यूपी में वोटर लिस्ट से गायब होंगे 1.25 करोड़ फर्जी वोटर!: ऐसे खुला फर्जीवाड़े का राज़, 29 सितंबर तक...वहीं पंचायत चुनाव?
यूपी में वोटर लिस्ट से गायब होंगे 1.25 करोड़ फर्जी वोटर!

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) ने जांच में ऐसे चौंकाने वाले मामले पकड़े हैं, जिनमें एक ही मतदाता का नाम कई-कई ग्राम पंचायतों में दर्ज मिला। अब आयोग ने अभियान चलाकर करीब सवा करोड़ डुप्लीकेट वोटरों के नाम काटने की तैयारी शुरू कर दी है।

संदिग्धों का घर-घर जाकर होगा सत्यापन :

आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि वे बीएलओ को घर-घर भेजकर इन संदिग्ध नामों का भौतिक सत्यापन कराएं। जिनका नाम अलग-अलग जगहों पर मिला, उन्हें तुरंत सूची से बाहर किया जाएगा।

ऐसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा :

गौरतलब है कि AI सॉफ्टवेयर ने वोटर लिस्ट को खंगालते हुए पाया कि :

●कहीं एक ही मतदाता का सरनेम पहले और बाद में बदलकर अलग-अलग पंचायतों में नाम दर्ज है।
●कई जगह एक ही व्यक्ति की उम्र और लिंग बदलकर नाम जोड़ दिए गए हैं।
●सिस्टम ने मतदाता और उसके पिता के नाम का 80% तक मिलान किया और चिह्नित कर दिया।

अब इन मामलों की जांच बीएलओ मौके पर जाकर करेंगे और आधार कार्ड समेत अन्य पहचान पत्रों से सच्चाई सामने लाएंगे।

आधार कार्ड होगा सबसे बड़ा हथियार :

विदित है कि सत्यापन के दौरान बीएलओ आधार कार्ड और अन्य सरकारी पहचान पत्र देखेंगे। ताकि यह साफ हो सके कि मतदाता वास्तव में किस गांव का है और उसका नाम एक ही जगह पर दर्ज रहे। यह भी तय किया गया है कि अगर किसी का नाम नगर निकाय और ग्राम पंचायत दोनों जगह दर्ज है, तो उसे तभी हटाया जाएगा जब शिकायत आएगी।

29 सितंबर तक पूरी होगी प्रक्रिया :

आपको बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि 29 सितंबर तक हर हाल में यह काम निपटाया जाए। यानी तय समयसीमा के भीतर ही मतदाता सूची से डुप्लीकेट नाम हटाकर अंतिम सूची तैयार करनी होगी।

चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई :

गौरतलब है कि फिलहाल यूपी में करीब 12 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। लेकिन AI की जांच और सत्यापन के बाद यह संख्या घटकर 10.75 करोड़ के आसपास रह सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्रवाई पंचायत चुनाव में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी।

साफ है कि यूपी के पंचायत चुनाव से पहले AI ने ऐसा फर्जीवाड़ा पकड़ लिया है, जिसने पूरे सिस्टम को हिला दिया है। आने वाले दिनों में जब वोटर लिस्ट से सवा करोड़ नाम काटे जाएंगे तो चुनावी समीकरण भी पूरी तरह बदल सकते हैं।

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