GDA की 170वीं बोर्ड बैठक में ऐतिहासिक निर्णय!: सिटी को हाईटेक औद्योगिक टाउनशिप वही किसानों को भूखंड...जानें बोर्ड बैठक के महत्वपूर्ण फैसले
GDA की 170वीं बोर्ड बैठक में ऐतिहासिक निर्णय!

गाजियाबाद : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) की 170वीं बोर्ड की ऐतिहासिक बैठक मंगलवार को हुई। मेरठ मंडल के आयुक्त एवं प्राधिकरण अध्यक्ष डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 16 प्रस्ताव रखे गए और कई बड़े फैसले लिए गए। उपाध्यक्ष अतुल वत्स और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे।

किसानों को मिला सबसे बड़ा तोहफ़ा; भूखंड का रास्ता साफ :

आपको बता दें कि लंबे समय से विवादों और कानूनी पेंच में फंसी मधुबन-बापूधाम योजना अब रफ्तार पकड़ने जा रही है। वर्ष 2004 से यह योजना किसानों के विरोध और भूमि अधिग्रहण की समस्याओं के कारण ठप थी। अब प्रभावित किसानों को 6% विकसित भूमि और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 20% भूखंड देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इस फैसले से लगभग 4000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां अनलॉक होंगी और किसानों को शीघ्र ही लॉटरी प्रक्रिया से भूखंड मिलेंगे। यह कदम किसानों और आम जनता दोनों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा।

गाजियाबाद बनेगा औद्योगिक हब: नई टाउनशिप को मंजूरी :

गौरतलब है कि बैठक में गाजियाबाद की औद्योगिक पहचान को नई ऊंचाई देने वाला बड़ा निर्णय भी लिया गया। ग्राम सैदपुर हुसैनपुर डीलना की 251 हेक्टेयर भूमि पर आधुनिक औद्योगिक टाउनशिप-सह-लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जाएगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट से गाजियाबाद में बड़े निवेश आएंगे और युवाओं को हजारों रोजगार अवसर मिलेंगे। यह टाउनशिप गाजियाबाद को दिल्ली-NCR का मेगा इंडस्ट्रियल सेंटर बना सकती है।

किफायती घरों का सपना होगा पूरा – 20 साल बाद नई हाउसिंग योजना :

विदित है कि गाजियाबाद में बढ़ती आबादी और मकानों की जरूरत को देखते हुए बोर्ड ने हरनन्दीपुरम आवासीय योजना को मंजूरी दी। यह योजना आठ गांवों की जमीन पर बनेगी। इसमें ज्यादातर भूमि सहमति से खरीदी जाएगी, जबकि बाकी का अधिग्रहण पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम, 2013 के तहत होगा। 20 साल बाद गाजियाबाद में आई यह योजना आम लोगों को किफायती घर देने की दिशा में मील का पत्थर होगी।

शादी-ब्याह और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए उत्सव भवन :

आपको बता दें कि जनता की जरूरतों को देखते हुए उत्सव भवन बनाने का भी फैसला हुआ है। यहां शादियां और सामाजिक कार्यक्रम कम दरों पर आयोजित किए जा सकेंगे। यह आम लोगों को बड़ी राहत देगा, खासकर मध्यमवर्ग और ग्रामीण इलाकों के परिवारों को।

शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा :

विदित है कि ग्राम डासना की 8.93 हेक्टेयर भूमि, जो सुंदरदीप एजुकेशनल सोसाइटी के पास है, को कृषि से संस्थागत उपयोग में बदलने की मंजूरी दी गई। इससे शिक्षा और रिसर्च के नए रास्ते खुलेंगे।

भविष्य के विकास का खाका-महायोजना 2031 :

विदित है कि गाजियाबाद, लोनी और मोदीनगर महायोजना-2031 के शेष क्षेत्रों के लिए जोनल डेवलपमेंट प्लान बनाने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया। इसके लिए कंसलटेंट्स का चयन होगा। यह कदम गाजियाबाद को सुनियोजित विकास की दिशा में ले जाएगा।

यह बैठक गाजियाबाद के लिए ऐतिहासिक रही। किसानों को उनकी जमीन का हक और भूखंड मिलेगा, गाजियाबाद को औद्योगिक पहचान और हजारों रोजगार, साथ ही आम जनता को किफायती घर और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए सुविधा के साथ शिक्षा और भविष्य की योजनाओं का सुनियोजित रोडमैप तैयार हो रहा। साफ है कि GDA के इन फैसलों से गाजियाबाद दिल्ली-NCR का सबसे बड़ा औद्योगिक और आवासीय हब बनने की राह पर तेजी से बढ़ चला है।

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