दिल्ली को जाम से राहत दिलाएगा 80 किमी लम्बा एलीवेटेड कॉरिडोर!: 6000 करोड़ आएगी लागत, जानें कौन-कौन से इलाके से होगा जुड़ाव
दिल्ली को जाम से राहत दिलाएगा 80 किमी लम्बा एलीवेटेड कॉरिडोर!

नई दिल्ली : दिल्लीवालों के लिए राहत की सबसे बड़ी खबर आ गई है। मुख्यमंत्री रेखा सरकार की अगुवाई में राजधानी दिल्ली को जल्द 80 किलोमीटर लंबा, सिग्नल-फ्री, हाईस्पीड एलिवेटेड कॉरिडोर मिलने जा रहा। जो सीधे दिल्ली की रफ्तार को बढ़ाएगा और ट्रैफिक जाम की मुसीबत को कम करेगा। करीब 6000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट दिल्ली की इनर रिंग रोड पर बनेगा, जो अब ट्रैफिक से परेशान है। एलिवेटेड कॉरिडोर को मौजूदा सड़कों के ऊपर खंभों पर बनाया जाएगा, जिससे जमीन अधिग्रहण की झंझट बेहद कम होगी।

क्या है खास इस मेगा प्रोजेक्ट में?
आपको बता दें कि 80 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर में रैंप, लूप और लिंक रोड्स शामिल होंगे साथ ही सिग्नल-फ्री सफर, यानी ट्रैफिक लाइट्स से छुटकारा रहा रहेगा यह कॉरिडोर मौजूदा इनर रिंग रोड के ऊपर खंभों पर बनेगा। इसकी लागत: ₹5500–₹6000 करोड़ ₹ तक आएगी। इससे एम्स, धौला कुआं, आईटीओ, आश्रम, मूलचंद जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाम से राहत मिलेगी।

क्यों जरूरी हो गया था ये प्रोजेक्ट?

गौरतलब है कि दिल्ली की जनसंख्या 2 करोड़ पार हो चुकी है।, वाहन 1.4 करोड़ से ज़्यादा। 1960 में बनी इनर रिंग रोड, जो कभी सिर्फ 30 लाख लोगों के ट्रैफिक को संभालने के लिए बनाई गई थी, आज इतने लोग को मैनेज नहीं कर पा रही है। प्रमुख चौराहे जैसे एम्स, मूलचंद, आश्रम, धौला कुआं, आईटीओ पर दिन-रात ट्रैफिक का समस्या आम हो चुका है।सरकार को महसूस हुआ कि अगर दिल्ली को जाम से आज़ादी दिलानी है, तो इस कॉरिडोर के निर्माण की सख्त जरूरत होगी।

DPR बन रही, जल्दी शुरू होगा काम :

विदित है कि PWD मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा, "रिंग रोड की हालत बिगड़ती जा रही है। ट्रैफिक रोज का समस्या बन गया है। ऐसे में हमने तय किया है कि सड़कों के ऊपर ही हाईस्पीड एलिवेटेड कॉरिडोर बनाएंगे।" इसके लिए सलाहकार एजेंसी नियुक्त कर दी गई है और डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। इसमें यह देखा जाएगा कि निर्माण के दौरान ट्रैफिक को कैसे डायवर्ट किया जाए, ताकि दिल्लीवासियों को परेशानी न हो।

कौन-कौन से इलाके होंगे जुड़ाव में?

आपको बता दें कि यह कॉरिडोर मथुरा रोड, अरबिंदो मार्ग, डीएनडी फ्लाईवे और रोहतक रोड जैसे दिल्ली के प्रमुख मार्गों से जुड़ेगा। दिल्ली के एयरपोर्ट, गुरुग्राम और बाहरी राज्यों से जुड़ाव तेज होगा।

क्या होगा इस प्रोजेक्ट से फायदा?

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट से 40% तक ट्रैवल टाइम की कटौती होगी। वहीं जाम से राहत भी मिलेगी, खासकर पीक आवर्स में। साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी रहेगी जिससे एयरपोर्ट, गुरुग्राम, बाहरी दिल्ली तक आसान रास्ता मिलेगा। इससे प्रदूषण में भारी कमी क्योंकि ट्रैफिक रुकने से गाड़ियों का धुआं घटेगा।

सिर्फ यही नहीं,और भी आ रही हैं बड़ी परियोजनाएं :

आपको बता दें कि इसके साथ ही दिल्ली सरकार और भी योजनाएं ला रही है जिसमें मुनक नहर पर 20 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर जो कि इंद्रलोक से बवाना तक होगा शामिल है। साथ ही तीसरी रिंग रोड, जो आउटर और इनर रिंग रोड पर दबाव घटाएगी। वही 18 विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाला मुनक कॉरिडोर, हरियाणा कनेक्टिविटी को बढ़ाने को तैयार है।

6000 करोड़ की रफ्तार से दिल्ली को मिलेगी ट्रैफिक से आज़ादी मिलने वाली है। एलिवेटेड कॉरिडोर सिर्फ कंक्रीट की सड़क नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए जिंदगी आसान बनाने वाली क्रांति है। अब देखना ये है यह सपना फाइलों से निकलकर हकीकत की धरातल पर कब उतरेगा।

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