नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में जल संकट की समस्या अब अदालत की चौखट तक पहुंच चुकी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को कड़ी फटकार लगाई, पूर्वी दिल्ली के इलाकों में सीवर-मिश्रित पानी की आपूर्ति पर सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा कि "क्या दिल्लीवालों से आप ये उम्मीद करते हैं कि वे नल से सीवर मिला पानी पीकर ज़िंदा रहें?" मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ ने DJB की कार्यप्रणाली पर सवालों की बौछार कर दी। कोर्ट ने कहा कि जब तक कोई अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाता, तब तक आप खुद जाकर जांच क्यों नहीं करते?
सीवर का पानी, बीमारी को निमंत्रण :
आपको बता दें कि पूर्वी दिल्ली के योजना विहार, आनंद विहार, जागृति एन्क्लेव और आसपास के इलाकों में नलों से गंदा, बदबूदार और सीवर मिला पानी निकल रहा है। यह खुलासा वकील ध्रुव गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका में किया गया, जिसमें निवासियों के स्वास्थ्य पर मंडरा रहे गंभीर खतरे की बात उठाई गई।
हाईकोर्ट ने जल बोर्ड को फटकारा :
गौरतलब है कि अदालत ने DJB की लापरवाही पर हैरानी जताई कि पूर्व में दिए गए निर्देशों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। माननीय न्यायालय ने कहा कि : “क्या आप चाहते हैं कि लोग बीमार पड़ें या मरें, तब कार्रवाई करेंगे?” अदालत ने DJB से अगस्त 2025 तक सभी जर्जर और पुरानी पाइपलाइनों को बदलने का आदेश दिया है।
कोर्ट की चेतावनी: आदेश न मानने पर भुगतने होंगे गंभीर परिणाम -
आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने कहा कि अगर तय समय सीमा तक काम पूरा नहीं हुआ, तो जल बोर्ड और जिम्मेदार अफसरों को कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।
जल-बोर्ड की सफाई :
विदित है कि जल बोर्ड के वकील ने अदालत को बताया कि— सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की डी-सिल्टिंग (गाद हटाने) का काम शुरू हो चुका है। इसे अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य है।
क्या है पूरा मामला?
पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में नलों से ऐसा पानी आ रहा है जो पीने तो दूर, छूने लायक भी नहीं है। यह पानी सीवेज से मिश्रित है, जिससे डायरिया, टायफाइड, त्वचा संक्रमण, और लिवर डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा है। याचिकाकर्ता ने अदालत से मांग की कि DJB को तत्काल शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश दिया जाए।
पूरी दिल्ली में लागू नहीं होगा आदेश :
कोर्ट ने फिलहाल आदेश को केवल शिकायत वाले इलाकों तक सीमित रखा है, लेकिन संकेत दिए कि अगर अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की शिकायतें आईं, तो कार्रवाई का दायरा बढ़ाया जाएगा।
दिल्ली में अब सिर्फ सांस की नहीं, पानी की भी जंग शुरू हो गई है। हाईकोर्ट का डांट भरा यह आदेश राजधानी के प्रशासन को जगाने वाला है वरना दिल्लीवाले हर घूंट में मौत पीने को मजबूर हैं। अब देखना होगा कि जल बोर्ड की आंख कब पूरी तरह खुलती है जिससे आम आदमी को गंदा पानी से गुजारा न करना पड़े।