अगर महिलाओं में दिखे ये लक्षण तो हो सकती है कैल्शियम की कमी: जानें इसकी कमी के लक्षण और इससे बचने के उपाय
अगर महिलाओं में दिखे ये लक्षण तो हो सकती है कैल्शियम की कमी

लाइफस्टाइल: हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है जिनमें कैल्शियम का स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह मिनरल न केवल हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है बल्कि मांसपेशियों, नर्व सिस्टम और हृदय की सही कार्यप्रणाली में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विशेष रूप से महिलाओं में प्रजनन आयु और मेनोपॉज के बाद कैल्शियम की कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैल्शियम की कमी क्यों होती है इसके लक्षण क्या हैं महिलाओं पर इसके प्रभाव क्या हैं और इससे बचने के उपाय कौन-कौन से हैं।

कैल्शियम की कमी के कारण

कैल्शियम की कमी होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण नीचे दिए गए हैं:

1. असंतुलित आहार का सेवन

यदि आपकी डाइट में दूध, दही, पनीर, पालक, ब्रोकली, सोया उत्पाद और हरी सब्जियों जैसे कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ नहीं हैं तो आपके शरीर में इसकी कमी हो सकती है।

2. पाचन तंत्र की समस्याएं

कुछ डाइजेस्टिव डिसऑर्डर जैसे कि सीलिएक डिजीज या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं।

3. दवाओं का दुष्प्रभाव

स्टेरॉयड, एंटासिड या अन्य कुछ दवाओं का लंबे समय तक सेवन कैल्शियम के अवशोषण को कम कर देता है जिससे इसकी कमी हो सकती है।

4. मेनोपॉज और हार्मोनल बदलाव

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है जो हड्डियों में कैल्शियम को बनाए रखने में मदद करता है। इसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

5. शारीरिक गतिविधि का अभाव

नियमित व्यायाम की कमी से हड्डियों की मजबूती प्रभावित होती है जिससे कैल्शियम की कमी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

6. अन्य पोषक तत्वों की कमी

विटामिन-डी की कमी भी कैल्शियम के अवशोषण को प्रभावित करती है। विटामिन-डी के बिना शरीर कैल्शियम को ठीक से उपयोग नहीं कर पाता।

कैल्शियम की कमी के लक्षण

कैल्शियम की कमी के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं और शुरुआत में इन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। हालांकि कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

1. हड्डियों का कमजोर होना और फ्रैक्चर का खतरा: कैल्शियम की कमी से हड्डियां नाजुक हो जाती हैं और उनमें दरार या फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है।

2. मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द: शरीर में कैल्शियम की कमी मांसपेशियों के सही संचालन को बाधित करती है, जिससे ऐंठन, दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है।


3. दांतों की समस्याएं: कैल्शियम दांतों के एनामेल को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से दांत कमजोर हो सकते हैं और दांतों का क्षरण हो सकता है इसके अलावा दांतों में सेंसिटिविटी भी बढ़ सकती है।

4. थकान और कमजोरी: कैल्शियम मांसपेशियों और नर्व सिस्टम के सही कार्य के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से शरीर जल्दी थक सकता है और कमजोरी महसूस हो सकती है।

5. नर्वस सिस्टम की समस्याएं: कैल्शियम की कमी से झुनझुनी, सुन्नता और नर्व कमजोर होने जैसे लक्षण हो सकते हैं।

महिलाओं पर कैल्शियम की कमी के प्रभाव

1. ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा: महिलाओं में कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है। इससे हड्डियां आसानी से टूट सकती हैं।

2. प्रजनन स्वास्थ्य पर प्रभाव: कैल्शियम की कमी से प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान इसकी कमी जटिलताओं और शिशु के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

3. दिल की समस्याएं: कैल्शियम हृदय की मांसपेशियों को सही ढंग से काम करने में मदद करता है। इसकी कमी से उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ सकता है।

4. मेनोपॉज के बाद का स्वास्थ्य: मेनोपॉज के बाद महिलाओं में कैल्शियम की कमी से हड्डियों का क्षरण तेजी से होता है जिससे फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

कैल्शियम की कमी से बचने के उपाय

1. संतुलित और पोषक आहार का सेवन करें: अपने भोजन में दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, सोया प्रोडक्ट्स और अंजीर जैसे कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।

2. सूरज की रोशनी का फायदा उठाएं: विटामिन-डी का उत्पादन बढ़ाने के लिए सुबह की धूप में 10-15 मिनट समय बिताएं। यह कैल्शियम के बेहतर अवशोषण में मदद करता है।

3. नियमित व्यायाम करें: वजन उठाने वाले और हड्डियों को मजबूत करने वाले व्यायाम जैसे वॉकिंग, जॉगिंग और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

4. डॉक्टर की सलाह लें: यदि कैल्शियम की कमी के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से परामर्श करें और जरूरत पड़ने पर कैल्शियम सप्लीमेंट्स लें।

5. खाद्य पदार्थों में विविधता लाएं: सिर्फ डेयरी प्रोडक्ट्स पर निर्भर न रहें। अन्य स्रोत जैसे नट्स, बीज और फलियों का सेवन भी कैल्शियम की पूर्ति कर सकता है।

कैल्शियम का सही मात्रा में सेवन हमारे शरीर की सेहत बनाए रखने में महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से महिलाओं को इसे लेकर सतर्क रहना चाहिए क्योंकि उनकी हड्डियों और संपूर्ण स्वास्थ्य पर कैल्शियम की कमी का गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही जीवनशैली अपनाकर कैल्शियम की कमी को रोका जा सकता है। अपने शरीर की जरूरतों को समझें और समय रहते इस पर ध्यान दें ताकि आप एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकें।

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