दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान!: घुमंतू परिवारों को घर और रोजगार...उपेक्षा से सम्मान की ओर एक बड़ा कदम?
दिल्ली सरकार का बड़ा ऐलान!

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के लिए बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विमुक्त जाति दिवस पर घोषणा की कि अब इन परिवारों को पक्का घर और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम उन लोगों के लिए बड़ी राहत है जो लंबे समय से असुरक्षा और अस्थिर जीवन जी रहे हैं।

हर परिवार को छत और काम:

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हर घुमंतू परिवार को स्थायी घर और रोजगार मिले। उन्होंने अपील की कि लाभार्थी समय पर अपने जरूरी दस्तावेज तैयार करें ताकि योजना का लाभ उन्हें तुरंत मिल सके। यह पहल इन समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी सामाजिक स्थिति सुधारने की दिशा में अहम साबित होगी।

योजना का खाका:

सरकार की योजना के मुताबिक पक्के मकान बनाए जाएंगे और बसावट क्षेत्रों में हाट-बाजार और रोजगार केंद्र स्थापित किए जाएंगे। दिल्ली सरकार और केंद्र मिलकर इस योजना को लागू करेंगे। इससे न केवल आजीविका का साधन मिलेगा, बल्कि इन परिवारों को सामाजिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

उपेक्षा से सम्मान तक का सफर:

स्वतंत्रता संग्राम में घुमंतू और विमुक्त समुदायों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है, लेकिन आज़ादी के बाद भी ये समाज उपेक्षित रहे। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार तक सीमित पहुँच के कारण इनका जीवन संघर्षपूर्ण रहा। सरकार का यह फैसला इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

नेतृत्व की मौजूदगी:

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा और रवींद्र इंद्राज सिंह भी मौजूद रहे। नेताओं ने एक स्वर में कहा कि यह योजना सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी और हजारों परिवारों का जीवन बदल देगी।

सांस्कृतिक उत्सव से जुड़ाव:

विमुक्त जाति दिवस के बाद मुख्यमंत्री ने राजधानी में मलयाली समुदाय के साथ ओणम उत्सव भी मनाया। उन्होंने पारंपरिक व्यंजनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओणम भाईचारे और समृद्धि का प्रतीक है। दिल्ली में करीब दस लाख मलयाली परिवार रहते हैं, जिनकी परंपराओं ने राजधानी की विविधता को और समृद्ध किया है।

विशेषज्ञों की राय:

नीति विशेषज्ञों का मानना है कि केवल घर उपलब्ध कराना पर्याप्त नहीं होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, कौशल विकास और बाज़ार तक पहुँच को भी इस योजना में शामिल करना जरूरी है। साथ ही, सरकार को पारदर्शिता और चरणबद्ध तरीके से काम करना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवार लाभ उठा सकें।

कुल मिलाकर, दिल्ली सरकार का यह फैसला घुमंतू और विमुक्त समुदायों के जीवन में स्थिरता और सम्मानजनक बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है। यदि यह योजना सही तरीके से लागू हुई, तो यह न केवल घर और रोजगार उपलब्ध कराएगी बल्कि हजारों परिवारों को बेहतर भविष्य और आत्मनिर्भर जीवन का अवसर भी देगी।

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