नई दिल्ली : दिल्ली में आम आदमी के इलाज के लिए बड़ी क्रांति होने जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को ऐलान किया कि राजधानी में अब हर महीने 100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे। सरकार का लक्ष्य है कि इलाज की सुविधाएं लोगों को उनके घर के आसपास ही मिलें, ताकि छोटे-मोटे रोगों के लिए भीड़भाड़ वाले अस्पतालों में भागना न पड़े।
आपातकालीन स्थिति के लिए भी बड़ी तैयारी :
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार चाहती है कि इलाज में तेजी आए और मरीजों को प्राथमिक स्तर पर ही समुचित सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। यही वजह है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को न केवल सामान्य इलाज बल्कि आपातकालीन चिकित्सा के लिए भी तैयार किया जा रहा है।
बड़े साइज में भी बनेंगे आरोग्य मंदिर :
आपको बता दें कि सरकार ने तय किया है कि 100 गज जमीन पर भी आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे, लेकिन इससे बड़े आकार के केंद्र भी तैयार होंगे ताकि आपातकालीन हालात में यहां बेड, बड़े हॉल और पार्किंग की भी व्यवस्था की जा सके। रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकारी जमीन खोजकर बड़े आकार की इमारतें बनाएं, ताकि अचानक आवश्यकता पड़ने पर ये मिनी-अस्पताल की तरह कार्य कर सके।
12 सेवाएं एक ही छत के नीचे :
विदित है कि इन आरोग्य मंदिरों में सिर्फ बुखार-खांसी का इलाज ही नहीं होगा बल्कि 12 प्रकार की हेल्थ सर्विसेस मिलेंगी। इनमें शामिल हैं –
गर्भावस्था एवं प्रसव सेवाएं
नवजात और शिशु स्वास्थ्य
किशोर स्वास्थ्य देखभाल
परिवार नियोजन
संक्रामक रोगों की रोकथाम और उपचार
असंक्रामक रोगों की पहचान और प्रबंधन
नेत्र और ईएनटी (कान-नाक-गला) सेवाएं
दांतों की देखभाल
वृद्धजनों की देखभाल
जीवन के अंतिम चरण की देखभाल
आपातकालीन चिकित्सा
मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं
यानी राजधानी का हर नागरिक अब घर के पास ही छोटे-बड़े रोगों का इलाज करा सकेगा।
केंद्र से मिला 2400 करोड़ का सहारा :
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार को इन आरोग्य मंदिरों के लिए केंद्र सरकार से 2400 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि धन की कमी नहीं होगी और न ही इनके संचालन में कोई बाधा आएगी।
स्टाफ और सुविधाओं पर जोर :
गौरतलब है कि सरकार ने इन केंद्रों पर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, दाई, टीबी विशेषज्ञ और डाटा ऑपरेटर की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। यहां आधुनिक लैब, दवाइयों का भंडार, साफ-सुथरे शौचालय और फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
क्यों अहम हैं ये आरोग्य मंदिर?
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली में इस समय 67 आयुष्मान आरोग्य मंदिर चल रहे हैं, लेकिन नए मंदिर खुलने के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि सरकारी अस्पतालों पर दबाव घटेगा और लोग पास में ही इलाज करा सकेंगे।
नागरिकों का इलाज होगी पहली प्राथमिकता :
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा – “हमारा संकल्प है कि दिल्ली के नागरिकों को उनके घरों के आसपास ही बेहतरीन प्राथमिक इलाज मिले। इससे समय भी बचेगा और अस्पतालों की भीड़ भी कम होगी।”
साफ है कि आने वाले महीनों में दिल्ली की हेल्थकेयर व्यवस्था एक नई ऊंचाई पर पहुंचने जा रही है। छोटे-छोटे मोहल्लों में जब आयुष्मान आरोग्य मंदिर खुलेंगे तो यह राजधानी की सेहत को नई ताकत देंगे।