जल्द भारत के आसमान में छाएगा Starlink!: गांव-गांव पहुंचेगा सैटेलाइट इंटरनेट, शीघ्र ही सरकार...जानें क्या हैं स्टारलिंक
जल्द भारत के आसमान में छाएगा Starlink!

 नई दिल्ली : भारत की डिजिटल तस्वीर बदलने वाली सबसे बड़ी क्रांति अब बस कुछ कदम दूर है। एलन मस्क की कंपनी SpaceX की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा भारत में जल्द शुरू होने वाली है। सूत्रों की मानें तो ज़्यादातर सरकारी मंजूरियां मिल चुकी हैं, और अंतिम हरी झंडी बस लगने ही वाली है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला, तो भारत के गांव, पहाड़ी और सुदूरवर्ती इलाके, जहां आज तक इंटरनेट पहुंचने की सिर्फ बातें होती थीं, वहां अब 100 Mbps तक की रफ्तार वाला ब्रॉडबैंड इंटरनेट लोगो तक पहुचेगा।

Starlink: तारों से भरा इंटरनेट का जाल :

आपको बता दें कि Starlink दरअसल लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में तैनात हजारों छोटे-छोटे उपग्रहों का एक नेटवर्क है, जो धरती पर कहीं भी तेज इंटरनेट पहुंचा सकता है चाहें वह लद्दाख की घाटियां हों या अंडमान के द्वीप। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका ने खुद बताया है कि — "Starlink को लेकर लगभग सभी नियम और लाइसेंस संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, और अंतिम मंजूरी जल्द मिल सकती है।"

SpaceX की COO भारत दौरे पर, बड़ा इशारा! :

हाल ही में SpaceX की प्रेसिडेंट और COO ग्विन शॉटवेल भारत दौरे पर आईं और IN-SPACe प्रमुख से मुलाकात की। इस अहम मीटिंग में Starlink को लेकर बचे हुए तकनीकी और प्रशासनिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई और सकारात्मक प्रगति हुई। हालांकि सेवा शुरू होने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं, क्योंकि तकनीकी सेटअप, ट्रायल रन और डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क तैयार करना बाकी है।

भारत में इंटरनेट क्रांति की नई शुरुआत? :

आपको बता दें कि भारत में अब भी 40 करोड़ से ज्यादा लोग डिजिटल डिवाइड के शिकार हैं। पारंपरिक फाइबर ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क सीमित पहुंच रखते हैं। लेकिन अब Starlink जैसी कंपनियों की वजह से वो गांव जहां आज भी 2G नेटवर्क का भी इंतजार रहता है, वहां जल्द तेज़, भरोसेमंद और स्केलेबल इंटरनेट सेवा संभव होगी। यह कदम सरकार की “डिजिटल इंडिया” और “डिजिटल समावेशन” नीति को नई गति देगा।

Starlink के प्रतिद्वंद्वी भी तैयार :

विदित है कि Starlink के साथ-साथ भारत में OneWeb (भारतीय भारती ग्रुप और UK सरकार की साझेदारी) और SES जैसी कंपनियां भी सक्रिय हैं। लेकिन एलन मस्क का Starlink तकनीकी रूप से सबसे अग्रणी माना जा रहा है, क्योंकि इसके पास दुनिया का सबसे बड़ा ऑपरेशनल सैटेलाइट नेटवर्क पहले से मौजूद है।

क्या कहता है टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट पैनल? :

आपको बता दें कि यह भारत के लिए वैसा ही मोड़ हो सकता है जैसा मोबाइल क्रांति 2000 के दशक में थी। अगर Starlink और अन्य कंपनियां सफल होती हैं, तो हर पहाड़, हर जंगल, हर गांव डिजिटल मैप पर होगा!"

अब आगे क्या?

सूत्रों के अनुसार अब अंतिम मंजूरी की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसके बाद कस्टमर ट्रायल, डिश सेटअप, क्षेत्रीय साझेदार नियुक्ति होगी। पहले चरण में ग्रामीण, पहाड़ी और सरकारी स्कूलों-सेवा केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।

भारत में डिजिटल क्रांति की दूसरी लहर उठ चुकी है और इस बार रॉकेट की रफ्तार से! Starlink अगर आने वाले महीनों में लॉन्च हो गया, तो न सिर्फ इंटरनेट की दुनिया बदलेगी, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और शासन के तरीके भी पूरी तरह डिजिटल हो जाएंगे। इंटरनेट पर अब सिर्फ शहरों का हक नहीं रहेगा, अब देश का हर कोना इंटरनेट से जुड़ सकेगा।

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