दिल्ली में मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग!: क्या अब JEE-NEET की टॉप कोचिंग भी मिलेगी बिल्कुल फ्री? सरकार ने 21 करोड़...जानें कौन हैं पात्र और क्या हैं पूरी योजना
दिल्ली में मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग!

दिल्ली सरकार: दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘मदन मोहन मालवीय विद्या शक्ति मिशन’ के तहत 2,200 मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देने का फैसला किया है।

इस फ्री कोचिंग स्कीम का बजट 21 करोड़ रुपये है, जिससे दिल्ली के सरकारी स्कूलों के उन बच्चों को फायदा मिलेगा, जिनमें टैलेंट तो है लेकिन घर की आर्थिक स्थिति उनकी पढ़ाई में बाधा बनती है। इस योजना को दिल्ली के “शिक्षा क्रांति मॉडल” का अगला चरण माना जा रहा है।

क्या है यह योजना और क्यों है खास?

यह मिशन स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं की हाई-क्वालिटी कोचिंग देने के लिए बनाया गया है। इन परीक्षाओं की तैयारी कराने की घोषणा की गई है:

•JEE (इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा)
•NEET (मेडिकल प्रवेश परीक्षा)
•CLAT (लॉ एंट्रेंस)
•CA (चार्टर्ड अकाउंटेंसी)
•CUET (Central University Entrance Test)

इनको टॉप लेवल की तैयारी दिलाई जाएगी, जिस पर शून्य शुल्क लगेगा। सरकार का लक्ष्य यह है कि किसी भी प्रतिभाशाली छात्र का भविष्य सिर्फ आर्थिक मजबूरी की वजह से पीछे न रह जाए।

कौन-से छात्र उठा पाएंगे लाभ?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना सिर्फ मेधावी छात्रों के लिए है-

•दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे
•जिनके पिछले शैक्षणिक परिणाम अच्छे हों
•शिक्षक की सिफारिश और योग्यता अंक के आधार पर चयन
•परिवार की आर्थिक स्थिति भी एक निर्णायक factor
•लड़कियों, EWS और कमजोर तबकों को प्राथमिकता

यह चयन प्रक्रिया पूरी तरह मेरिट + जरूरत आधारित होगी।

आवेदन कैसे करें?

सरकार जल्द ही शिक्षा विभाग की साइट पर आवेदन प्रक्रिया जारी करेगी। फॉर्म में बच्चों को जमा करने होंगे-

•आधार कार्ड
•स्कूल का बोनाफाइड प्रमाणपत्र
•पिछली कक्षा की मार्कशीट
•शिक्षक/प्रधानाचार्य की सिफारिश
•परिवार की आय प्रमाणित दस्तावेज

चयन सूची स्कूलों और शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। इससे न्यूज़ का उपयोगिता स्तर बहुत बढ़ जाता है, क्योंकि माता-पिता और छात्र जान पाते हैं कि उन्हें कैसे आवेदन करना है।

कौन देगा कोचिंग?

सूत्रों के अनुसार, सरकार कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ साझेदारी कर रही है-

•JEE–NEET के लिए जाने-माने प्रमुख कोचिंग संस्थान
•CLAT के लिए लॉ प्रिपरेशन से जुड़े विशेषज्ञ
•CA इंटरमीडिएट व फाउंडेशन की तैयारी कराने वाले अकाउंटेंसी ट्रेनर्स
•CUET के लिए हाइब्रिड मॉडल पर आधारित शिक्षण संस्थाएँ

•इन संस्थानों के साथ MoU के बाद बच्चों को सीधे विशेषज्ञों से पढ़ने का मौका मिलेगा।

क्या-क्या मिलेगा बिल्कुल फ्री?

इस स्कीम में बच्चों को सिर्फ क्लासेस ही नहीं, बल्कि पूरी तैयारी का पैकेज दिया जा रहा है-

•हाई-स्टैंडर्ड कोचिंग
•स्टडी मटेरियल, किताबें और नोट्स
•ऑनलाइन पोर्टल एक्सेस
•साप्ताहिक टेस्ट, मॉक एग्जाम
•डाउट सेशन
•मेंटॉरशिप और काउंसलिंग
•रिवीजन बैच
•परफॉर्मेंस एनालिसिस
•कम्प्लीट टेस्ट सीरीज

यानी यह सिर्फ कोचिंग नहीं, बल्कि एक पूर्ण शिक्षा प्रशिक्षण मॉडल है।

21 करोड़ का बजट कैसे खर्च होगा?

सरकार का दावा है कि इस योजना का पूरा फंड बच्चों की पढ़ाई पर ही उपयोग किया जाएगा:

•कोचिंग संस्थानों को भुगतान
•डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
•टेस्ट सीरीज और मेंटॉरशिप
•हाइब्रिड ऑनलाइन सिस्टम
•किताबें और नोट्स
•प्रगति मूल्यांकन

यह पारदर्शी फंडिंग मॉडल छात्रों को अधिकतम लाभ देने के लिए बनाया गया है।

क्या पहले भी ऐसी योजना सफल हुई है?

दिल्ली सरकार के पहले चलाए गए “चुनौती कार्यक्रम” और “सुपर टैलेंटेड बैच” में भी कई बच्चे JEE–NEET में उत्कृष्ट रैंक लेकर आए थे। इसी मॉडल को लेकर अब इसे बड़े स्तर पर विस्तार दिया गया है ताकि हजारों और बच्चों को मौका मिल सके।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

एजुकेशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि-

“सरकारी स्कूलों के बच्चों को पहली बार ऐसा टैलेंट प्लेटफॉर्म मिल रहा है जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने लायक बनाएगा।”

“यह कदम शिक्षा के अवसरों में समानता (Equality of Opportunity) की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।”

इससे दिल्ली के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन और भी मजबूत होगा।

क्या बाकी राज्यों को भी ऐसा करना चाहिए?

यह योजना इतना चर्चा में है कि विशेषज्ञ कह रहे हैं “अगर अन्य राज्य भी ऐसा मॉडल अपनाएं, तो लाखों बच्चों को IIT, AIIMS, NLU, Top Universities तक पहुंचने का रास्ता आसान हो सकता है।” राज्यों के लिए यह एक आदर्श मॉडल बन सकता है।

छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया

घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर इसे “गरीब परिवारों के लिए सबसे बड़ी राहत” बताया जा रहा है। कई अभिभावकों ने इसे “सपनों को पंख देने वाली योजना” कहा है। बच्चों में भी उत्साह है कि अब वे बिना फीस चिंता के बड़ी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

निष्कर्ष: दिल्ली का शिक्षा मॉडल एक नया अध्याय लिख रहा है

21 करोड़ की इस मेगा स्कीम से न सिर्फ 2,200 छात्रों के सपने पूरे होंगे, बल्कि यह दिखाएगा कि सरकारी स्कूलों के छात्र भी सही अवसर मिलने पर किसी से कम नहीं होते।
यह योजना दिल्ली को शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर मजबूती से स्थापित करती है।

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