नहीं रहें बॉलीवुड के हीमैन, 89 की उम्र में ली आखिरी सांस!: PM मोदी से लेकर राहुल गांधी...यादगार फ़िल्मी सफर_एक नज़र
नहीं रहें बॉलीवुड के हीमैन, 89 की उम्र में ली आखिरी सांस!

सिनेमा जगत: हिंदी सिनेमा के ‘ही-मैन’, करोड़ों दिलों के वीरू और छह दशक से ज्यादा समय तक बड़े पर्दे पर राज करने वाले दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अब नहीं रहे। 89 साल की उम्र में मुंबई में उनका निधन हो गया। विले पार्ले श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान ऐसा लगा मानो पूरा बॉलीवुड ही वहां उमड़ आया हो।

श्मशान घाट पर उमड़ा बॉलीवुड :

आपको बता दें कि उनके निधन पर श्मशान घाट पर उनकी पत्नी हेमा मालिनी, बेटियां ईशा और अहाना, बेटे सनी देओल, बॉबी देओल, और परिवार के बाकी सदस्य रोते-बिलखते नजर आए। वहीं श्रद्धांजलि देने पहुंचे अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान, अक्षय कुमार, संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, गौरी खान सहित तमाम बड़े सितारों की आंखें नम थीं।

अस्पताल से लौटकर घर, फिर हमेशा के लिए अलविदा :

धर्मेंद्र को 31 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज चला, फिर 12 नवंबर की सुबह उन्हें डिस्चार्ज कर घर ले जाया गया। परिवार की निगरानी में उनका इलाज घर पर ही चल रहा था, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वह जिंदगी की जंग हार गए। उनका जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के साहनेवाल/नासराली क्षेत्र के एक साधारण से परिवार में हुआ था। वहीं से शुरू हुई जिंदगी की कहानी ने आगे चलकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में 300 से ज्यादा फिल्मों तक का सफर तय किया और उन्हें “सबसे ज्यादा हिट फिल्में देने वाले स्टार” की श्रेणी में ला खड़ा किया।

“दूसरी बार पिता खो दिया” – कपिल शर्मा का दर्द :

गौरतलब है कि कॉमेडियन कपिल शर्मा ने सोशल मीडिया पर दिल छू लेने वाला संदेश लिखकर अपना दुख जताया। उनका कहना था कि धर्मेंद्र के जाने से ऐसा लग रहा है मानो उन्होंने दूसरी बार अपने पिता को खो दिया हो। उन्होंने लिखा कि धर्मेंद्र जिस तरह सेट पर और निजी ज़िंदगी में उन्हें प्यार और आशीर्वाद देते थे, वह उनके लिए फादर-फिगर से कम नहीं थे।

PM मोदी से लेकर राहुल गांधी तक, पूरे देश ने दी श्रद्धांजलि :

धर्मेंद्र के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया। उन्होंने लिखा कि धर्मेंद्र के जाने से भारतीय सिनेमा के एक युग का अंत हो गया। पीएम के अनुसार, धर्मेंद्र सिर्फ एक बड़े स्टार नहीं, बल्कि बेहद सरल, विनम्र और दिल से इंसान थे, जो हर वर्ग के लोगों से प्यार पाते थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पोस्ट कर कहा कि धर्मेंद्र का जाना भारतीय कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। लगभग सात दशकों तक सिनेमा को दिया उनका योगदान हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा।

पंजाब के गांव से मुंबई तक – न्यू टैलेंट कॉन्टेस्ट से बदली किस्मत :

धर्मेंद्र का असली नाम धर्मेंद्र केवल कृष्ण देओल था। पिता केवल कृष्ण सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे, मां सतवंत कौर गृहिणी थीं। बचपन पंजाब के गांवों की सादगी में बीता, पढ़ाई सरकारी स्कूल और फिर पंजाब यूनिवर्सिटी से आगे बढ़ी। मुंबई आने का मौका मिला फिल्मफेयर मैगजीन के न्यू टैलेंट कॉन्टेस्ट की वजह से। ये कॉन्टेस्ट जीतकर वह सपनों की नगरी पहुंचे। शुरुआती दिनों में संघर्ष इतना था कि कई-कई रातें उन्हें स्टेशन पर और सस्ते कमरों में गुजारनी पड़ीं। बताते हैं कि शुरू में वह रेलवे में क्लर्क की नौकरी भी कर चुके थे, जहां उन्हें करीब ₹125 महीने मिलते थे।

60 के दशक से शुरू हुआ सफर, 70 के दशक में बने सुपरस्टार :

धर्मेंद्र ने 1960 में फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से डेब्यू किया। फिल्म बड़ी चल नहीं पाई, लेकिन उनके लुक और स्क्रीन प्रजेंस ने ध्यान खींचा। इसके बाद ‘शोला और शबनम’ जैसी फिल्मों से उन्हें पहचान मिलनी शुरू हुई। फिर आया गोल्डन फेज —
‘आई मिलन की बेला’, ‘फूल और पत्थर’, ‘हकीकत’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘सत्यकाम’, ‘आदमी और इंसान’ जैसी फिल्मों ने उन्हें गंभीर अभिनेता, रोमांटिक हीरो और एक्शन स्टार तीनों रूपों में स्थापित कर दिया। 70 के दशक में उन्होंने हेमा मालिनी के साथ जोड़ी बनाई और दोनों ने साथ मिलकर ‘सीता और गीता’, ‘शोले’, ‘राजा जानी’, ‘जुगनू’, ‘दोस्त’, ‘चरस’ जैसी कई हिट फिल्में दीं। यहीं से धर्मेंद्र को हैंडसम लुक, मजबूत कद-काठी और दमदार एक्शन की वजह से “ही-मैन” की पहचान भी मिल गई

दो शादियां, छह बच्चे और 13 नाती-पोते; बड़ा फिल्मी परिवार पीछे छोड़ गए :

आपको बता दें कि धर्मेंद्र की निजी जिंदगी भी फिल्मों की तरह उतार-चढ़ाव से भरी रही। पहली शादी उन्होंने 19 साल की उम्र में प्रकाश कौर से की। उनसे दो बेटे – सनी देओल, बॉबी देओल और दो बेटियां – विजेता और अजीता हैं। बाद में उन्होंने बिना तलाक लिए 1980 में हेमा मालिनी से दूसरी शादी की। हेमा उनसे 13 साल छोटी हैं। उनसे उन्हें दो बेटियां – ईशा देओल और अहाना देओल हुईं।

आखिरी दिनों तक एक्टिव, सोशल मीडिया पर देते रहे शुभकामनाएं, यह था आखिरी पोस्ट :

उम्र के आखिरी पड़ाव तक धर्मेंद्र ने खुद को कैमरे और दर्शकों से दूर नहीं होने दिया। हाल के सालों में वह ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ और ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ जैसी फिल्मों में नजर आए। उनकी आने वाली फिल्म ‘इक्कीस’ का ट्रेलर कुछ समय पहले ही रिलीज हुआ था, जिसमें उनका अलग अंदाज देखने को मिला। सोशल मीडिया पर भी वह काफी एक्टिव थे। 2 अक्टूबर को उन्होंने दशहरा की शुभकामनाएं देते हुए वीडियो शेयर किया था, जिसमें वे लोगों को लंबी उम्र और अच्छी सेहत की दुआ दे रहे थे खुद शायद नहीं जानते थे कि कुछ ही समय बाद पूरा देश उनकी लंबी उम्र के लिए पीछे मुड़कर अफसोस करेगा।

अवॉर्ड और सम्मान – स्क्रीन से संसद तक :

●पद्म भूषण (2012) – भारत सरकार ने सिनेमा में अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया।
●उनकी प्रोड्यूस फिल्म ‘घायल’ को नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर दोनों मिले।
●उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

फिल्मों के साथ-साथ वह कुछ समय के लिए राजनीति में भी सक्रिय रहे और सांसद के रूप में भी जनता की सेवा की।

‘ही-मैन’ चला गया, लेकिन कहानियां ज़िंदा रहेंगी।
धर्मेंद्र सिर्फ एक स्टार नहीं, एक फीलिंग थे। गांव से आया सीधा-सादा लड़का, जो मेहनत, जज्बे और दिलकश मुस्कुराहट से करोड़ों दिलों पर राज करने लगा। उनकी जिंदगी में सब कुछ था; संघर्ष, सुपरस्टारडम, विवाद, प्यार, परिवार, और अंत में वो सम्मान, जो सिर्फ कुछ ही लोगों को नसीब होता है कि पूरा देश उन्हें रोकर विदा करे। आज जब उनकी अर्थी पंचतत्व में विलीन हो चुकी है, तो बस इतना कहा जा सकता है कि धर्मेंद्र चले गए, लेकिन ‘वीरू’ कभी नहीं मरेगा। उनकी फिल्में, उनके डायलॉग, उनकी सादगी और उनकी मुस्कान हमेशा हमारे दिलों की स्क्रीन पर चलती रहेंगी।

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