हरियाणा NCR : हरियाणा के एनसीआर जिलों में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब तक का सबसे सख्त और बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। 1 जनवरी 2026 से हरियाणा NCR में पेट्रोल और डीजल से चलने वाले कॉमर्शियल वाहनों पर रोक लगा दी जाएगी। इसका सीधा असर टैक्सी, मोटर कैब, ऑटो, डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियों पर पड़ेगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब CNG, इलेक्ट्रिक (EV) या हाइब्रिड वाहन ही चलेंगे। पेट्रोल-डीजल वाले नए वाहन बेड़े में शामिल नहीं हो पाएंगे।
किन जिलों में लागू होगा सख्त नियम?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह फैसला हरियाणा के NCR क्षेत्र में लागू होगा, जिसमें शामिल हैं -
फरीदाबाद
गुरुग्राम
झज्जर
सोनीपत
इन जिलों में चल रहे व्यावसायिक (कॉमर्शियल) वाहन अब चरणबद्ध तरीके से बाहर किए जाएंगे।
CAQM के आदेश से बदले नियम
विदित है कि यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देश संख्या 94 के तहत लिया गया है। इसके लिए हरियाणा मोटर वाहन नियम, 1993 के नियम 86-A में संशोधन भी कर दिया गया है। सरकार का लक्ष्य साफ है कि NCR में टेल-पाइप प्रदूषण कम करना और डिलीवरी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को ग्रीन मोबिलिटी की ओर ले जाना।
डिलीवरी कंपनियों पर सबसे बड़ा असर
गौरतलब हैं कि इस फैसले का सीधा प्रभाव पड़ेगा -
स्विगी
जोमैटो
ब्लिंकिट
अमेज़न
फ्लिपकार्ट और हजारों डिलीवरी पार्टनर्स पर।
अब ये कंपनियां पेट्रोल-डीजल बाइक, स्कूटर, ऑटो या छोटे ट्रक (LCV/LGV) नहीं चला पाएंगी केवल CNG या इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर/EV ही इस्तेमाल कर सकेंगी।
नए नियम आसान भाषा में समझिए
क्या होगा अनिवार्य?
मोटर कैब, टैक्सी और डिलीवरी सेवाओं में CNG / EV / हाइब्रिड वाहन ही शामिल होंगे।
किस पर लगेगी रोक?
पेट्रोल-डीजल से चलने वाले दोपहिया, तीनपहिया, 3.5 टन तक के चारपहिया (N1 श्रेणी) इन सबको नए बेड़े में जोड़ने की अनुमति नहीं होगी।
सोनीपत में डीजल ऑटो पूरी तरह बंद
सोनीपत जिला परिवहन अधिकारी सुभाष चंद्र ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर 2025 तक डीजल ऑटो चरणबद्ध तरीके से हटाए जाएंगे। 1 जनवरी 2026 से एक भी डीजल ऑटो चलने की अनुमति नहीं होगी। यह फैसला CAQM के निर्देश संख्या 70 के तहत लिया गया है।
जनता से मांगे गए सुझाव
हरियाणा परिवहन विभाग ने इस फैसले पर ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। प्रभावित लोगों, कंपनियों और एजेंसियों से 7 दिनों के भीतर आपत्ति या सुझाव मांगे गए हैं। इन सुझावों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) और परिवहन आयुक्त अतुल कुमार द्वारा विचार किया जाएगा।
क्यों लिया गया इतना कड़ा फैसला?
आपको बता दें कि सरकार का तर्क है कि NCR में बढ़ता प्रदूषण, डिलीवरी वाहनों की बेतहाशा संख्या, डीजल-पेट्रोल से निकलने वाला जहरीला धुआं इन सबने हवा को जानलेवा बना दिया है। इसलिए अब ग्रीन व्हीकल्स ही विकल्प रहेंगे।
हरियाणा NCR में अब संदेश बिल्कुल साफ है कि डीजल-पेट्रोल वाहन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। CNG-EV ही भविष्य का रास्ता है। यह फैसला भले ही शुरुआत में कठिन लगे, लेकिन सरकार का दावा है कि इससे हवा साफ होगी, प्रदूषण घटेगा और NCR को सांस लेने लायक बनाया जा सकेगा।