1 लाख के पार सोना!: क्या ट्रंप से लेकर घरेलू बाजार हैं जिम्मेदार...जानें कहा तक जा सकती है सोने की वर्तमान कीमतें
1 लाख के पार सोना!

अर्थव्यवस्था: अगस्त 2025 में सोने की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है। महीने की शुरुआत में जहां भाव में थोड़ी गिरावट आई, वहीं पहले हफ्ते के बाद लगातार तेजी दर्ज की गई। रक्षाबंधन के मौके पर बढ़ी घरेलू मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में फैली अनिश्चितता ने इस तेजी को और मजबूत किया।

 1 अगस्त से 8 अगस्त तक का सफर 

1 अगस्त को दिल्ली में 24 कैरेट सोना करीब ₹99,970 प्रति 10 ग्राम पर था। शुरुआती दिनों में मामूली गिरावट हुई, लेकिन 5 अगस्त के बाद से भाव ने रफ्तार पकड़ ली। 5 अगस्त को यह ₹1,02,220 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। रक्षाबंधन से ठीक पहले 7 अगस्त को कीमत ₹1,02,500 से ₹1,02,550 प्रति 10 ग्राम के बीच रही। 8 अगस्त को भी भाव ₹1,02,710 के करीब बना रहा। इस तरह सिर्फ सात दिनों में करीब ₹3,500 का इजाफा हुआ और साल 2025 में अब तक लगभग ₹25,000 की बढ़त दर्ज हो चुकी है।

 त्योहार और घरेलू मांग का असर: 

भारत में त्योहारों के समय सोने की मांग परंपरागत रूप से बढ़ जाती है। इस साल 6 अगस्त को रक्षाबंधन था, जिससे आभूषणों की खरीद बढ़ी। शादियों का सीजन न होने के बावजूद, निवेश के रूप में सोने की मांग भी बनी रही। 22 कैरेट सोना इस दौरान ₹93,860–₹93,983 प्रति 10 ग्राम के बीच बिका।

 अंतरराष्ट्रीय कारण: ट्रेड वार और टैरिफ का असर : 

अगस्त के पहले हफ्ते में अमेरिका और कई देशों के बीच व्यापार युद्ध (Trade War) तेज़ हो गया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की घोषणाएं कीं, जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता फैल गई। निवेशकों ने शेयर बाजार और जोखिम वाले एसेट्स से पैसा निकालकर सोने में निवेश करना शुरू किया। सोना “Safe Haven Asset” माना जाता है—यानी आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता के समय यह निवेशकों का पसंदीदा विकल्प बन जाता है।

डॉलर की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी सोने को समर्थन दिया। इसके अलावा, चीन और यूरोप में आर्थिक मंदी की आशंकाओं ने भी निवेशकों का रुख सोने की तरफ मोड़ दिया।

 वैश्विक अनुमान और विशेषज्ञों की राय:: 

अंतरराष्ट्रीय निवेश बैंक Citi ने अनुमान लगाया है कि अगले तीन महीनों में सोने की कीमतें $3,500 प्रति औंस तक जा सकती हैं। भारतीय बाजार में यह स्तर करीब ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम के बराबर होगा। वहीं, Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर मांग कमजोर रही तो यह कीमत $3,000 प्रति औंस के आसपास भी रह सकती है।

भारतीय बाजार के तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल सोना ₹1 लाख से ऊपर बना हुआ है और निवेशकों को “Buy on Dips” यानी कीमत थोड़ी गिरने पर खरीदारी करने की रणनीति अपनानी चाहिए।

 आगे का रास्ता :: 

अगर अमेरिकी टैरिफ विवाद, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी जारी रहती है, तो सोने की कीमत अगले कुछ हफ्तों में ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है। लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय माहौल स्थिर हो गया और अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटाने के संकेत देता है, तो कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है।

 निवेशकों के लिए सलाह :: 

इस समय सोना निवेश के लिए आकर्षक लग रहा है, लेकिन कीमतें पहले ही ऊंचे स्तर पर हैं। ऐसे में निवेशकों को चरणबद्ध तरीके से निवेश करना चाहिए। छोटे निवेशक 22 कैरेट के सिक्कों या डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं, जबकि बड़े निवेशक गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प चुन सकते हैं।

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