नई दिल्ली : दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी ऐपल के नए स्टोर खुलते ही भीड़ उमड़ पड़ती है। नया आईफोन लॉन्च हो या कोई अन्य गैजेट, लोग घंटों लाइन में लगकर इसे खरीदने को तैयार रहते हैं। भारत में ऐपल का दूसरा स्टोर खुलने पर भी यही नजारा था। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐपल में ऐसा क्या खास है जो इसे दुनिया भर में स्टेटस सिंबल बना देता है? क्यों अमेरिका, चीन और भारत जैसे देश इसके इकोसिस्टम पर कब्जे के लिए होड़ लगा रहे हैं? आइए जानते हैं ऐपल के सफर की पूरी कहानी।
जब राजधानी में Apple का स्टोर खुला, उमड़ी लोगों की कतारें:
आपको बता दें कि एप्पल ने जब दिल्ली-में अपना Store खोला तो देखने लायक मंजर था, सुबह से ही लोग लाइन में खड़े, सेल्फी ले रहे थे, दिल्ली में ये Apple का दूसरा स्टोर था, लेकिन क्रेज देख कर लगा जैसे कोई नया फेस्टिवल आ गया हो। USA और चाइना में भले ही Apple के 274 और 58 स्टोर हों, लेकिन भारत में सिर्फ 2 स्टोर हैं फिर भी यहां की भीड़ बता रही है कि भारत मे आईफोन के लिए कितना पागलपन है। जानें आखिर ऐसा क्या है Apple में जो पूरी दुनिया इसके पीछे दीवानी है?
1. ब्रांड की ताकत: एक बार जिसने Apple का प्रोडक्ट हाथ में लिया, वह दूसरी कंपनी की तरफ देखता भी नहीं।
2. यूज़र एक्सपीरियंस का जादू: सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, डिजाइन और परफॉर्मेंस सबकुछ सबसे बेस्ट अनुभव के साथ मिलता है।
3. हर प्रोडक्ट से सरप्राइज़: हर साल लॉन्च होने वाला iPhone मीडिया के लिए बड़ी खबर होता है।
4. Apple का अपना इकोसिस्टम: iPhone, iPad, MacBook, Apple Watch ये सब एक साथ काम करते हैं, जैसे एक फैमिली।
कहां से शुरू हुआ था Apple?
गौरतलब है कि Apple की शुरुआत स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक के हाथों हुई थी और उनके तीसरे साथी रोनाल्ड वेन, जो जल्द ही कंपनी छोड़कर चले गए।
Apple 1: पहला कंप्यूटर जो कि सिर्फ एक मदरबोर्ड था।
Apple 2: जिसने कंपनी को खड़ा किया
Macintosh (1984): पहली बार कंप्यूटर को “Beautiful” बनाया। उसके बाद फिर कंपनी में टकराव हुआ, जॉब्स को बाहर निकाल दिया गया
दिवालिया होने से लेकर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बनने तक:
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जॉब्स-के जाने के बाद कंपनी घाटे में चली गई। Microsoft का Windows तेजी से पॉपुलर हो रहा था। Apple के पास पैसा था लेकिन विजन नहीं। 1997 में जॉब्स की वापसी हुई और Apple की कहानी फिर से शुरू हुई।
"Think Different" से iPhone तक का धमाका:
विदित है कि जॉब्स ने आते ही iMac लॉन्च किया जो कि एक बेहद खूबसूरत कंप्यूटर था इसके बाद एक के बाद एक iBook, iPod (जिसने MP3 प्लेयर का मतलब ही बदल दिया), iPhone (2007 में दुनिया हिल गई), iPad, MacBook Air, Apple Watch, और अब Apple TV+ इन सब प्रोडक्ट ने एप्पल को एक ब्रांड के तौर पर स्थापित किया।
कुछ आंकड़े जो आपको चौंका देंगे:
आपकी जानकारी को बता दें कि अब तक 3 अरब से ज्यादा iPhones बिक चुके हैं। 2024 में कंपनी ने 23.18 करोड़ iPhones बेचे। साथ ही Q3 2025 में कमाई 94 अरब डॉलर रहीं, जिसमें से अकेले iPhone ने 44.5 अरब डॉलर दिए। सिर्फ एक फोन से 44 अरब डॉलर की कमाई हुई यही है Apple का कमाल जो इसे दुनिया में सबसे अलग बनाती है।
Apple के पीछे क्यों पागल हैं अमेरिका, चीन और भारत?
गौरतलब है कि अमेरिका iphone का सबसे बड़ा बाजार है और यहाँ इसके 274 स्टोर है। चीन अभी दूसरा सबसे बड़ा बाजार, पर अब वहां से निकलने की सोच रहा एप्पल, लेकिन भारत अब बना दुनिया का सबसे बड़ा iPhone सप्लायर बन अमेरिका तक को पछाड़ दिया है। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप इससे नाराज़, भारत पर टैरिफ लगाने की धमकी दे दी थी।
Apple सिर्फ प्रोडक्ट नहीं, एक पूरा ईकोसिस्टम है:
विदित है कि Apple ने ऐसा व्यापार का मॉडल बनाया, जिसमें प्रयोगकर्ता एक बार अंदर गया तो पुनः बाहर नहीं निकल सका।
App Store
Apple Music
iCloud
Apple TV+
और अब Vision Pro जैसे प्रोडक्ट्स
Apple आज सिर्फ एक कंपनी नहीं है। यह टेक्नोलॉजी का फैशन ब्रांड बन गया है। लोग iPhone खरीदते हैं, कॉल करने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए कि वह "iPhone वाला इंसान" कहलाना चाहते हैं। आईफोन लेना एक स्टेटस सिम्बल बन चुका है।