जो एक दूसरे पर गोली चलाते हो, उनसे अमेरिका नहीं करेगा व्यापार!: भारत-पाक से व्यापार को लेकर ट्रम्प का बड़ा बयान, दोनों में युद्ध हुआ तो अमेरिका...मैनें रोका परमाणु-युद्ध?
जो एक दूसरे पर गोली चलाते हो, उनसे अमेरिका नहीं करेगा व्यापार!

वाशिंगटन/नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका चौंकाने वाला बयान जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध होता है, तो अमेरिका किसी के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं करेगा। यही नहीं, ट्रंप ने तो यहां तक कह डाला कि "हमने गोलियों की जगह व्यापार से परमाणु तबाही रोकी है!" ट्रंप का ये बयान तब आया है जब अमेरिका भारत पर 26% और पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगा चुका है। मगर इसके बावजूद उन्होंने दावा किया कि "हमने व्यापार के जरिए दोनों परमाणु देशों को युद्ध से रोका।"

जो एक-दूसरे पर गोली चलाते हों, उनसे अमेरिका नहीं करेगा व्यापार :

आपको बता दें कि एयरफोर्स वन से लौटते हुए, ट्रंप ने ज्वाइंट बेस एंड्रयूज पर कहा – "अगर भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से लड़ते हैं, तो मैं दोनों से किसी तरह का समझौता नहीं करूंगा। मैं उन्हें स्पष्ट कर दूंगा कि अमेरिका ऐसे देशों से व्यापार नहीं करता जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हों।” उन्होंने आगे कहा कि “मैं गर्व से कहता हूं कि हमने भारत-पाक युद्ध को रोका। हर बार वे गोलियों के बाद बातचीत करते थे, लेकिन इस बार हमने व्यापार के जरिए सुलह कराई।”

21 दिनों में 10 बार बोले ट्रंप – 'भारत-पाक संघर्ष मैंने रोका :

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप पिछले 21 दिनों में 10 बार ये दावा दोहरा चुके हैं कि उनकी मध्यस्थता ने भारत-पाक युद्ध को रोका। 21 मई को एलन मस्क के इस्तीफे के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उन्होंने यही दोहराया था। ट्रंप ने कहा कि अगर हम हस्तक्षेप नहीं करते, तो ये युद्ध परमाणु तबाही में बदल सकता था। भारत और पाकिस्तान दोनों के नेता समझदार हैं, उन्होंने हमारी पहल को समझा और आगे कदम उठाया।

भारत का करारा जवाब – 'ना तीसरे देश की जरूरत थी, ना उनकी रही भूमिका :

ट्रंप के इन बयानों पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-पाक संघर्ष विराम में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीधी बातचीत से ही समझौता हुआ। अमेरिका के बयान बेबुनियाद हैं। भारत ने साफ कर दिया कि डिप्लोमैटिक ग्लोरी के लिए अमेरिका झूठा क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहा है, जिसे वह स्वीकार नहीं करेगा।

व्यापार समझौता बनाम कूटनीतिक दबाव :

गौरतलब है कि ट्रंप एक तरफ भारत पर भारी टैरिफ थोपते हैं, दूसरी तरफ व्यापार समझौते का राग अलापते हैं। 26% अमेरिकी टैरिफ फिलहाल 9 जुलाई तक निलंबित है, लेकिन 10% बेसलाइन शुल्क अभी भी लागू है। सूत्रों के मुताबिक, 25 जून तक अमेरिका-भारत के बीच अंतरिम व्यापार समझौता हो सकता है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल हाल ही में दो बार वाशिंगटन जाकर अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से मिले हैं।

क्या ट्रंप का दावा अगले चुनाव की रणनीति है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का यह रवैया आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए एक राजनीतिक तमाशा है। ट्रंप अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में सुपरहीरो बनने की कोशिश कर रहे हैं,” एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा कि भारत जैसे देश पर झूठे क्रेडिट का दावा, एक खतरनाक कूटनीतिक मिसफायर है।

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान जितना भड़काऊ है, उतना ही भ्रामक भी।
भारत स्पष्ट कर चुका है कि न वह किसी मध्यस्थता को मान्यता देता है, न ही ट्रंप के ‘परमाणु युद्ध रोकने’ जैसे बयान को गंभीरता से लेता है।

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