मौसम की मार, उत्तर भारत में मानसून से भारी तबाही!: बादल फटने से लेकर बाढ़ तक; जनजीवन ठप...एक नज़र
मौसम की मार, उत्तर भारत में मानसून से भारी तबाही!

मौसम : उत्तर भारत इन दिनों मानसून की भीषण मार झेल रहा है। जम्मू–कश्मीर से लेकर पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान तक बाढ़ और भूस्खलन ने कहर ढा दिया है। नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर पानी भर गया है और कई राज्यों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों घायल हैं और लाखों विस्थापित हो गए हैं।

जम्मू–कश्मीर: बादल फटा, दर्जनों मौतें
किश्तवर जिले में बादल फटने से तबाही मच गई। अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हैं। करीब 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। वहीं, कटरा मार्ग पर भूस्खलन के चलते वैष्णो देवी यात्रा रोक दी गई है।

पंजाब: हजारों गांव डूबे, फसल चौपट
पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। 1,000 से ज्यादा गांव पानी में घिर चुके हैं। करीब 61 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है और 15 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। जालंधर, कपूरथला और फगवाड़ा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई इलाकों में स्कूल–कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

दिल्ली–एनसीआर: खतरे के निशान पार कर गई यमुना
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने दिल्ली को खतरे में डाल दिया है। यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। निचले इलाकों में पानी भरने से सड़कें दरिया में तब्दील हो गई हैं और ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया है।

हरियाणा–राजस्थान: पानी में डूबा जनजीवन
गुरुग्राम में महज पांच घंटे की बारिश ने शहर को ठप कर दिया। कई इलाकों में घरों और दफ्तरों में पानी घुस गया। स्कूल–कॉलेज बंद करने पड़े। राजस्थान के बीकानेर और हनुमानगढ़ जिलों में हालात बाढ़ जैसे हैं। बीकानेर में मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई।

रेल और सड़क यातायात बाधित:
बाढ़ और भूस्खलन से आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जम्मू और पंजाब मार्ग की 70 से अधिक ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इनमें कटरा वंदे भारत, श्री शक्ति एक्सप्रेस और जम्मू राजधानी जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं। हाईवे पर भूस्खलन और जलभराव के चलते घंटों लंबा जाम लगा हुआ है।

राहत कार्य: सेना और एनडीआरएफ मोर्चे पर
प्रभावित राज्यों में सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें मोर्चा संभाले हुए हैं। अब तक पांच हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। हेलीकॉप्टर से 21 टन खाद्य सामग्री और दवाइयां बाढ़ग्रस्त इलाकों तक पहुंचाई गई हैं।

उत्तर भारत में मानसून ने इस बार विकराल रूप ले लिया है। बाढ़ और भूस्खलन से जहां किसानों की मेहनत की कमाई चौपट हो गई, वहीं लाखों लोग बेघर हो गए हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश की संभावना जताई है। प्रशासन और राहत एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है—लोगों की जान बचाना और जनजीवन को सामान्य पटरी पर लौटाना।

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