दिल्ली के 26वें पुलिस आयुक्त बने सतीश गोलचा!: 2020 के दंगों में...इतना कार्यकाल वही पहले ही दिन दिया यह बड़ा संदेश, जानें कौन हैं सतीश गोलचा?
दिल्ली के 26वें पुलिस आयुक्त बने सतीश गोलचा!

दिल्ली : राजधानी को शुक्रवार को उसका 26वां पुलिस आयुक्त मिलगोलचा गया। आईपीएस अधिकारी सतीश गोलचा ने एसबीके सिंह की जगह पदभार संभाल लिया है। सुबह 10 बजे जय सिंह रोड स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचे गोलचा ने 10:30 बजे दिल्ली पुलिस की कमान थाम ली। गोलचा अपनी सख़्त छवि और निर्णायक नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं। 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान बतौर स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) उन्होंने जिस तरह हालात को काबू किया था, वही उनकी पहचान बन गया।

जाने कौन हैं सतीश गोलचा?

आपकी जानकारी को बता दें कि सतीश गोलचा 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी है जो कि अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश (AGMUT) कैडर से आते हैं। इनका दिल्ली से गहरा नाता रहा है यही वे पुलिसिंग के कई अहम पदों पर तैनात रह चुके हैं। गोलचा 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में कानून-व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त रहते हुए सख्ती और रणनीति के लिए चर्चा में रहे। फोर्स के भीतर उन्हें कड़ा, ईमानदार और बिना दबाव काम करने वाला अफसर माना जाता है। अब 2027 तक दिल्ली पुलिस की कमान उनके हाथों में रहेगी।

क्यों बदला दिल्ली का टॉप पुलिस कमान?

आपको बता दें कि दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त एसबीके सिंह केवल 21 दिन तक ही अतिरिक्त प्रभार में रहे। माना जा रहा है कि सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के अगले ही दिन गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया और सतीश गोलचा को तैनात कर दिया। हालांकि, मंत्रालय ने साफ किया है कि यह बदलाव सीधे उस घटना से जुड़ा नहीं है।

चार साल बाद AGMUT कैडर का अफसर बना दिल्ली पुलिस चीफ़ :

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की कमान लंबे समय बाद अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र-शाषित प्रदेश (AGMUT) कैडर के हाथ में आई है। इससे पहले राकेश अस्थाना (गुजरात कैडर) और संजय अरोड़ा (तमिलनाडु कैडर) दिल्ली पुलिस कमिश्नर रहे।

पदभार संभालते ही दिया सख़्त संदेश :

आपको बता दें कि मुख्यालय पहुंचने के बाद वरिष्ठ ऑफिसरों से बैठक में गोलचा ने साफ कहा – “जो इंस्पेक्टर अच्छा काम करेगा, वही लंबे समय तक थानेदार रहेगा।”
इसका सीधा मतलब है कि अब तीन साल में ट्रांसफर का नियम बदल सकता है। पुलिस हलकों में माना जा रहा है कि पुराने नियम से भ्रष्टाचार बढ़ रहा था क्योंकि कई थानेदार सोचते थे कि “एक ही बार थानेदारी मिलेगी, जितना कर सकते हो कर लो।”

दिल्ली पुलिस में उठा-पटक तेज :

विदित है कि दिल्ली पुलिस के अंदरुनी हलकों में शुक्रवार को अजीब हालात देखने को मिले। दरअसल, पूर्व आयुक्त एसबीके सिंह ने ट्रांसफर लिस्ट जारी की थी, जिसमें कई ज्वाइंट कमिश्नरों का तबादला हुआ। लेकिन जब नए संयुक्त आयुक्त पदभार संभालने पहुंचे तो पुराने संयुक्त आयुक्त ने कुर्सी छोड़ने से साफ़ इनकार कर दिया।
नतीजा यह हुआ कि नए संयुक्त आयुक्त को बिना चार्ज लिए वापस लौटना पड़ा।
दिल्ली पुलिस के गलियारों में यह मामला दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।

गोलचा की बड़ी है चुनौती :

आपको बता दें कि दिल्ली जैसे हाई-प्रोफाइल और संवेदनशील शहर की कमान संभालना किसी भी आयुक्त के लिए बड़ी चुनौती होती है। बढ़ता अपराध, वीआईपी सुरक्षा, दंगों का खतरा और राजनीतिक दबाव; गोलचा को हर मोर्चे पर कसौटी पर कसना होगा।

सतीश गोलचा का सख़्त और निर्णायक अंदाज़ बताता है कि दिल्ली पुलिस में अब कई बड़े बदलाव तय हैं। हालांकि उनके ऊपर जिम्मेदारी बहुत ज्यादा रहेगी क्योंकि दिल्ली जैसे बड़े शहर का लॉ एंड आर्डर सम्हालना किसी चुनौती से कम नहीं रहता लेकिन गोलचा के पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि वो एक सख्त छवि के अच्छे पुलिस आयुक्त साबित होंगे।

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