेक मोड में ले जा रही है। दशकों पुराने फटे-गले नक्शों का दौर खत्म होने वाला है, क्योंकि राज्य में पहली बार जमीनों के नए सिरे से डिजिटल मैप तैयार किए जा रहे हैं। वो भी GPS आधारित अल्ट्रा-हाई एक्युरेसी तकनीक से। दावा है कि अब विभाग के पास इंच-इंच भूमि का सटीक रिकॉर्ड होगा। यह बदलाव इतना बड़ा है कि इसे जमीन विवाद कम करने की दिशा में UP की अब तक की सबसे ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।

पुराने नक्शे अब इतिहास; UP की जमीन मापेगा सैटेलाइट और GPS रोवर से

आपको बता दें कि चकबंदी विभाग के अनुसार, नए नक्शों में यह साफ दिखेगा कि रिकॉर्ड में किसके नाम कितनी जमीन है और मौके पर वास्तव में वह कितनी जमीन पर काबिज है। अब लेखपाल आंखों से नहीं, GPS रोवर मशीन से मापेंगे। यह वही तकनीक है जो हाईवे, एयरपोर्ट और बड़े इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल होती है। सटीकता इतनी जबरदस्त होगी कि जमीन का माप सेंटीमीटर के लेवल तक सही मिलेगा।

ग्राम समाज की जमीन भी GPS से चिह्नित होगी; कब्जे की कोई गुंजाइश नहीं :

गौरतलब है कि नए नक्शों में ग्राम समाज की जमीन का भी अलग से GPS मैप तैयार होगा। सरकार की कोशिश है कि सभी ग्राम समाज गाटे एक ही जगह चक के रूप में आएं, ताकि उस भूमि का सही उपयोग स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक भवन जैसे कामों में हो सके। यानि अब गांव की “खास” जमीन पर कब्जे की कहानी खत्म होगी।

20 करोड़ से ज्यादा के रोवर खरीदे; UP देश में नंबर-1 राज्य बनने की ओर

राजस्व परिषद ने पहले चरण में ही 20 करोड़ रुपये के GPS रोवर खरीद लिए हैं। आगे और कई सौ रोवर खरीदे जाएंगे। इसके बाद UP देश का पहला राज्य बन जाएगा जो इतनी बड़ी स्केल पर पूरी जमीन व्यवस्था को डिजिटल मैपिंग पर ला रहा है।

गांवों का नक्शा होगा ऑनलाइन; मोबाइल ऐप से मिलेगा घर और खेत का लोकेशन :

राजस्व परिषद ने बताया कि बहुत जल्द एक मोबाइल ऐप भी लाया जा रहा है जिसमें हर घर, हर खेत, हर गाटा संख्या सैटेलाइट मैप पर दिखाई देगा। यानि जैसे Google Maps से घर खोजते हैं, वैसे ही अब खेत और गाटा संख्या भी मोबाइल पर लोकेट कर सकेंगे। UP ऐसा करने वाला भारत का पहला राज्य होगा।

गांवों की बाउंड्री विवाद खत्म; अब सैटेलाइट बताएगा सच्चाई :

गौरतलब है कि दो गांवों की सीमा को लेकर होने वाले विवाद अब बीते समय की बात होंगे। नई सैटेलाइट मैपिंग में:

●हर गाटा की बाउंड्री क्लियर होगी
●हर खेत का सटीक एरिया लिखा होगा
●एक क्लिक में पूरा गांव मैप पर दिखाई देगा

चकबंदी का सबसे बड़ा फायदा; कब्जा छिपाना असंभव :

पुराने सिस्टम में अक्सर ऐसा होता था कि किसी के पास रिकॉर्ड में 2 एकड़ होती थी, लेकिन कब्जा 2.5 एकड़ पर। अब नया GPS मैप यह सब पकड़ लेगा। मौके की जमीन बनाम रिकॉर्ड दोनों की मिलान तुरंत होगी।

सरकार का दावा; जमीन विवाद 70% तक कम हो जाएंगे :

GPS और सैटेलाइट आधारित नई मैपिंग के बाद:

●चकबंदी तेज होगी
●जमीन विवाद कम होंगे
●बंटवारे और सीमांकन में पारदर्शिता आएगी
●गलत नाप और फर्जी रिपोर्टिंग खत्म होगी

राजस्व परिषद का दावा है कि अगले 3-4 महीने में बड़े हिस्से का काम पूरा हो जाएगा।

कुल मिलाकर UP में जमीन मैनेजमेंट का ‘डिजिटल युग’ शुरू हो चुका है। अब हर खेत-हर घर मोबाइल पर नजर आएगा, कब्जा और फर्जीवाड़ा खत्म हो जाएगा।

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