खेलकूद: भारत सरकार ने पाकिस्तान को लेकर खेल संबंधों पर बड़ा फैसला लिया है। अब दोनों देशों के बीच कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जाएगी। चाहे मुकाबले भारत, पाकिस्तान या किसी तीसरे देश में हों, भारत अपनी टीम नहीं भेजेगा। हालांकि भारत बहुपक्षीय टूर्नामेंट जैसे एशिया कप, वर्ल्ड कप और ओलंपिक में हिस्सा लेता रहेगा।
भविष्य में भी संभावना बहुत कम:
अधिकारियों ने साफ किया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए पाकिस्तान के साथ खेल संबंधों में बदलाव की संभावना बेहद कम है। यानी आने वाले समय में भी द्विपक्षीय मुकाबले बहाल होने की कोई उम्मीद नहीं है।
विदेश नीति का हिस्सा है यह रुख:
खेल मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली गई नई नीति में कहा गया है कि पाकिस्तान को लेकर भारत का रवैया केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उसकी विदेश नीति का हिस्सा है। भारत आने वाले समय में 2030 राष्ट्रमंडल खेल और 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय नियमों और ओलंपिक चार्टर का पालन करना भारत के लिए जरूरी है।
एशिया कप और अन्य टूर्नामेंट में खेलेगा भारत:
सरकार ने यह भी साफ किया है कि भारतीय टीमें बहुपक्षीय आयोजनों में जरूर खेलेंगी। सितंबर में होने वाले एशिया कप (UAE में) में भारतीय क्रिकेट टीम हिस्सा लेगी। लेकिन अगर किसी टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान करता है तो भारत अपनी टीम नहीं भेजेगा। यानी पाकिस्तान मेजबान होगा तो भारत की भागीदारी तय नहीं होगी।
पाक खिलाड़ियों को वीजा मिलेगा:
भारत ने यह भी तय किया है कि अगर देश किसी बड़े बहुपक्षीय टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा तो पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा दिया जाएगा। हाल ही में बिहार में होने वाले एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट के लिए पाक खिलाड़ियों को वीजा मंजूर किया गया, हालांकि उन्होंने सुरक्षा कारणों से आने से इनकार कर दिया।
भारत की छवि रहेगी जिम्मेदार मेजबान की:
नई नीति से संदेश दिया गया है कि भारत पाकिस्तान को लेकर नरमी नहीं दिखाएगा, लेकिन साथ ही अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपनी सकारात्मक और जिम्मेदार छवि बनाए रखेगा। भारत यह सुनिश्चित करेगा कि वैश्विक आयोजनों में उसकी भागीदारी बनी रहे।
वीजा प्रक्रिया होगी आसान:
सरकार ने विदेशी खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिए वीजा प्रक्रिया को भी आसान बनाने का ऐलान किया है। अब खिलाड़ियों, अधिकारियों और तकनीकी टीम को मल्टी-एंट्री वीजा मिलेगा, जो अधिकतम 5 साल तक मान्य रहेगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों के प्रमुखों को भारत आने पर पूरा सम्मान और प्रोटोकॉल दिया जाएगा।
भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय खेलों पर हमेशा के लिए लगभग दरवाजा बंद कर दिया है। यह फैसला साफ करता है कि खेल संबंध भी अब राजनयिक नीति का हिस्सा हैं। भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर सक्रिय रहेगा, लेकिन पाकिस्तान के साथ सीधे मुकाबलों का रास्ता बंद रहेगा।