संसदीय परंपराओं का महाकुंभ!: विट्ठलभाई पटेल की शताब्दी पर, दिल्ली में अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन का आगाज़ जिसमें देशभर से...
संसदीय परंपराओं का महाकुंभ!

राजनीति: भारतीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपराओं और संसदीय संस्थाओं की मजबूती पर गहन विमर्श के लिए अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन का आगाज़ हो गया। यह ऐतिहासिक सम्मेलन 24 और 25 अगस्त 2025 को दिल्ली विधानसभा में आयोजित हो रहा है। उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया। इस आयोजन का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि यह विट्ठलभाई पटेल के केंद्रीय विधानसभा अध्यक्ष बनने की शताब्दी वर्षगांठ को समर्पित है।

विट्ठलभाई पटेल की विरासत को मिलेगा सम्मान

24 अगस्त 1925 भारतीय संसदीय इतिहास की दृष्टि से ऐतिहासिक दिन था, जब विट्ठलभाई पटेल पहले निर्वाचित भारतीय विधानसभा अध्यक्ष बने थे। उनकी इस विरासत को सम्मान देने के लिए सम्मेलन में स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। साथ ही “गौरव गाथा” नामक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है, जिसमें उनके जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, दस्तावेज़ और संसदीय विकास की झलक प्रस्तुत की जा रही है।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गुप्ता ने कहा कि यह आयोजन लोकतांत्रिक परंपराओं को और अधिक सुदृढ़ करने तथा शासन में जवाबदेही की भावना को मजबूत करने का अवसर है।

देशभर से स्पीकर और उपसभापति जुटे:

इस सम्मेलन में देशभर से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। 29 राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, 17 उपाध्यक्ष और 6 विधान परिषदों के सभापति व उपसभापति इसमें मौजूद हैं। हाल के वर्षों में यह पीठासीन अधिकारियों की सबसे बड़ी सभा मानी जा रही है।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य भाषण देंगे। वहीं, राज्यसभा के सभापति और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।

एजेंडा: लोकतांत्रिक परंपराओं पर गहन चर्चा

सम्मेलन में कुल चार विषयगत सत्र रखे गए हैं

पहला सत्र: “विट्ठलभाई पटेल – भारत के संविधान और विधायी संस्थाओं को आकार देने में भूमिका”, जिसे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार संबोधित करेंगी।

दूसरा सत्र: “भारत – लोकतंत्र की जननी”, जिसमें राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण विचार प्रस्तुत करेंगे।
दूसरे दिन के सत्रों में संसदीय कार्यप्रणाली में सुधार, राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग तथा लोकतांत्रिक परंपराओं को नई दिशा देने पर गहन चर्चा होगी।

नई पहलें और वृत्तचित्र:

सम्मेलन के दौरान भारतीय संसदीय यात्रा पर आधारित एक विशेष वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसका वॉयस-ओवर प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने किया है। साथ ही प्रदर्शनी में संसद और विधानसभाओं से जुड़ी दुर्लभ सामग्री को प्रस्तुत किया गया है, जो युवाओं और शोधार्थियों के लिए उपयोगी और प्रेरणादायक साबित होगी।

लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में कदम:

यह सम्मेलन केवल अतीत को याद करने का अवसर नहीं है, बल्कि वर्तमान और भविष्य की दिशा तय करने का भी मंच है। इसमें संसदीय संस्थाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान, डिजिटल नवाचारों की संभावनाएँ और विधायी संस्थाओं में जवाबदेही बढ़ाने पर खास चर्चा होगी।

विट्ठलभाई पटेल की शताब्दी पर आयोजित यह अखिल भारतीय स्पीकर सम्मेलन भारतीय लोकतंत्र की गौरवपूर्ण यात्रा का उत्सव है। यह आयोजन संसदीय परंपराओं को सम्मान देने के साथ-साथ लोकतंत्र की मजबूती और नई चुनौतियों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

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