अर्थव्यवस्था: 3 और 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली 56वीं GST काउंसिल बैठक में भारत की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में बड़े बदलावों पर चर्चा की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में GST स्लैब को सरल बनाने और आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में राहत देने के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
GST स्लैब में बदलाव: दो स्लैब की ओर कदम:
वर्तमान में GST में 5%, 12%, 18%, और 28% जैसे चार स्लैब हैं। नई व्यवस्था के तहत, 12% और 28% स्लैब को समाप्त कर केवल 5% और 18% स्लैब रखे जाने का प्रस्ताव है। इससे लगभग 400 वस्तुओं पर टैक्स में कमी आने की संभावना है, जिनमें टूथपेस्ट, शैम्पू, एयर कंडीशनर, और टेलीविजन जैसी वस्तुएं शामिल हैं। यह कदम उपभोक्ताओं के लिए राहतकारी साबित हो सकता है।
आवश्यक वस्तुओं पर राहत: रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी:
रिपोर्ट्स के अनुसार, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती, रोटी जैसी खाद्य वस्तुओं पर टैक्स को 5% तक घटाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्टेशनरी, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण पर भी टैक्स में कमी की संभावना है। इससे आम लोगों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कम खर्च करना पड़ेगा।
लक्ज़री वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव:
वहीं, लक्ज़री इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर GST बढ़ाकर 40% करने का प्रस्ताव है। इससे टेस्ला, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज-बेंज जैसी कंपनियों के लिए चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं, क्योंकि उनकी अधिकांश बिक्री प्रीमियम रेंज में होती है। हालांकि, स्थानीय कंपनियाँ जैसे टाटा मोटर्स और महिंद्रा पर इसका कम प्रभाव पड़ेगा।
राजस्व पर असर और राज्य सरकारों की चिंताएँ:
नई टैक्स व्यवस्था से ₹21,000 करोड़ तक के राजस्व की हानि का अनुमान है। इसका अधिकांश असर राज्य सरकारों पर पड़ेगा। कुछ राज्य सरकारें, जैसे कर्नाटका, केंद्र से राजस्व की भरपाई के लिए आश्वासन की मांग कर रही हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह हानि अस्थायी होगी और दीर्घकालिक में घरेलू खपत बढ़ने से राजस्व में वृद्धि हो सकती है।
उद्योगों पर प्रभाव: कौन जीतेगा, कौन हारेगा:
एफएमसीजी और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियाँ: HUL, LG, और Sony जैसी कंपनियाँ टैक्स में कमी से लाभान्वित हो सकती हैं।
ऑटोमोबाइल कंपनियाँ: Maruti Suzuki और Toyota जैसी कंपनियाँ छोटे पेट्रोल-हाइब्रिड वाहनों पर टैक्स में कमी से फायदा उठा सकती हैं।
लक्ज़री और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता: Tesla, BMW, और Mercedes-Benz जैसी कंपनियों को उच्च टैक्स दरों से नुकसान हो सकता है।
आगे की राह: कब लागू होंगे बदलाव:
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस पर आगामी दीवाली तक नई टैक्स व्यवस्था लागू करने की घोषणा की थी। इससे उपभोक्ताओं को दीवाली के समय में सस्ती वस्तुओं का लाभ मिल सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय GST काउंसिल बैठक के बाद ही लिया जाएगा।
यह प्रस्तावित बदलाव उपभोक्ताओं के लिए राहतकारी साबित हो सकते हैं, लेकिन उद्योगों और राज्य सरकारों के लिए चुनौतियाँ भी उत्पन्न कर सकते हैं। अंतिम निर्णय के बाद ही स्पष्ट होगा कि ये बदलाव किस हद तक लागू होते हैं और उनका वास्तविक प्रभाव क्या होगा।