वाशिंगटन/नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड-ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल-बिल' को अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने एकदम कांटे-के लड़ाई में 215 वोट पक्ष और 214 विपक्ष के वोट से पारित कर दिया। अमेरिका की संसद में पास हुए इस बिल से भारत के करोड़ों परिवारों की जेब पर सीधा असर पड़ सकता है। अब इस बिल को लेकर अमेरिका में राजनीति गरमा गई है और अरबपति एलन मस्क खुलकर ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। लेकिन भारत में भी चिंता की सबसे बड़ी लकीर खिंच गई है क्योंकि इस बिल का असर सीधे भारत के अरबों डॉलर के रेमिटेंस पर पड़ने वाला है।
क्या है इस बिल का सबसे खतरनाक प्रावधान? :
आपको बता दें कि इस बिल के लागू होने के बाद से अमेरिका से विदेश भेजे जाने वाले पैसों पर 3.5% टैक्स लगेगा। वहीं इससे ग्रीन कार्डधारी, H-1B वीजा धारक भारतीय सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। अमेरिका से भारत में आने वाला हर साल करीब 129 अरब डॉलर का रेमिटेंस सीधे प्रभावित होगा। लाखों भारतीय परिवारों की आजीविका और जीवन स्तर पर गहरा असर पड़ने वाला है।
ट्रंप बनाम मस्क: बिल पर क्यों भिड़ गए दोनों दिग्गज? :
गौरतलब है कि इस बिल को ट्रंप ने अपने 2024 चुनावी वादों में शामिल किया था। वे इसे "देशभक्ति बिल" बता रहे हैं, जिससे अमेरिकी पैसा अमेरिका में रुकेगा। लेकिन एलन मस्क ने इस पर तीखा वार बताते हुए कहा कि : "कोई बिल या तो बड़ा हो सकता है या खूबसूरत; दोनों नहीं।" मस्क का दावा है कि यह वैश्विक इनोवेशन और ओपन इकॉनमी के खिलाफ है। अब ट्रंप और मस्क के रिश्ते खुलकर शत्रुतापूर्ण मोड़ पर पहुंच चुके हैं। सोशल मीडिया से लेकर कॉरपोरेट लॉबी में जोरदार बहस चल रही है।
भारत को क्यों लगेगा सबसे बड़ा झटका? :
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा रेमिटेंस पाने वाला देश है। 2024 में भारत को 129 अरब डॉलर का रेमिटेंस मिला यह पाकिस्तान और बांग्लादेश के सालाना बजट से भी ज्यादा है। आपको बता दें कि इस रेमिटेंस का सबसे बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है जो कि लगभग 28% है। नए टैक्स से अमेरिका में काम करने वाले लाखों भारतीयों के पैसे भेजना महंगा हो जाएगा। इससे अनुमान है कि हर साल अरबों डॉलर का नुकसान होगा, जो भारत की विदेशी मुद्रा भंडार और आर्थिक स्थिरता को हिला सकता है।
किन राज्यों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर? :
भारत में कई स्टेट की इकॉनमी रेमिटेंस से प्राप्त पैसे पर आधारित है जैसे उत्तर-प्रदेश, बिहार, केरल, महाराष्ट्र यहां लाखों-परिवार USA में रह रहे अपनों के पैसों-पर आश्रित हैं। छोटे गाँवों से लेकर बड़े शहरों तक की अर्थव्यवस्था इस झटके से लड़खड़ा सकती है।
अभी क्या स्थिति है? :
आपको बता दें कि बिल अभी सीनेट में अटका हुआ है, डेमोक्रेट्स इसका विरोध कर रहे हैं। वहीं अमेरिका में इस बिल का पारित होना बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। भारत सरकार भी राजनयिक चैनलों के जरिए दबाव बनाने की तैयारी में है।
अब सबकी निगाहें अमेरिकी सीनेट और भारत सरकार की कूटनीतिक सक्रियता पर टिकी हैं। अगर यह बिल कानून बन गया तो भारतीय परिवारों की जेब पर सीधा हमला होगा और इससे भारत की इकोनॉमी के लिए भारी-नुकसान हो सकता है।