SCO शिखर सम्मेलन: पीएम मोदी की आतंकवाद और अलगाववाद को लेकर कड़ी नसीहत; बर्दाश्त नहीं दोहरा चरित्र...
SCO शिखर सम्मेलन

अंतर्राष्ट्रीय संबंध: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 सितंबर 2025 को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत ने एससीओ में हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है और संगठन को मजबूत बनाने के लिए भारत का दृष्टिकोण तीन महत्वपूर्ण स्तंभों—सुरक्षा, संपर्क और अवसर—पर आधारित है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे एससीओ का नया रूप बताते हुए कहा कि इन तीनों स्तंभों के माध्यम से सदस्य देशों के बीच सहयोग और साझा समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकता है।

आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों की कड़ी आलोचना:

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों की कड़ी आलोचना की और कहा कि आतंकवाद पर किसी भी देश द्वारा अलग-अलग मानक स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल किसी एक देश की सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। किसी भी देश, समाज या नागरिक को इस खतरे से अलग नहीं माना जा सकता। उनका यह संदेश उन देशों के लिए भी महत्वपूर्ण था, जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं।

पहलगाम हमले का संदर्भ:

मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी उल्लेख किया। उन्होंने इसे मानवता के खिलाफ एक चुनौती बताया और कहा कि यह हमला आतंकवाद के सबसे बुरे रूप का उदाहरण था, जिसमें निर्दोष नागरिकों की जान गई। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई भी रूप स्वीकार्य नहीं है और हर देश और नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह इसके खिलाफ सर्वसम्मति से कदम उठाए।

एससीओ के लिए भारत की दृष्टि:

एससीओ के लिए भारत की दृष्टि पर विस्तार से बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं। आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद इस राह में सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर संपर्क देशों के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंध मजबूत करेगा और साझा अवसर सभी सदस्य देशों की समृद्धि सुनिश्चित करेंगे।

आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता:

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभाई है। आतंकवादी संगठनों के खिलाफ भारत ने संयुक्त जानकारी अभियान का नेतृत्व किया और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाई। मोदी ने सहयोग देने वाले देशों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि आतंकवाद से निपटने में एकजुटता ही सबसे प्रभावी उपाय है।

वैश्विक सुरक्षा के लिए अपील:

प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन में उपस्थित सभी देशों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती है। भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाता है और वैश्विक मंच पर इसकी सक्रिय भूमिका को लगातार बढ़ा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन न केवल एससीओ सदस्य देशों के लिए संदेश है, बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी चेतावनी और मार्गदर्शन है। उनका मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और सहयोग ही स्थिरता, विकास और मानवता की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

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