हरियाणा में अब मनपसंद स्कूल चुन पाएंगे टीचर्स!: जानें क्या हैं शिक्षक तबादलें की नई नीति और क्यों हुए ये बदलाव? पति-पत्नी एक साथ ट्रांसफर...
हरियाणा में अब मनपसंद स्कूल चुन पाएंगे टीचर्स!

शिक्षा: प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा प्रशासनिक बदलाव करते हुए नई ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू कर दी है। यह नौ साल में तीसरी बड़ी फेरबदल है और इस बार नियमों में ऐसे बदलाव किए गए हैं, जो पूरे शिक्षा विभाग की तस्वीर बदलने की क्षमता रखते हैं। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद शिक्षा विभाग ने नई पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी है, और इसके साथ ही शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह नए सिस्टम में शिफ्ट हो गई है।

नई पॉलिसी की सबसे बड़ी बातें; एक नज़र में

●अब शिक्षक अपनी मर्जी से कोई भी स्कूल चुन सकेंगे

आपको बता दें कि अब जोन सिस्टम खत्म कर दिया गया है। अब ट्रांसफर के लिए सीधे स्कूल सिलेक्ट किया जाएगा।

●राज्य के 3 पिछड़े इलाकों में तैनाती पर 10% अतिरिक्त वेतन

गौरतलब है कि इन क्षेत्रों को "स्पेशली डिसएडवांटेज्ड" घोषित किया गया है—

मोरनी (पंचकूला)
हथीन (पलवल)
पूरा नूंह जिला

इन इलाकों में पोस्टिंग वाले नियमित शिक्षकों को बेसिक+DA पर 10% अतिरिक्त वेतन मिलेगा। अतिथि शिक्षकों को 10,000 रुपये अतिरिक्त भत्ता हर महीने दिया जाएगा।

●पति-पत्नी में से केवल एक को मिलेगा लाभ

आपको बता दें कि पहले ट्रांसफर मेरिट पॉइंट में दोनों को 10-10 नंबर मिलते थे, अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गयी है। फिलहाल पति-पत्नी के बीच दूरी कम रखने के लिए सिर्फ 5 अंक दिए जाएंगे। यानी डबल बेनिफिट का ऑप्शन खत्म हो गया है।

●80 अंकों की मेरिट के आधार पर होगा तबादला

गौरतलब है कि अब नई मेरिट:

60 अंक – उम्र के लिए (वरिष्ठता का बड़ा फायदा)
20 अंक – विशेष श्रेणियों के लिए
विधुर/विधवा
गंभीर बीमारी
दिव्यांग
महिला प्रमुख परिवार

शानदार रिजल्ट देने वाले शिक्षक के लिए होगा।

क्यों बदले गए नियम? — सरकार ने बताई बड़ी वजह

आपको बता दें कि सरकार कहती है कि 2016 से लागू ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी ने भ्रष्टाचार को खत्म तो किया, लेकिन उसमें कई अस्पष्टताएं थीं जैसे कि जोन सिस्टम की जटिलता, दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमी, व्यापक शिकायतें और समानता और पारदर्शिता की समस्या थी। नई पॉलिसी का मकसद है—

● निष्पक्षता
● पारदर्शिता
● दूरस्थ इलाकों में शिक्षकों की उपलब्धता
● राजनीतिक/सिफारिश आधारित ट्रांसफर खत्म करना

पिछड़े जिलों में पोस्टिंग पर क्यों मिल रहा है बोनस?

गौरतलब है कि कई सालों से मोरनी, हथीन और नूंह में शिक्षक तैनात होने से बचते आए हैं। उन जिलों की रिपोर्टें लगातार दिखा रही थीं कि स्कूलों में स्टाफ की भारी कमी है, गुणवत्ता में गिरावट और सुरक्षा और परिवहन की दिक्कतें थी। सरकार ने साफ कहा कि “जो शिक्षक इन इलाकों में काम करेंगे, उन्हें सरकारी बोनस मिलेगा कोई एहसान नहीं, सीधे हक़ लो।”

अब शिक्षक अपनी पसंद का स्कूल चुन सकेंगे

विदित है कि पहले जोन चुनना पड़ता था। उसी जोन के स्कूल में जो पद खाली मिले, वहीं भेजा जाता था अब पूरे हरियाणा में किसी भी स्कूल का सीधा चुनाव किया जा सकेगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और मेरिट आधारित होगी।

शिक्षकों के लिए राहत या नई उलझन?

आपको बता दें कि नई पॉलिसी को लेकर शिक्षकों में मिला-जुला माहौल है। वरिष्ठ शिक्षक खुश हैं कि उम्र आधारित 60 अंक उनका बड़ा फायदा देगा। पति-पत्नी को डबल फायदा खत्म होने से नाराजगी भी है। वहीं युवा शिक्षकों को टक्कर और कठिन लग रही। पिछड़े क्षेत्र में काम करने वालों को आर्थिक राहत जरूर मिली है।

अब क्या होने वाला है?

सूत्रों के अनुसार दिसंबर-जनवरी में भारी संख्या में ट्रांसफर हो सकते हैं, पोर्टल अपडेट किया जा रहा है इसलिए सभी जिले अलर्ट मोड पर हैं।

हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा भूचाल आया है। नई पॉलिसी ने यह साफ कर दिया है कि सरकार शिक्षकों की कमी, आकस्मिक ट्रांसफर, और सिफारिशी कल्चर खत्म करने के लिए सीरियस है। दूरदराज के स्कूलों में अब शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ेगी, और सिस्टम ज्यादा पारदर्शी बन पाएगा।

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