जनहितैषी पहल: योगी सरकार का “नो हेलमेट, नो फ्यूल” अभियान
जनहितैषी पहल

सुरक्षा के लिए जनता का सहयोग अनिवार्य:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से विशेष अपील की है कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान में सक्रिय भागीदारी दें। सीएम योगी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों को सुरक्षित व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करना है। उनका स्पष्ट संदेश है – ईंधन तभी मिलेगा जब हेलमेट सिर पर होगा।

अभियान का उद्देश्य और महत्व:

मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलमेट पहनना केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का तरीका है। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस पहल को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। अभियान का मुख्य लक्ष्य दोपहिया वाहन चालकों को सुरक्षित यात्रा की आदत विकसित कराना और सड़क दुर्घटनाओं में मौत और गंभीर चोटों को कम करना है।

पेट्रोल डीलर और विभागीय सहयोग

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि अभियान पूरी तरह जनता के हित में है। उन्होंने कहा कि इससे वाहनस्वामी जल्दी ही हेलमेट पहनने की आदत डालेंगे। आयुक्त ने तेल विपणन कंपनियों और पेट्रोल पम्प संचालकों से सहयोग की अपील की। साथ ही, खाद्य एवं रसद विभाग पेट्रोल पम्प स्तर पर आवश्यक समन्वय और निगरानी सुनिश्चित करेगा।

जन जागरूकता और प्रशासनिक समर्थन:

अभियान में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग भी जन जागरूकता बढ़ाने में सहयोग करेगा। पेट्रोल डीलर एसोसिएशन ने भी अभियान में सक्रिय समर्थन देने का आश्वासन दिया है। यह पहल प्रशासन, उद्योग और नागरिकों को मिलाकर सड़क सुरक्षा के प्रति ठोस कदम बढ़ाने में मदद करेगी।

अभियान की समयसीमा और संचालन

‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ अभियान 1 से 30 सितंबर तक पूरे प्रदेश में चलेगा। सभी जनपदों में जिलाधिकारी के नेतृत्व, डीआरएससी के समन्वय और पुलिस-प्रशासन-परिवहन अधिकारियों के सक्रिय प्रवर्तन के तहत यह अभियान संचालित होगा। इसका मूल संदेश है – “हेलमेट पहले, ईंधन बाद में।”

क्यों है यह अभियान महत्वपूर्ण

इस पहल के तहत, पेट्रोल पम्पों पर हेलमेट न पहनने वालों को ईंधन की आपूर्ति नहीं की जाएगी। यह कदम दोपहिया वाहन चालकों में हेलमेट पहनने की आदत मजबूती से डालने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का अवसर है।

सीएम की अपील: सुरक्षित उत्तर प्रदेश की ओर,

सीएम योगी ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे इस अभियान को केवल नियम नहीं, बल्कि सुरक्षा का संकल्प बनाएं। परिवहन आयुक्त ने कहा कि नागरिकों की जागरूकता, पेट्रोल पम्प संचालकों का सहयोग और प्रशासनिक निगरानी इस अभियान की सफलता की कुंजी हैं।

सारांशतः, ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ पहल केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण जनहितैषी कदम है। हर नागरिक को चाहिए कि वह “हेलमेट पहले, ईंधन बाद में” को अपने जीवन का नियम बनाए और उत्तर प्रदेश को सुरक्षित सड़क राज्य बनाने में सहयोग करे।

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