नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ रविवार को इंडिया गेट पर हुए विरोध प्रदर्शन में दिल्ली पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 80 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों में अभिभावक, पर्यावरण कार्यकर्ता और छात्र शामिल थे, जो 'हवा में जहर है' और 'I can't breathe' जैसे पोस्टर लेकर साफ हवा के अधिकार की मांग कर रहे थे।
इस प्रदर्शन में AAP और कांग्रेस समेत कई दलों के कई नेता भी शामिल हुए।
प्रदर्शन का कारण क्या था?
आपको बता दें कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे नाराज नागरिकों ने इंडिया गेट पर जमा होकर केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 को पार कर गया, जिसमें वजीरपुर में 424, बवाना में 426 और आरके पुरम में 422 AQI दर्ज किया गया।
पुलिस ने क्यों की कार्रवाई?
दिल्ली पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के इकट्ठा होकर मान सिंह रोड को जाम कर दिया था। नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महला ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को बार-बार समझाया गया कि वे सड़क खाली कर दें और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करें, लेकिन जब वे नहीं माने तो उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।
आयी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं :
गौरतलब है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "शांतिपूर्ण तरीके से स्वच्छ हवा की मांग कर रहे नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है?" उन्होंने कहा कि नागरिकों पर हमला करने के बजाय प्रदूषण पर निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रदूषण के आंकड़ों में हेरफेर का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार वास्तविक समस्या से ध्यान हटा रही है।
इस पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा बोले कि कोई सरकार 10 साल की गन्दी हवा को 8 महीने में नहीं साफ कर सकतीं हमने एन्टी स्मॉग गन औऱ मलबे सहित हर दिशा में सही काम किया है।
प्रदर्शन में कौन शामिल था?
प्रदर्शन में जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ-साथ कई अभिभावक और पर्यावरण कार्यकर्ता शामिल थे। साथ ही कांग्रेस और AAP के कई नेता शामिल रहे। पर्यावरण कार्यकर्ता भवरीन कंधारी ने बताया, "हर तीसरे बच्चे के फेफड़े प्रदूषण से प्रभावित हैं। यह प्रदर्शन उन अभिभावकों का है जो अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं।"
स्वास्थ्य पर गम्भीर प्रभाव :
विदित है कि दिल्ली के अस्पतालों में सांस और अस्थमा के मरीजों की संख्या में 10-15% की वृद्धि दर्ज की गई है। डॉक्टरों ने लोगों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से बचने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
क्या उठाये गए सरकारी कदम :
इस बीच, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण और ट्रैफिक कम करने के लिए सरकारी और एमसीडी दफ्तरों का समय बदल दिया है। 15 नवंबर से दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुलेंगे। वहीं MCD का दफ्तर सुबह 8.30 से 5 बजे तक खुलेगा।
यह घटना दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और उससे निपटने में सरकारी प्रयासों की कमी को उजागर करती है, जबकि नागरिकों का मानना है कि स्वच्छ हवा पाना उनका मौलिक अधिकार है।