अहमदाबाद : हाल ही में अहमदाबाद हवाई अड्डे पर हुए विमान हादसे के दौरान 'मेडे' (Mayday) शब्द ने सुर्खियां बटोरीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विमान आपातकालीन स्थितियों में 'मेडे' के अलावा भी कई कोड और सिग्नल्स का इस्तेमाल किया जाता है? ये कोड पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच जान-बचाने की संवाद भाषा बन जाते हैं। आइए जानते हैं इन्हीं कोड्स के बारे में विस्तार से...
1. 'मेडे' (Mayday): जब जान को हो खतरा
आपको बता दें कि Mayday मतलब है कि "मैं गंभीर संकट में हूं, तुरंत मदद चाहिए!" इसका इस्तेमाल इंजन फेल्योर, आग लगना, क्रैश लैंडिंग जैसी जानलेवा स्थितियों में किया जाता है। इसमें पायलट तीन बार "मेडे मेडे मेडे" बोलकर ATC को अलर्ट करता है। आपको बता दें कि यह शब्द फ्रेंच m’aidez (मेडी मतलब "मेरी मदद करो") से लिया गया है।
2. 'पैन-पैन' (Pan-Pan): गंभीर पर जानलेवा नहीं
गौरतलब है कि Pan-Pan का मतलब है कि "मुझे तुरंत सहायता चाहिए, लेकिन जान को खतरा नहीं है।" इसका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी, नेविगेशन सिस्टम फेल, या लैंडिंग गियर में खराबी के समय किया जाता है। यह भी 3 बार बोला जाता है। यह फ्रेंच शब्द Panne से लिया गया है जिसका मतलब brekdown होता है।
3. 'स्क्वॉक कोड' (Squawk Codes): बिना बोले इमरजेंसी सिग्नल :
आपको बता दें कि इसमें पायलट ATC को ट्रांसपोंडर के जरिए 4 अंकों का कोड भेजकर संकट का संकेत देते हैं। ये कोड हैं:
●7500 – हाइजैक अलर्ट : अगर विमान का अपहरण हो गया हो, तो पायलट इस कोड को एक्टिवेट कर देता है। इसके बाद ATC तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करता है।
●7600 – रेडियो फेल्योर : अगर विमान का कम्युनिकेशन सिस्टम फेल हो जाए, तो यह कोड भेजा जाता है। इसमें ATC विमान को लाइट सिग्नल्स या अन्य तरीकों से गाइड करता है।
●7700 – जनरल इमरजेंसी : इंजन खराबी, मेडिकल इमरजेंसी, या कोई अन्य गंभीर समस्या होने पर यह कोड भेजा जाता है। इसमें ATC तुरंत प्राथमिकता देकर विमान को लैंड करवाता है।
4. 'इमरजेंसी फ्रीक्वेंसी – 121.5 MHz' :
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका मतलब "आखिरी उम्मीद की फ्रीक्वेंसी है। जब सामान्य संचार विफल हो जाए, तो पायलट इस फ्रीक्वेंसी पर ATC से संपर्क करता है। सैन्य विमान भी इसी फ्रीक्वेंसी पर अपहृत या अनधिकृत विमानों से संपर्क करते हैं।
5. 'फ्यूल मेडे' (Fuel Mayday): जब ईंधन खत्म होने वाला हो :
गौरतलब है कि फ्यूल मेडे का मतलब "मेरे पास बहुत कम ईंधन बचा है, तुरंत लैंडिंग चाहिए!" इसका इस्तेमाल तब होता अगर विमान में फ्यूल क्रिटिकल लेवल तक पहुंच जाए, उसके बाद पायलट यह अलर्ट जारी करता है।
विमानन में ये कोड और फ्रीक्वेंसीज जिंदगी और मौत के बीच का फर्क तय करते हैं। चाहे हाइजैक हो या इंजन फेल्योर, पायलट इन्हीं कोड्स के जरिए ATC को सेकंडों में अलर्ट कर देते हैं। अगली बार जब आप उड़ान भरें, तो याद रखें आपकी सुरक्षा के पीछे यही "इमरजेंसी कोड्स" काम कर रहे होते हैं।